राजीव गांधी को नमन
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एक नमन राजीव जी को आज उनकी जयंती के अवसर पर.राजीव जी बचपन से हमारे प्रिय नेता रहे आज भी याद है कि इंदिरा जी के निधन के समय हम सभी कैसे चाह रहे थे कि राजीव जी आयें और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाएँ क्योंकि ये बच्चों की समझ थी कि जो जल्दी से आकर कुर्सी पर बैठ जायेगा वही प्रधानमंत्री हो जायेगा.तब हमारे दिमाग की क्या कहें वह तो उनके व्यक्तित्व पर ही मोहित था जो एक शायर के शब्दों में यूँ था- ''लताफत राजीव गाँधी,नफासत राजीव गाँधी , थे सिर से कदम तक एक शराफत राजीव गाँधी , नज़र आते थे कितने खूबसूरत राजीव गाँधी.'' राजीव जी का जन्म २० अगस्त १९४४ को हुआ था और राजनीति से कोसों दूर रहने वाले राजीव जी अपनी माता श्रीमती इंदिरा जी के कारण राजनीति में आये और देश को पंचायत राज और युवा मताधिकार जैसे उपहार उन्होंने दिए .आज उनकी जयंती के अवसर पर मैं उन्हें याद करने से स्वयं को नही रोक पाई किन्तु जानती हूँ कि राजीव जी भी राजनीति में आने के कारण बोफोर्स जैसे मुद्दे का कलंक अपने माथे पर लगाये २१ मई १९९१ को एक आत्मघाती हमले का शिकार होकर हम सभी को छोड़