इंदिरा गांधी जी को सादर नमन
अदा रखती थी मुख्तलिफ ,इरादे नेक रखती थी , वतन की खातिर मिटने को सदा तैयार रहती थी . .............................................................................. मोम की गुड़िया की जैसी ,वे नेता वानर दल की थी ,, मुल्क पर कुर्बां होने का वो जज़बा दिल में रखती थी . ........................................................................................ पाक की खातिर नामर्दी झेली जो हिन्द ने अपने , वे उसका बदला लेने को मर्द बन जाया करती थी . ....................................................................................... मदद से सेना की जिसने कराये पाक के टुकड़े , शेरनी ऐसी वे नारी यहाँ कहलाया करती थी . ....................................................................................... बना है पञ्च-अग्नि आज छुपी है पीछे जो ताकत , उसी से चीन की रूहें तभी से कांपा करती थी . .............................................................................. जहाँ दोयम दर्जा नारी निकल न सकती घूंघट से , वहीँ पर ये आगे बढ़कर हुकुम मनवाया करती थी . ..........................