tag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post8028124493019889635..comments2024-02-18T20:15:46.760-08:00Comments on ! कौशल !: भाजपा के एक और गलत-ज्ञानी Shalini kaushikhttp://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-30721927661739939342015-07-10T05:14:30.136-07:002015-07-10T05:14:30.136-07:00ऐसा नहीं है कि शालिनी जी आपकी जानकारी न हो कि यह ...ऐसा नहीं है कि शालिनी जी आपकी जानकारी न हो कि यह गीत रविंद्रनाथ टैगोर ने जार्ज पंचम के आगमन पर लिखा था। <br />हाँ मै कल्याण सिंह की इस बात से कदापि सहमत नहीं हूँ कि इसको बदलना चाहिए। kb rastogihttps://www.blogger.com/profile/00357406701640765994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-47384772566092257062015-07-09T00:32:27.843-07:002015-07-09T00:32:27.843-07:00मैं इतना जरूर कहना चाहूँगा कि किसी कवि की रचना को ...मैं इतना जरूर कहना चाहूँगा कि किसी कवि की रचना को इस प्रकार से बदला नहीं जा सकता (जैसे कल्याणसिंह ने कहा है) - बिना उनकी सम्मति के. यह उनकी मौलिक संपत्ति है. चाहे तो राष्ट्रगान को ही बदल लें, लेकिन तोड़ - मरोड़ न करें. खासकर नोबल से सत्कारित कवि और वह भी उनकी अनुपस्थिति में, उनकी रचना से छेड़छाड़ -- एक निंदनीय कृत्य होगा.<br /> मैं इस जिरह में नहीं जाना चाहता कि यह कब किसलिए लिखा गया था. किस शब्द का मतलब क्या है... इन सब पर राष्ट्रगान घोषित करने के पहले विचार होना उचित था. पर जो हाै सो है. सही लगे तो रहने दें अन्.था नियमों तहत बदल लें किंतु फेरबदल न करें.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8605601642921731089.post-61710001639033996932015-07-08T08:48:28.536-07:002015-07-08T08:48:28.536-07:00आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज बृहस्रपतिवा...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज बृहस्रपतिवार (09-07-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2015/07/2026.html" rel="nofollow"> "माय चॉइस-सखी सी लगने लगी हो.." (चर्चा अंक-2031) </a> (चर्चा अंक- 2031) पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंकडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com