रफ़्तार जिंदगी में सदा चलके पायेंगें.
लम्हे कभी फुर्सत के हमें मिल न पायेंगें, रफ़्तार जिंदगी में सदा चलके पायेंगें. बैठे अगर उदास कहीं टूट जायेंगें, इस दिल में जोश भरके ही कुछ ढूंढ पायेंगें. ये जिंदगी देती हमें कई राहें निरंतर , पाएंगे मंजिल इनपे गर हम बढ़ते जायेंगें. न देखना मुड़कर कभी भूले से भी पीछे, राहों के पत्थर रोकने को रोज़ आयेंगें . बढ़ना है जिंदगी में अगर तुमको ''शालिनी'' ऐसे ख्याल दिल में तेरे खूब आयेंगे. शालिनी कौशिक [कौशल]