"नौतपा" आ रहा है.
आजकल पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में एक शब्द जो गूगल पर छाया हुआ है वह है "नौतपा". मानव मन जिज्ञासु प्रवृत्ति का होता है. इसलिए जब "नौतपा" शब्द सामने आया तो उसके बारे में जानने की इच्छा भी हुई. जिसके बारे में पता चला है कि - "गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के शुरू के 9 दिन सबसे अधिक गर्म होते हैं. इन 9 दिनों को ही 'नौतपा' कहते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है. सूर्य की किरणें इन दिनों सीधे धरती पर पड़ती हैं."
इस साल सूर्य 24 मई की मध्यरात्रि के बाद 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. इसलिए नौतपा 25 तारीख से माना जाएगा. नौतपा का आरंभ 25 मई से होगा और 2 जून तक रहेगा. इन 9 दिनों में भीषण गर्मी होती है. आसमान से आग बरसने लगती है. इसका असर न केवल मनुष्यों पर होता है बल्कि पेड़-पौधे नदी तालाब पर भी देखने को मिलता है.(गूगल से साभार)
बढ़ती गर्मी मनुष्यों के लिए तो असहनीय होती ही है. इसी के साथ प्रकृति पर भी प्रचंड गर्मी का प्रभाव पड़ता है. सारा जीव जगत ही तेज गर्मी से विचलित हो जाता है और ऐसे में पेड़ पौधौं की शीतलता और छांव ही हमारा और जीव जगत का वास्तविक सहारा होती है. साथ ही, हमारे शास्त्रों में भी इस दौरान पेड़-पौधे लगाने और इसकी सिंचाई करने के महत्व के बारे में बताया गया है. इस समय वृक्षारोपण करने से बहुत पुण्य मिलता है. वहीं जीवनकाल में पेड़-पौधे लगाने से मरने के बाद नरक का मुख भी नहीं देखना पड़ता है.
विभिन्न पुराणों में वृक्षारोपण का महत्त्व वर्णित किया गया है, यथा -
* मनु स्मृति में कहा गया है कि, पेड़-पौधे लगाने से यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है.
* पद्म पुराण में बताया गया है कि यदि किसी दंपति को संतान नहीं है तो उन्हें पेड़ लगाना चाहिए. क्योंकि पेड़ भी संतान के समान होते हैं.
* वराह पुराण के मुताबिक, एक पीपल, एक नीम, एक बरगद, दो अनार, दो नारंगी, पांच आम और दस फूलों वाले पौधे लगाने से नरक से मुक्ति मिलती है.
* विष्णुधर्मोत्तर पुराण में बताया गया है कि, वृक्षारोपण से अश्वमेध यज्ञ की तरह का पुण्य फल मिलता है.
"नौतपा" में इसी कारण पेड़ पौधे लगाने को पुण्यदायी माना गया है कि इससे हम अपनी आने वाली पीढ़ियों और सम्पूर्ण सृष्टि के लिए एक सुविधाजनक पर्यावरण का सृजन करते हैं जो कि हमारा दायित्व भी है. हमारे शास्त्रों में निम्न पेड़ पौधों का इस दौरान रोपण सृष्टि के लिए कल्याणकारी माना गया है -
तुलसी -: तुलसी का पौधा हर हिंदू को अपने घर पर जरूर लगाना चाहिए . मान्यता है कि जिस घर पर तुलसी का पौधा होता है और नियमित रूप से इसकी पूजा की जाती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है. धार्मिक मान्यता है कि जीवनकाल में हर व्यक्ति को तुलसी का पौधा जरूर लगाना है. इससे मरणोपरांत बैकुंठ की प्राप्ति होती है.
केला - केले का पौधा भगवान विष्णु और देव बृहस्पति को प्रिय है. इस समय आप केले का पौधा भी लगा सकते हैं. इससे आर्थिक लाभ होगा.
आंवला - मान्यता है कि आंवले के जड़ में भगवान विष्णु का निवास है. इसलिए आंवला भी जरूर लगाएं. इससे भगवान विष्णु के साथ ही लक्ष्मी जी की भी कृपा बरसती है.
आम - आम का पेड़ लगाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. साथ ही इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
करी पत्ता - इसे मीठा नीम भी कहा जाता है. इन दिनों करी पत्ते का पौधा भी लगाना शुभ माना जाता है. क्योंकि इसकी पत्तियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं. अगर आप घर पर नीम का पौधा नहीं लगाते तो इसे जरूर लगाएं.
इस प्रकार सनातन धर्म में कहा गया है कि नौतपा के दौरान पेड़ पौधे अधिक से अधिक लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए. पेड़ पौधे के साथ साथ पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है. पितृ प्रसन्न होते हैं. ऐसा करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
इसी के साथ साथ इन दिनों जरूरतमंद लोगों को ऐसी चीजों का दान करें जिनसे उन्हें गर्मी से राहत मिले. जैसे पंखा, घड़ा, कपड़े, चप्पल, अन्न, जल, सत्तू, छाता आदि. ऐसा करने से आपको नवग्रहों का शुभ फल मिलता है. कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि हमें यथाशक्ति प्रयास करते हुए अपने समाज, जीव जगत और सम्पूर्ण सृष्टि के लिए कुछ न कुछ ऐसा कार्य अवश्य करना चाहिए जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ियां और सम्पूर्ण जीव जगत प्राप्त देह को आराम से धारण कर सके और हमसे प्रेरणा ग्रहण कर आने वाली सृष्टि के लिए कुछ अच्छा सृजन कर सके. जय हो सनातन धर्म की 🙏🙏
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली)
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