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2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

ग्रे डिवोर्स

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 तलाक, एक ऐसा दुःखद शब्द, भावना या अनुभूति जिसे शायद ही कोई शादीशुदा जोड़ा अपनी शादी के साथ जोड़ने की इच्छा भारतीय संस्कृति में करे, प्राचीन भारतीय संस्कृति में तलाक या विवाह विच्छेद का कोई स्थान नहीं था किंतु जैसे जैसे समाज ने तरक्की की, संस्कृति ने आधुनिकीकरण का बाना धारण किया, तलाक भी भारतीय शादीशुदा जोड़ों की जिंदगी में अपनी जगह बना गया और फिर रही बॉलीवुड की चमचमाती जिंदगी, वहां तो आए दिन शादी, लिव इन, तलाक जैसे शब्दों का प्रचलन आम है.     अभी हाल ही में मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अपने बेटे की शादी की, जिसमें लगभग पूरा बॉलीवुड आमंत्रित था. आमंत्रित थे बिग बी अमिताभ बच्चन अपने पूरे परिवार के साथ. उड़ती हुई खबरों के मुताबिक अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन और उनकी पत्नी पूर्व मिस वर्ल्ड और प्रसिद्ध अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन भी वहां आई किन्तु अभिषेक जहां अपने माता पिता और बहन के साथ व्यस्त रहे, वहीं दूसरी ओर ऐश्वर्या अपनी बेटी के साथ अलग आई और इन सबसे अलग ही रही, इस तरह की रिपोर्ट के बाद अभिषेक ऐश्वर्या मे मनमुटाव की सुगबुगाहट उनके प्रशंसकों में होना कोई बड़ी बात नहीं थी किन्

योगी सरकार का आदेश सर्वजन हितकारी

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   कांवड़ यात्रा 2024 को सुविधाजनक और सद्भावना पूर्ण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा एक अति महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. योगी सरकार ने कहा है -"कि यात्रा मार्ग पर दुकानों के संचालक या मालिक को अपनी पहचान लिखनी होगी."                 योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने कहा है कि ये फैसला कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए लिया गया है. ये आदेश पूरे उत्तर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है .                                 उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश में कहा है-" कि दुकानें हों या ठेले, सभी पर अपना नाम लिखें, जिससे कांवड़ यात्री ये जान सकें कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं.".                                                                   मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगानी होगी. साथ ही दुकानों पर मालिक का नाम लिखना होगा. आदेश के अनुसार, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी.                  

मृतक अनुदान योजना में बदलाव करे भारतीय सरकार

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*कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता का दुख  फरवरी 2023 में अंशुमान-स्मृति की शादी । 5 महीने बाद अंशुमान शहीद । देवरिया के लार विकास खंड के बरडीहा दलपत गांव के रहने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई, 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए थे। कैप्टन अंशुमान ने फाइबरग्लास की झोपड़ी में आग में घिरे सैन्य अधिकारियों को बचाया, लेकिन जब आग मेडिकल जांच आश्रय स्थल तक फैल गई, तो कैप्टन अंशुमन ही उस आग में घिर गए और अपनी जान गंवा बैठे।भारतीय सेना के टेंट में आग लगने पर अन्य सैनिकों को बचाने में 19 जुलाई को सियाचिन में शहीद हुए कैप्‍टन अंशुमान सिंह को कुछ दिन पहले राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कीर्ति चक्र से सम्‍मानित किया गया. यह सम्मान उनकी पत्‍नी स्‍मृति और मां मंजू सिंह ने ग्रहण किया.  शहीद अंशुमन सिंह के पिता ने बताया कि , 'अंशुमन की पत्नी स्मृति तेरहवीं के दिन अपनी मां के साथ नोएडा चली गई. नोएडा में वह मेरे बेटे से जुड़ी हर चीज, उसकी तस्वीर, उसकी शादी के एल्बम सर्टिफिकेट कपड़े सब लेकर अपने मां-बाप के पास चली गई. हमें इसकी जानकारी तब हुई जब मेरी बेटी वापस नोएडा गई तो वहा

