महात्मा गांधी को दबाने में जुटी संघी फौज
भारतीय लोकतंत्र आज जिस बुरे दौर से गुजर रहा है उसकी कल्पना करना भी एक आम भारतीय के लिए कठिन है. ऊपर से लेकर नीचे तक देश आज वह कार्य कर रहा है जिसके लिए इस देश को अंग्रेजों से आजाद कराकर लाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कभी भी इजाज़त नहीं देते. पूरा विश्व जानता है कि 150 वर्षों तक चले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेकों वीर भारतीयों ने अपनी शहादत दी और अफ्रीका में रंगभेद नीति के खिलाफ सफल आंदोलन से विश्व प्रसिद्ध हुए महात्मा गांधी ने सत्य अहिंसा के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश किया और स्वामी श्रद्धानंद जी द्वारा महात्मा गांधी और महान सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित किये गये. देश के लिए अपना उज्जवल भविष्य अपने पूरे परिवार सहित पूरा जीवन लगाने वाले महात्मा गांधी को अंग्रेजों की भारत को बांटने की साजिश देखनी पड़ी, उनका हृदय भारत पाक बँटवारे के कारण छलनी छलनी हो गया. देश के बँटवारे के लिए उनके शब्द थे - भारत का बँटवारा मेरी लाश पर होगा. देश के स्वतंत्र होने के बाद संघीय सोच के नाथूराम गोडसे की गोली और सावरकर की साजिश का श...