jindgi ki lalak
" देख कर तुझे पाने की ललक में,
कर न जाएँ हम कुछ गलत कहीं ,
तुम चीज़ ही ऐसी हो,
जिससे बढ़कर दुनिया में कुछ और नहीं.
कोई चाहे तुम्हे या न चाहे,
तुम उसे मिल ही जाती हो,
सब पूछते हैं मुझसे,
क्या तुम मेरी जिंदगी तो नहीं?
कर न जाएँ हम कुछ गलत कहीं ,
तुम चीज़ ही ऐसी हो,
जिससे बढ़कर दुनिया में कुछ और नहीं.
कोई चाहे तुम्हे या न चाहे,
तुम उसे मिल ही जाती हो,
सब पूछते हैं मुझसे,
क्या तुम मेरी जिंदगी तो नहीं?
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