डरो मत - डराओ मत - राहुल गांधी का संदेश

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हिन्दू और हिन्दुत्व वर्तमान में सबसे ज्यादा विवादस्पद शब्द है. हिन्दू और हिन्दुत्व इतना कमजोर कभी नहीं रहा जितना कमजोर वर्तमान में दिखाई दे रहा है. जरा सा भी कहीं हिन्दू और हिन्दुत्व शब्द का उच्चारण हुआ नहीं कि हाथों में लाठियां और मुँह पर गालियां चमकने लगती हैं. पहले जब भी चुनाव होते थे उससे पहले जिस तरह से "इस्लाम खतरे में है" शब्द शहर की गलियों में शोर मचाये रहता था, आज वह स्थिति पलट चुकी है, अब इस्लाम पर मँडराया खतरा सनातन पर, हिन्दू और हिन्दुत्व पर आ गया है. अशिक्षा एवं अज्ञानता के कारण जो कट्टरता एक मुसलमान में नजर आती थी आज शिक्षा और ज्ञान के उजाले से भरपूर हिन्दू में भी दिखाई दे रही है.       अभी पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए बीजेपी के हिन्दुत्व पर भी आक्षेप प्रस्तुत कर दिया और कहा कि - "हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता। ये लोग हिंदू नहीं हैं क्योंकि 24 घंटे हिंसा की बात करते हैं। नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं हैं। भाजपा पूरा हिंदू समाज नहीं है। आरएसएस पूरा हिंदू समा

प्रोटेम स्पीकर चयन - विवेकाधिकार का इस्तेमाल होना चाहिए था.

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            देश में 18 वीं लोकसभा गठित होने जा रही है. भारतीय परंपरा के अनुसार जब भी कोई नई लोकसभा गठित होती है तो संसद के निचले सदन अर्थात लोकसभा में सबसे लम्बा समय गुजारने वाले सदस्य या निर्वाचित सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। संसदीय मामलों के मंत्रालय के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन प्रोटेम स्पीकर का नाम राष्ट्रपति के पास भेजता है। इसके बाद राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करते रहे हैं, प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाते है। नए सांसदों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सरकार दो-तीन नामों की सिफारिश करती है। करीब दो दिनों तक सदस्यों को शपथ दिलाने का काम चलता है और इसके बाद सदस्य अपने लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव करते हैं।       इस प्राचीन परंपरा के अनुसार कांग्रेस के आठ बार के सांसद कोडिकुनिल सुरेश को 18 वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर चुना जाना चाहिए था. किन्तु कटक से भाजपा सांसद भतृहरि महताब जो कि कॉंग्रेस पार्टी के सांसद के. सुरेश से 1 बार कम 7 बार के सांसद हैं इसलिए वरिष्ठता में उनसे कम हैं, को लोकसभा के अध्यक्ष का चुना

इस तरह से नहीं बचेगी दुनिया

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     आग बरस रही है पिछले डेढ़ महीने से पूरे उत्तर भारत में और आगे भी जो समाचार आ रहे हैं उनमे भी गर्मी से राहत की कोई खबर नहीं आ रही है. दिल्ली में लू का ओरेंज एलर्ट जारी किया गया है, आम जनता से घरों के अंदर रहने के लिए कहा जा रहा है, ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहें - फलां फलां निवेदन किए जा रहे हैं जो कि धरातल पर पूरे किए जाने मे लगभग असंभव है. तेज झुलसाने वाली धूप से, गर्मी से सब परेशान हैं किन्तु एक भी आवाज इसके मूल कारण को सामने लाने के लिए नहीं उभर रही है और न ही किसी के द्वारा भी सूर्य देव के इस तरह से फट पड़ने की जिम्मेदारी उठाई जा रही है. बस इतना है कि कहीं हाईवे निर्माण के नाम पर तो कहीं कांवड़ मार्ग बनाए जाने के लिए करोड़ों पेड़ों की अन्धाधुन्ध कटाई जारी है.       नेचर जर्नल के अध्ययन में वृक्ष आवरण हानि की वर्तमान और ऐतिहासिक दरों का अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि 12,000 साल पहले कृषि की शुरुआत के बाद से दुनिया भर में पेड़ों की संख्या में 46 प्रतिशत की गिरावट आई है और हर साल 15 अरब से अधिक पेड़ काटे जाते हैं। प्रतिदिन लगभग 42,000,000 पेड़ काटे जाते हैं । पहली बार अ

परीक्षाओं की धांधली से डूबता युवाओं का भविष्य

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        परीक्षाओं में धांधली इस समय चरम पर है. वैसे ऐसा कभी नहीं रहा है जब परीक्षाओं में और उनके परिणामों में धांधली न की गई हो. बस इतना है कि कॉंग्रेस पार्टी द्वारा आरटीआई कानून लाने के बाद से परीक्षार्थियों को इन धांधलियों को खोलने का एक हथियार हाथ लग गया. आजकल के समाचारों में पी सी एस(जे)  मुख्य परीक्षा 2022 और NEET परिक्षा मे हुई धांधली को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.     NEET और पी सी एस (जे) जैसी परीक्षाओं में लाखों बच्चे मेहनत से तैयारी करते हैं और अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण घण्टे इस तैयारी में लगाते हैं। पूरा परिवार अपने बच्चे के इस प्रयास में अपनी श्रद्धा और शक्ति डालता है। लेकिन साल दर साल इन परीक्षाओं में पेपर लीक, रिजल्ट से जुड़ी गड़बड़ियाँ सामने आ रही है।         NEET परीक्षा का परिणाम 4 जून को घोषित किया जाता है. लखनऊ की आयुषी पटेल का रिजल्ट नेट पर नहीं दिखाई देता है बाद में उसके मोबाइल पर मैसेज आता है कि आपका रिजल्ट जेनेरेट नहीं किया जा सकता है क्योंकि आपकी ओ एम आर शीट फटी हुई है. अब क्या करे आयुषी पटेल, सिवाय कोर्ट की शरण में जाने के.      पी सी एस (जे)  मुख्य परीक्षा

