मोदी का सच -... तो खरीददार कौन ?
बचपन में अपने स्कूली पाठ्यक्रम में एक कहानी पढ़ी थी .जिसमे जंगल में एक जीव भागा जा रहा है और उससे जब अन्य जानवर ये पूछते हैं कि वह क्यों भागा जा रहा है तब वह कहता है ''कि आसमान गिर रहा है ,आसमान गिर रहा है ,पहले कोई यकीन नहीं करता पर जब वह भागते-भागते बार-बार यही दोहराता रहता है तो अन्य जानवर भी यही सोचकर कि आसमान गिर रहा है ,वहां से भाग लेते हैं .अपनी सामान्य ज़िंदगी में भी बहुत सी बार ऐसे पल आते हैं जब कोई हमसे बार बार कोई बात कहता है तो हमें उसकी बात सच लगने ही लगती है .चाहे वह हमारे कपड़ों को लेकर हो या हमारे घर को लेकर ,खाने को लेकर हो या आदतों को लेकर ,बार बार किसी का कोई बात कहकर टोकना हमें सही लगने लगता है और हमें लगता है कि वह हमारे से बार-बार ऐसा कह रहा है उसकी कोई हमारे से दुश्मनी थोड़े ही है ,वह हमारा अच्छा ही सोचकर ऐसा कह रहा होगा और बस फिर हम उसकी बात पर विश्वास कर स्वयं को उसके अनुसार ढालने की कोशिश में लग जाते हैं .
अब इसी बात के सन्दर्भ में भाजपा व् मोदी जी की कही गयी बहुत सी बातों की तरफ गौर करने का मन हुआ तो मुझे सबसे ज्यादा विश्वसनीय उनके द्वारा कही गयी एक बात नज़र आयी जिसे मोदी जी के साथ-साथ हर भाजपाई बड़े जोर-शोर से कहता नज़र आता है और वह यह कि ''कॉंग्रेस ने देश बेच दिया ''.सत्ता में आने से पहले भी भाजपाई यही कहते रहे और सत्ता में आने के तीन साल बाद भी भाजपाई और मोदी जी अपने इस बयान पे कायम हैं तो हर आम भारतीय के साथ मैं भी सोचने पर मजबूर हो गयी हूँ .
मोदी जी कहते हैं -''मैंने चाय बेचीं पर देश नहीं .'' मतलब साफ है कि देश कोई पहले से बेच चुका है ,देश बिक चुका है और अब जब यह देश बिक ही चुका है तो सभी भारतवासियों को सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 के अंतर्गत जानने का अधिकार है कि यह देश किसने खरीदा है और कितने में ? क्योंकि बेचने वाले का तो सबको पता ही है मोदी जी के अनुसार कॉंग्रेस ने, पर खरीदने वाले के बारे में मोदी जी ने कुछ नहीं बताया .एक बार खरीदने वाले का पता चल जाये तो हमें उस पर गर्व करने का मौका भी मिल जायेगा क्योंकि मोदी जी व् भाजपा के अनुसार कॉंग्रेस पिछले साठ साल से इस देश को लूट रही है फिर इस तथाकथित लुटे-पिटे दिलद्दर देश को किसने खरीदने की हिम्मत दिखाई है ये जानने का हक़ हमारे संविधान ने ही हमें दिया है तो फिर मोदी जी हमें इससे वंचित क्यों रख रहे हैं जो जन-धन खाते में आये हुए काले धन तक को गरीब जनता में बाँट देते हैं वे जनता के किसी भी अधिकार की अनदेखी नहीं कर सकते .
और अंत में एक बात और गौर करने लायक है वह यह कि देश बिक चुका है उस देश में जो भी किसी पद पर होगा वह खरीददार देश का गुलाम या एजेंट ही होगा चाहे वह प्रधानमंत्री हो ,वित्त-मंत्री हो ,गृह मंत्री हो या विदेश मंत्री क्योंकि एक बिका हुआ देश गुलाम की श्रेणी में आता है न कि संप्रभु की श्रेणी में .ऐसे में मोदी जी को ये बताना ही होगा कि वे किस देश के एजेंट हैं और क्योंकि इसके बिके हुए होने की जानकारी उन्होंने अपने ही गृह राज्य में अपने ही मुखारविंद से दी है ताकि आम भारतीय जनता भी अपने मालिक देश की विरदावली का बखान कर सके और कीचड के कमल से किसी राजमुकुट की शोभा बन सके जैसे मोदी जी एक चाय वाले से प्रधानमंत्री बन गए हैं .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
टिप्पणियाँ
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
achchi parikalpana....