मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.
''तुम्हारे दर पर आने तक बहुत कमजोर होता हूँ. मगर दहलीज छू लेते ही मैं कुछ और होता हूँ.'' ''अशोक 'साहिल'जी की ये पंक्तियाँ कितनी अक्षरशः खरी उतरती हैं दोस्ती जैसे पवित्र शब्द और भावना पर .दोस्ती वह भावना है जिसके बगैर यदि मैं कहूं कि एक इन्सान की जिंदगी सिवा तन्हाई के कुछ नहीं है तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी.ये सत्य है कि एक व्यक्ति जो भावनाएं एक दोस्त के साथ बाँट सकता है वह किसी के साथ नहीं बाँट सकता.दोस्त से वह अपने सुख दुःख बाँट सकता है ,मनोविनोद कर सकता है.सही परामर्श ले सकता है.लगभग सभी कुछ कर सकता है.मित्र की रक्षा ,उन्नति,उत्थान सभी कुछ एक सन्मित्र पर आधारित होते हैं - '' कराविव शरीरस्य नेत्र्योरिव पक्ष्मनी. अविचार्य प्रियं कुर्यात ,तन्मित्रं मित्रमुच्यते..'' अर्थार्त जिस प्रकार मनुष्य के दोनों हाथ शरीर की अनवरत रक्षा करते हैं उन्हें कहने की आवश्यकता नहीं होती और न कभी शरीर ही कहता है कि जब मैं पृथ्वी पर
टिप्पणियां
सूने आँगन को गर ढंग से बुहारा न गया ,
ए!सियासत के सरपरस्तों जरा गौर से सुन लो ,
जलजला आने को है गर उनको पुकारा न गया .''
न जाने कब ऐसी व्यवस्थाएं देखने मिलेंगी।
दिनांक 31/12/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
पर जिमेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, हम सब की है. हम गाड़ियों में काले शीशे न लगाएं, हम पब्लिक में धुम्रपान न करें.
जलजला आने को है गर उनको पुकारा न गया,,,बहुत खूब,,,शालिनी जी,,,
लाजबाब सार्थक आलेख,,,,
recent post : नववर्ष की बधाई
जलजला आने को है गर उनको पुकारा न गया,,,बहुत खूब शालिनी जी,,,
लाजबाब सार्थक आलेख,,,,
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आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (31-112-2012) के चर्चा मंच-1110 (साल की अन्तिम चर्चा) पर भी होगी!
सूचनार्थ!
--
कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
चांद को भी मात दे देगी उसकी चमक! comets चांद को भी मात दे देगी उसकी चमक! http://sb.samwaad.com/2012/12/blog-post_29.html … वीरेंद्र कुमार शर्मा की रपट
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नव वर्ष शुभ हो चौतरफा .
38m Virendra Sharma @Veerubhai1947
फैसला निर्भया की मौत से पहले और बाद का http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2012/12/blog-post_30.html …
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38m Virendra Sharma @Veerubhai1947
फैसला निर्भया की मौत से पहले और बाद का http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2012/12/blog-post_30.html …
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नव वर्ष शुभ हो चौतरफा .
शालिनी जी सरकार खुद ही इस देश में क़ानून का पालन करना भूल गई है .सामने वाले की शकल देख के लागू किया जाता है क़ानून कानूनी तौर पर नहीं इसीलिए वाड्रा क़ानून अलग है आम आदमी पार्टी के लिए अलग है .
शालिनी जी सरकार खुद ही इस देश में क़ानून का पालन करना भूल गई है .सामने वाले की शकल देख के लागू किया जाता है क़ानून कानूनी तौर पर नहीं इसीलिए वाड्रा क़ानून अलग है आम आदमी पार्टी के लिए अलग है . बहुत बढ़िया पोस्ट है दो टूक कहा है सब कुछ .
यहाँ पर आपका इंतजार रहेगा: शहरे-हवस
पर हम अपने को कब मना पाते हैं,
सरकार अपनी हैं,दोष औरों पर लगाते हैं |
नये साल पर कुछ बेहतरीन ग्रीटिंग आपके लिए