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नारी शक्ति है क्या

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        मणिपुर वीभत्स घटना आज पूरे देश के सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर छाई हुई है. महिलाओं के लिए मौजूदा समय कितना दुखदायी है निरन्तर आंखों के सामने खुलता जा रहा है. यूँ तो, आरंभ से नारी की जिंदगी माँ के गर्भ में आने से लेकर मृत्यु तक शोचनीय ही रहती है. वह चाहे बेटी हो, पत्नी हो या माँ, सभी की नजर में बेचारी ही रहती है. आज एक ओर सरकारी योजनाओं में मिशन शक्ति, विधिक सेवा प्राधिकरण आदि माध्यम से सरकार नारी को सशक्त किए जाने का अथक प्रयास कर रही है किन्तु यह प्रयास भी भारतीय पुरातन सोच को परिवर्तित करने में विफल ही नजर आते हैं. नारी को अबला और भोग्या ही समझने वाला पुरुष सत्ता धारी समाज नारी की सामाजिक स्थिति को उन्नत होते हुए नहीं देख सकता है और वह जब भी, जैसे भी नारी को शोषित करने का कोई भी दुष्कर्म कर सकता है, करता है. बृज भूषण सिंह हो, कुलदीप सेंगर हो या मणिपुरी आदिवासी समाज - महिला को अपमानित करने से कहीं भी पीछे नहीं हटते हैं और ऐसे में इन पुरुष सामंतवाद के समर्थकों पर फर्क नहीं पड़ता है नारी के कमजोर या सबल होने से और सबसे दुःखद स्थिति यह है कि आज सत्ता के शीर्ष पर ब...

कांधला-कैराना की सड़क जल्द ठीक हो

कांधला से कैराना कहा जाए या कैराना से कांधला - एक ही बात है. पूरे यू पी या कहें तो बीजेपी की केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़कों का जाल सा बिछा दिया है सारे में, सड़कों को लेकर बहुत कार्य किया गया है भाजपा सरकार में, किन्तु यह कांधला - कैराना के रास्ते में पड़ते नीलकण्ठ महादेव मन्दिर (वैष्णो देवी मन्दिर) के ठीक सामने पड़ती सड़क पर कांधला में और कांधला से कैराना की ओर निकलते हुए ग्राम असदपुर जिढाना से पहले और ग्राम में काफी लम्बे क्षेत्र की सड़क का दुर्भाग्य कहा जाएगा कि इस पर माननीय मोदी जी या माननीय योगी जी की नजरें नहीं पड़ी और यह ज़बर्दस्त गड्ढे और टूट फूट भरी सड़क होते हुए और बड़े हादसों की वज़ह होते हुए भी बस लीपापोती से ही ठीक दिखाई जाती रही. आज स्थिति यह है कि चार पहिया वाहन तो इस पर किसी तरह लुढ़क लुढ़क कर घसीटते हुए चला लिए जा रहे हैं किन्तु मोटर साइकिल, स्कूटी, साईकिल, ई-रिक्शा चालक मजबूरी में और कोई रास्ता न होने के कारण इस पर निकल रहे हैं और हादसों के शिकार हो रहे हैं और ऐसे में निरन्तर बारिश ने कंगाली में आटा गीला वाला कार्य किया है. जिसे देखते हुए कांधला से ऊंचा गाँव त...