कांधला के हिन्दू धर्म गुरु भी सम्मान दें कांधला के मुस्लिम धर्म गुरुओं के एलान को

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      उत्तर प्रदेश के जनपद शामली के कस्बा कांधला में मुस्लिम धर्म गुरुओं द्वारा दो दिन पूर्व किया गया एलान "शादी में डीजे बजाया तो मौलाना नहीं पढ़ाएंगे निकाह" उनकी समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने का प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत कर गया.       आज दावतों, पार्टियों, जुलूसों, शादी विवाहों में डीजे बजाया जाना एक प्रचलन बन चुका है जिसकी तीव्रता ध्वनि न केवल कान फोड़ू है बल्कि मस्तिष्क की नसों तक को झंझोड देने वाली होती है. शादी विवाहों आदि में डीजे बजाया जाना इस कदर हावी है कि जहां शादी-विवाह, जुलूस आदि के आयोजन होते हैं वहां तो इनकी कोई समय सीमा होती ही नहीं है बल्कि सड़कों पर भी बारात के साथ चलने वाले बाराती भी घण्टों घण्टों अपनी पसंद का गीत डीजे वाले से बजवाकर मस्त होकर नाचते रहते हैं और जितनी देर तक डीजे वाली बारात सड़क पर होती है तो सड़क के दोनों ओर के घरों के निवासी और दुकानों के दुकानदार एवं ग्राहक किसी न किसी अनहोनी की आशंका से घिरे रहते हैं, अनहोनी पहली तो डीजे वाले से बारात में, जुलूस में नाचने वालों का विवाद और दूसरे डीजे की मस्तिष्क की नसें फाडने वाली ध्वनि स

महात्मा गांधी को दबाने में जुटी संघी फौज

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       भारतीय लोकतंत्र आज जिस बुरे दौर से गुजर रहा है उसकी कल्पना करना भी एक आम भारतीय के लिए कठिन है. ऊपर से लेकर नीचे तक देश आज वह कार्य कर रहा है जिसके लिए इस देश को अंग्रेजों से आजाद कराकर लाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कभी भी इजाज़त नहीं देते. पूरा विश्व जानता है कि 150 वर्षों तक चले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेकों वीर भारतीयों ने अपनी शहादत दी और अफ्रीका में रंगभेद नीति के खिलाफ सफल आंदोलन से विश्व प्रसिद्ध हुए महात्मा गांधी ने सत्य अहिंसा के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश किया और स्वामी श्रद्धानंद जी द्वारा महात्मा गांधी और महान सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित किये गये. देश के लिए अपना उज्जवल भविष्य अपने पूरे परिवार सहित पूरा जीवन लगाने वाले महात्मा गांधी को अंग्रेजों की भारत को बांटने की साजिश देखनी पड़ी, उनका हृदय भारत पाक बँटवारे के कारण छलनी छलनी हो गया. देश के बँटवारे के लिए उनके शब्द थे - भारत का बँटवारा मेरी लाश पर होगा. देश के स्वतंत्र होने के बाद संघीय सोच के नाथूराम गोडसे की गोली और सावरकर की साजिश का शिकार हुए.        अप

"नौतपा" आ रहा है.

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      आजकल पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में एक शब्द जो गूगल पर छाया हुआ है वह है "नौतपा". मानव मन जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता है. इसलिए जब "नौतपा" शब्द सामने आया तो उसके बारे में जानने की इच्छा भी हुई. जिसके बारे में पता चला है कि - "गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के शुरू के 9 दिन सबसे अध‍िक गर्म होते हैं. इन 9 द‍िनों को ही 'नौतपा' कहते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार मई के आखिरी सप्‍ताह में सूर्य और पृथ्‍वी के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है. सूर्य की किरणें इन दिनों सीधे धरती पर पड़ती हैं."       इस साल सूर्य 24 मई की मध्यरात्रि के बाद 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. इसलिए नौतपा 25 तारीख से माना जाएगा. नौतपा का आरंभ 25 मई से होगा और 2 जून तक रहेगा. इन 9 दिनों में भीषण गर्मी होती है. आसमान से आग बरसने लगती है. इसका असर न केवल मनुष्यों पर होता है बल्कि पेड़-पौधे नदी तालाब पर भी देखने को मिलता है.(गूगल से साभार)             बढ़ती गर्मी मनुष्यों के लिए तो असहनीय होती ही है. इसी के साथ प्रकृति पर भी प्रचंड गर्मी का

