tag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post4018647687900932335..comments2024-02-18T20:15:46.760-08:00Comments on ! कौशल !: कायरता की ओर बढ़ रहा आदमी .Shalini kaushikhttp://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-8389191495563164112013-05-16T08:21:37.281-07:002013-05-16T08:21:37.281-07:00शालिनीजी आपने जिस व्यथा को उकेरा है वह हम सबकी है....शालिनीजी आपने जिस व्यथा को उकेरा है वह हम सबकी है.मैने इसकी चर्चा अपने ब्लाग "अंतर्कथन"में"क्षरित हो रही नैतिकता" एवं "अपराध को जन्म देने वाली काकटेल" के अंतर्गत की है.जब तक हम अपनी पीढियों को संस्कारवान बनाने पर ध्यान नही देंगे यह समस्या बनी रहेगी.दूसरे संस्कारों के इस अभियान में समाज के हर तबके को शामिल करना होगा.SANJAY TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/11409479457211913450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-73691652102913842152013-05-16T08:21:36.773-07:002013-05-16T08:21:36.773-07:00शालिनीजी आपने जिस व्यथा को उकेरा है वह हम सबकी है....शालिनीजी आपने जिस व्यथा को उकेरा है वह हम सबकी है.मैने इसकी चर्चा अपने ब्लाग "अंतर्कथन"में"क्षरित हो रही नैतिकता" एवं "अपराध को जन्म देने वाली काकटेल" के अंतर्गत की है.जब तक हम अपनी पीढियों को संस्कारवान बनाने पर ध्यान नही देंगे यह समस्या बनी रहेगी.दूसरे संस्कारों के इस अभियान में समाज के हर तबके को शामिल करना होगा.SANJAY TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/11409479457211913450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-42776443685442663352013-05-16T08:21:35.898-07:002013-05-16T08:21:35.898-07:00शालिनीजी आपने जिस व्यथा को उकेरा है वह हम सबकी है....शालिनीजी आपने जिस व्यथा को उकेरा है वह हम सबकी है.मैने इसकी चर्चा अपने ब्लाग "अंतर्कथन"में"क्षरित हो रही नैतिकता" एवं "अपराध को जन्म देने वाली काकटेल" के अंतर्गत की है.जब तक हम अपनी पीढियों को संस्कारवान बनाने पर ध्यान नही देंगे यह समस्या बनी रहेगी.दूसरे संस्कारों के इस अभियान में समाज के हर तबके को शामिल करना होगा.SANJAY TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/11409479457211913450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-25390679754546382292013-05-16T01:52:10.019-07:002013-05-16T01:52:10.019-07:00सच में आज के समय में आदमी बहुत कायर हो गया
है . व...सच में आज के समय में आदमी बहुत कायर हो गया <br />है . वो बात ही नहीं रही जो हिम्मत <br />पहले जामने के लोगो में होती थी Manoj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16191596962503653854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-33613165646789803442013-05-16T01:51:31.869-07:002013-05-16T01:51:31.869-07:00सच में आज के समय में आदमी बहुत कायर हो गया
है . व...सच में आज के समय में आदमी बहुत कायर हो गया <br />है . वो बात ही नहीं रही जो हिम्मत <br />पहले जामने के लोगो में होती थी Manoj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16191596962503653854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-15203900411912914452013-05-15T23:56:32.346-07:002013-05-15T23:56:32.346-07:00सहमत हूं विजय जी की बात से ... धर्म की आड़ में छद्...सहमत हूं विजय जी की बात से ... धर्म की आड़ में छद्म वेश धर रहे हैं लोग और धर्म को बदनाम कर रहे हैं ..<br />नैतिक बल में कमी, भौतिक भूक बढ़ रही है ... जो दरिंदगी में बदल रही है आदमी के ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-2607669831908143802013-05-15T06:33:20.083-07:002013-05-15T06:33:20.083-07:00वस्तुतः आज अधर्म को 'धर्म' कह कर महिमा मंड...वस्तुतः आज अधर्म को 'धर्म' कह कर महिमा मंडित किया जा रहा है और उसी खातिर खून-खराबा तक हो जाता है किन्तु वास्तविक धर्म को ठुकरा दिया जाता है। 'धर्म'='सत्य,अहिंसा(मनसा-वाचा-कर्मणा),अस्तेय,अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य'ही है बाकी सब पोंगापंथ-ढोंग-दिखावा -ठगी है जिसके पीछे दुनिया भाग रही है और इसी लिए अपराध दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। नागरिकता की प्रथम पाठशाला=परिवारों से ही वास्तविक धर्म को कर्म मे उतारने की शिक्षा दी जाये तभी सफलता मिल सकेगी। <br />http://krantiswar.blogspot.in/2013/05/blog-post_14.htmlvijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-48937548338911968592013-05-15T04:26:45.800-07:002013-05-15T04:26:45.800-07:00वैदिक संस्कृति के सारतत्व को हम बिसराते जा रहे हैं...वैदिक संस्कृति के सारतत्व को हम बिसराते जा रहे हैं जिसका परिणाम हमारे सामने है !!पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-54227520419323778982013-05-15T03:30:30.566-07:002013-05-15T03:30:30.566-07:00कहते हैं लड़ाई हौसले से लड़ी जाती है . इस युद्ध को ज...कहते हैं लड़ाई हौसले से लड़ी जाती है . इस युद्ध को जितने के लिए हौसला बुलंद करना पड़ेगा <br />डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को <br />अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को<br />latest post<a href="http://www.kpk-vichar.blogspot.in/2013/05/blog-post_12.html#comment-form" rel="nofollow"> हे ! भारत के मातायों</a><br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/05/blog-post.html#links" rel="nofollow">अनुभूति : क्षणिकाएं</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.com