जिसकी नहीं कदर यहाँ पर ,ऐसी वो बेजान यहाँ है .
अबला हमको कहने से ,सबकी बढती शान यहाँ है , सफल शख्सियत बने अगर हम ,सबका घटता मान यहाँ है . .................................................. बेटी घर की इज्ज़त होती ,इसलिए रह तू घर में , बेटा कहाँ फिरे भटकता ,उसका किसको ध्यान यहाँ है . ............................................................................. बहन तू मेरी बुरी नज़र से ,तुझको रोज़ बचाऊंगा , लड़का होकर क्या क्या करना ,मुझको इसका ज्ञान यहाँ है . ............................................................................................... पराया धन है तू बेटी ,तेरी ससुराल तेरा घर , दो दो घर की मालिक को ,मिलता न मकान यहाँ है . ...................................................................... बेटी वाले को बेटे पर ,खर्चे की फेहरिस्त थमा रहे , ऊँची मूंछ के रखने वाले ,बिकते सब इन्सान यहाँ हैं . ................................................................... बेटा अपना फिरे आवारा ,बहू लगा दो नौकरी पर , इतना सब करके भी नारी ,पाती बस फरमान यहाँ है . ...................................................