प्रणव देश के १४ वें राष्ट्रपति :कृपया सही आकलन करें
२६ जनवरी १९५० भारत में संविधान द्वारा गणतंत्र लागू किया गया और मई १९५२ में हुए प्रथम राष्ट्रपति के चुनाव में डॉ.राजेंद्र प्रसाद विजयी हुए और देश के प्रथम राष्ट्रपति बने मई १९५७ में हुए दूसरे चुनाव में भी डॉ.राजेंद्र प्रसाद ही देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए भले ही वे इस पद पर रहने वाले एक ही व्यक्ति थे किन्तु गणना की दृष्टि से देश के दूसरे राष्ट्रपति कहे जायेंगे और यदि देश के आंकड़ों में उनके सम्बन्ध में की गयी ये गणना सही की जाये तो अन्य आंकड़े स्वयं सही होते जायेंगे-
१ मई १९५२ राजेंद्र प्रसाद
२-मई १९५७ राजेंद्र प्रसाद
३-मई १९६२ एस.राधाकृष्णन
४ -मई १९६७ ज़ाकिर हुसेन
५ -अगस्त १९६९ वी.वी.गिरी
६ -अगस्त १९७४ फखुरुद्दीन अली अहमद ७ -जुलाई १९७७ नीलम संजीव रेड्डी
८ -जुलाई १९८२ जैल सिंह
९ -जुलाई १९८७ आर.वैंकेट रमण
१० -जुलाई १९९२ डॉ.शंकर दयाल शर्मा
११ -जुलाई १९९७ डॉ.के.आर.नारायणन
१२ -जुलाई २००२ डॉ.ए.पी .जे. अब्दुल कलाम
१३ -जुलाई २००७ श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
और यदि इसी क्रमानुसार हम आकलन करें तो माननीय श्री प्रणव मुखर्जी देश के १४ वें राष्ट्रपति की गणना में आते हैं
और यही सही आकलन है क्योंकि यहाँ पद की बात हो रही न की व्यक्ति की और पद की दृष्टि से प्रणव मुखर्जी देश के १४ वें राष्ट्रपति हैं भले ही व्यक्ति वे १३ वें हो.
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
टिप्पणियाँ
शुक्रिया.
RECENT POST,,,इन्तजार,,,
चौदह हो या तेरह
देश के लिए हों वे श्रेय
बस यही आशा करते हैं,शालिनी जी
मेरी पोस्ट 'मेरी बात-ब्लॉग्गिंग की प्रथम वर्ष गांठ' पर आपने निम्न टिपण्णी की थी
'..आपके संकलन व् लेखन का मैं अभी तक अधिक आकलन नहीं कर पाई हूँ समय मिलने पर मैं अवश्य आपके ब्लॉग से जुडी रहना चाहूंगी.
मुझे आपके आकलन का इन्तजार है जी.
kabhi us mahila kee tareef bhi kijiye jiske bare me aap hi nahi lagbhag sabhi ulta pulta hi likhte hain .ek hi mahila thi jisne pakistan ko uski karni ka maja chakhaya aur ek hi party hai jisne desh me roj roj ke dharmik dwand ko ghatne se bachane ke liye masjid ka nam hataya .kabhi positive soch se bhi likhen achchha rahega aapke liye bhi aur ham sabhi ke liye bhi प्रणव देश के १४ वें राष्ट्रपति :कृपया सही आकलन करें
27 जुलाई 2012 12:42 am
शालिनी जी आपने बिना सन्दर्भ जुटाए किस सन्दर्भ में मुझे चेताते हुए मेरी भलाई का सोचते हुए ,हम सबकी भलाई को सोचते हुए इंदिराजी का स्तुति गायन किया है उन्हें तो दुर्गा अटल जी ने भी कहा था बांग्ला देश की आज़ादी के सन्दर्भ में .मैंने उनकी आन बान शान के खिलाफ नहीं प्रणव दा को उनका वफादार अपनी किसी टिपण्णी में कहीं बतलाया है बेशक प्रणव दा का हक़ हर बार हिन्दुस्तान के इस राजवंश ने छीना वरना वह ही प्रधान मंत्री होते इस पूडल की जगह जिसके नाम का खिलौना भी अब "सोनी का पूडल "' अगया है उससे भी बहुत पहले नम्बर दो उनका मंत्रिमंडल में आज से नहीं चला आया है ..किस किस की विचार धारा को आप बदलियेगा .मैं आपके मुझसे असहमत होने के विचार का ता उम्र स्वागत करूंगा . आदर करूंगा .
देश में आपात काल भी इसी आयरन लेडी ने थोपा था सभी प्रजातांत्रिक संस्थाओं की धज्जी उड़ा दी थी .बाद इसके प्रजातंत्र बे -मानी ही रहा आया है मेरे भारत देश में .धाराएं इस या उस अल्पसंख्यक को खुश करने के लिए ,क़ानून तोड़ने के लिए घडी जातीं हैं आज भी यही हो रहा है केवल शाहबानो के मामले में ही ऐसा नहीं हुआ था कोंग्रेस के कार्यकाल में,यह बारहा होता रहा है .संविधान सेकुलर पुत्रों के पास गिरवीं पड़ा हुआ है . ..हाई कोर्ट के सिन्हा ने उन्हें उनकी जगह बतलाई थी .और दुष्यंत कुमार ने बौद्धिक भकुओं के लिए ही यह लिखा था -
गज़ब है सच को सच कहते नहीं हैं ,हमारे हौसले पोले हुए हैं ,
हमारा कद सिमट कर घट गया है ,हमारे पैरहन झोले हुएँ हैं .
bahut sundar kataksh bahut vistar se bahut khoob varnan मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ . आलोकित पथ आप करेंगी ,हम तो बस अनुगामी हैं ..शुक्रिया शिखा जी ......कृपया यहाँ भी पधारें -
कविता :पूडल ही पूडल
कविता :पूडल ही पूडल
डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१
जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .
(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,
यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर
फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल
यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .
bahut sundar kataksh bahut vistar se bahut khoob varnan मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ . आलोकित पथ आप करेंगी ,हम तो बस अनुगामी हैं ..शुक्रिया शिखा जी ......कृपया यहाँ भी पधारें -
कविता :पूडल ही पूडल
कविता :पूडल ही पूडल
डॉ .वागीश मेहता ,१२ १८ ,शब्दालोक ,गुडगाँव -१२२ ००१
जिधर देखिएगा ,है पूडल ही पूडल ,
इधर भी है पूडल ,उधर भी है पूडल .
(१)नहीं खेल आसाँ ,बनाया कंप्यूटर ,
यह सी .डी .में देखो ,नहीं कोई कमतर
फिर चाहे हो देसी ,या परदेसी पूडल
यह सोनी का पूडल ,वह गूगल का डूडल .