कैराना में न्यायिक व्यवस्था की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

 

Historical background of judicial system in Kairana

                       - Mr Kaushal Prasad Advocate 

( Published in Directory of Bar Association Kairana 2008-2009

 Terrified from  the turmoil occurred after the starting of the first freedom struggle against British rule in 1857 the Union Province (Presently Uttar Pradesh) under the British Rule had shifted Tehsil Shamli to Kairana in 1887 ; which was the capital of King Karna of the Mahabharata period.

And after two years of the Tehsil transfer, in 1889, the court of Munsif Shamli was also shifted to Kairana. There were four Munsif Courts - Ghaziabad, Nagina, Deoband and Kairana - established in western Uttar Pradesh (then United Province) by the United Province's government of the British rule.

The jurisdiction of Munsif Kairana included the old Tehsil Kairana and the Pargana Kandhla of Tehsil Budhana. Basically only the judicial function of civil cases was done in Munsifi Kairana. In view of the number of pending cases, the court of temporary Additional Munsif Kairana was also established from time to time.

 But around 1975, the Court of Permanent Additional Munsif Kairana was established in Kairana by the Hon'ble High Court of Allahabad. The foundation stone of the building for the building of this court was laid on 9 March 1978 by Justice Hriday Nath Seth, Administrative Judge of the High Court of Allahabad.After the constant demand of the Bar Association Kairana the Court of Additional Chief Judicial Magistrate was established in Kairana on 6th May 1991  and later on 4 January 1993, the Court of Civil Judge (C.D.) was established in Kairana.

 Two fast track courts were established in Kairana from 1st November 2001 by the efforts of Hon'ble Shri Hukum Singh ji, former Minister of Government of Uttar Pradesh and presently MLA Kairana. In which two presiding officers of Additional District Judge level are working.

The Hon'ble High Court of Allahabad had recommended the establishment of a regular Additional District and Sessions Judge's Court at Kairana on September 13, 2001, which is still under consideration of the Government of Uttar Pradesh. At present, 6 judicial courts and sub-district magistrates, tehsildar's courts are functioning in Kairana. 

Sincerely 

Kaushal Prasad Advocate

 Kairana


कैराना में न्यायिक व्यवस्था की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

                   - श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट 

(बार एसोसिएशन कैराना डायरेक्टरी वर्ष 2008-2009 में प्रकाशित) 

सन 1857 में ब्रिटिश शासन के विरूद्ध प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के द्वारा ऐतिहासिक क्रांति का बिगुल बजने के बाद मची उथल-पुथल से घबराये ब्रिटिश शासन के अंतर्गत संयुक्त प्रांत (वर्तमान में उत्तर प्रदेश) ने तहसील शामली को सन 1887 में महाभारत काल के राजा कर्ण की राजधानी कैराना में स्थानान्तरित कर दिया तथा तहसील स्थानांतरण के दो वर्ष पश्चात सन 1889 में मुंसिफ शामली के न्यायालय को भी कैराना में ही स्थानांतरित कर दिया। ब्रिटिश शासन काल की संयुक्त प्रांत सरकार द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश (तत्कालीन संयुक्त प्रांत) में स्थापित होने वाले चार मुंसिफ न्यायालय - गाजियाबाद, नगीना, देवबंद व कैराना हैं।

मुंसिफ कैराना के क्षेत्राधिकार में पुरानी तहसील कैराना व तहसील बुढ़ाना का परगना कांधला सम्मिलित था। मुंसिफी कैराना में मूल रूप से दीवानी मामलों का ही न्यायिक कार्य होता था। विचाराधीन वादों की संख्या को देखते हुए समय-समय पर अस्थायी अतिरिक्त मुंसिफ कैराना के न्यायालय की स्थापना भी हुई। परंतु सन 1975 के आसपास माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा कैराना में स्थायी अतिरिक्त मुंसिफ कैराना के न्यायालय की स्थापना की गई। इस न्यायालय के भवन के लिए 9 मार्च सन 1978 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री ह्रदय नाथ सेठ द्वारा भवन का शिलान्यास किया गया। 

बार एसोसिएशन कैराना की निरंतर मांग के उपरांत दिनाँक 6 मई 1991 को कैराना में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय की स्थापना की गई और बाद में 4 जनवरी 1993 से कैराना में सिविल जज (सी. डी. ) का न्यायालय स्थापित हुआ।

उत्तर प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री व वर्तमान में विधायक कैराना माननीय श्री हुकुम सिंह जी के प्रयासों द्वारा दिनाँक 1 नवंबर 2001 से कैराना में दो फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना हुई। जिनमें अपर जिला जज स्तर के दो पीठासीन अधिकारी कार्यरत हैं।

 माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 13 सितंबर 2001 को कैराना में एक नियमित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय की स्थापना की अनुशंसा की थी, जो अभी तक उत्तर प्रदेश शासन के विचाराधीन है। कैराना में इस समय 6 न्यायिक कोर्ट व उप-जिलाधिकारी, तहसीलदार कैराना के न्यायालय कार्यरत हैं।

भवदीय

कौशल प्रसाद एडवोकेट

कैराना

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