tag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post6419889635200325676..comments2024-02-18T20:15:46.760-08:00Comments on ! कौशल !: धिक् पुरुष की गन्दी सोचShalini kaushikhttp://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-6637764927289648432014-01-30T23:49:04.720-08:002014-01-30T23:49:04.720-08:00sateek likha hai aapne .aabhar sateek likha hai aapne .aabhar Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-70318521628343640952014-01-30T23:46:38.441-08:002014-01-30T23:46:38.441-08:00शालिनी जी .बहुत ही तर्कसंगत और और सार्थक विश्लेषण ...शालिनी जी .बहुत ही तर्कसंगत और और सार्थक विश्लेषण किया है आपने .पुरुष की घिनौनी सोच काफी हद तक इन दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है नारी को दोयम दर्जे का स्थान दिया जाना, उनकी कुत्सित मानसिकता का पोषण करता है. Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04696193032082086199noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-53900641277517384652014-01-30T19:44:26.795-08:002014-01-30T19:44:26.795-08:00सभ्य समाज के सशक्त मानक स्थापित करने होंगे।सभ्य समाज के सशक्त मानक स्थापित करने होंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-35542383922133421932014-01-30T15:27:12.611-08:002014-01-30T15:27:12.611-08:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (31-01-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2014/01/1508.html" rel="nofollow">"कैसे नवअंकुर उपजाऊँ..?" (चर्चा मंच-1508) </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com