सभी सनातन धर्मावलंबी 10 मई को मनाएं अक्षय तृतीया - परशुराम जयंती

 अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है। इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किन्तु वैशाख माह की यह तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। बचपन से ही अक्षय तृतीया के बारे में घर के बड़े बुजुर्गों से सुनते आए हैं, आज तक इस पवित्र दिवस की सबसे विशेष पहचान हिन्दू विवाह के अबूझ मुहूर्त के रूप में होती रही है. कहते हैं कि जिसकी शादी का कोई मुहूर्त नहीं मिल पा रहा हो, उसके विवाह के लिए अक्षय तृतीया का दिन पंडितों द्वारा सुझा दिया जाता है किन्तु इस बार अक्षय तृतीया के दिन विवाह नहीं हो रहे हैं क्योंकि विवाह के प्रमुख कारक ग्रह गुरु एवं शुक्र दोनों ही अस्त हो गए हैं और जब ये दोनों ग्रह जाग्रत अवस्था में न हों तो शादी विवाह नहीं होते हैं, किन्तु ऐसा नहीं है कि अक्षय तृतीया की महत्ता केवल विवाह शादी को लेकर ही हो, अक्षय तृतीया का हमारे धर्म शास्त्रों में, शुभ कार्यों में, दान पुण्यों के कार्य में बहुत महत्त्व

प्रियंका गांधी से क्षमा मांगे यदि सच्चे रामभक्त है भाजपा और उसके अनुयायी

     भाजपा और अंधभक्त आज सत्ता के नशे में चूर नजर आ रहे हैं और इसका जीता जागता प्रमाण वे स्वयं प्रस्तुत कर रहे हैं. विपक्ष के नेताओं को लेकर भाजपा के बड़े बड़े नेताओं से लेकर छुटभैये कार्यकर्ताओं द्वारा भी भारतीय संस्कृति और सभ्यता की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अभी तक भाजपाइयों द्वारा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर मात्र पप्पू और पिंकी शब्दावली का ही प्रयोग किया जा रहा था, किन्तु अपने बड़े नेताओं द्वारा इनके लिए असभ्य शब्दों का धड़ल्ले से इस्तेमाल किए जाने पर छुटभैये भाजपाइयों की भी ढीठ खुलती हुई नजर आ रही है. राहुल गांधी जी को लेकर तो अपशब्द भाजपा के शीर्ष से पहले ही जारी थे किंतु अब प्रियंका गांधी जी के भी चुनाव प्रचार में उतरने पर देश की सभ्यता संस्कृति की ठेकेदार बनने वाली भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रियंका गांधी जी के लिए जिन अपशब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है उसका लिया जाना भी एक सभ्य भारतीय अपने सपने में भी सोच नहीं सकता.      भारतीय संस्कृति में नारी का जो स्थान है उसे इतना भ्रष्ट स्वरुप कभी भी प्राप्त नहीं हुआ होगा, जितना बीजेपी के मौजूदा कार्यकाल में दिखाई दिया है.

बेटी का जीवन बचाने में सरकार और कानून दोनों असफल

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आजकल रोज समाचारपत्रों में महिलाओं की मौत के समाचार सुर्खियों में हैं जिनमे से 90 प्रतिशत समाचार दहेज हत्याओं के हैं. जहां एक ओर सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए गाँव और तहसील स्तर पर "मिशन शक्ति" कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं द्वारा मुफ्त में उपलब्ध करायी जा रही है, सरकारी आदेशों के मुताबिक परिवार न्यायालयों में महिला के पक्ष को ही ज्यादा मह्त्व दिया जाता है वहीं सामाजिक रूप से महिला अभी भी कमजोर ही कही जाएगी क्योंकि बेटी के विवाह में दिए जाने वाली "दहेज की कुरीति" पर नियंत्रण लगाने में सरकार और कानून दोनों ही अक्षम रहे हैं.           एक ऐसा जीवन जिसमे निरंतर कंटीले पथ पर चलना और वो भी नंगे पैर सोचिये कितना कठिन होगा पर बेटी ऐसे ही जीवन के साथ इस धरती पर आती है .बहुत कम ही माँ-बाप के मुख ऐसे होते होंगे जो ''बेटी पैदा हुई है ,या लक्ष्मी घर आई है ''सुनकर खिल उठते हों .                  'पैदा हुई है बेटी खबर माँ-बाप ने सु