भावुकता स्नेहिल ह्रदय ,दुर्बलता न नारी की ,

The Brave Women of India21-Year-Old Shreya...
भावुकता स्नेहिल ह्रदय ,दुर्बलता न नारी की ,
संतोषी मन सहनशीलता, हिम्मत है हर नारी की .
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भावुक मन से गृहस्थ धर्म की , नींव वही जमाये है ,
पत्थर दिल को कोमल करना ,नहीं है मुश्किल नारी की.
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होती है हर कली पल्लवित ,उसके आँचल के दूध से ,
ईश्वर के भी करे बराबर ,यह पदवी हर नारी की .
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जितने भी इस पुरुष धरा पर ,जन्मे उसकी कोख से ,
उनकी स्मृति दुरुस्त कराना ,कोशिश है हर नारी की .
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प्रेम प्यार की परिभाषा को ,गलत रूप में ढाल रहे ,
सही समझ दे राह दिखाना ,यही मलाहत नारी की .
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भटके न वह मुझे देखकर ,भटके न संतान मेरी ,
जीवन की हर कठिन डगर पर ,इसी में मेहनत नारी की .
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मर्यादित जीवन की चाहत ,मर्म है जिसके जीवन का ,
इसीलिए पिंजरे के पंछी से ,तुलना हर नारी की .
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बेहतर हो पुरुषों का जीवन ,मेरे से जो यहाँ जुड़े ,
यही कहानी कहती है ,यहाँ शहादत नारी की .
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अभिव्यक्त क्या करे ''शालिनी ''महिमा उसकी दिव्यता की ,
कैसे माने कमतर शक्ति ,हर महिका सम नारी की .
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                      शालिनी कौशिक 
                               [कौशल ]

शब्दार्थ -मलाहत-सौंदर्य 
                                     

टिप्पणियाँ

Ranjana verma ने कहा…
जितने भी इस पुरुष धरा पर ,जन्मे उसकी कोख से उनकी स्मृति दुरुस्त कराना ,कोशिश है हर नारी की.. नारी चरित्र को बखूबी उभारा है अपने... बधाई !!!
हर क्षेत्र में स्वयं को स्थापित कर रही है, यही नारी की वर्तमान पहचान है।
नर का अस्तित्व नारी से ही है !
आभार इस सुन्दर रचना के लिए !!
Anita ने कहा…
भावुकता स्नेहिल ह्रदय ,दुर्बलता न नारी की ,
संतोषी मन सहनशीलता, हिम्मत है हर नारी की .
.......................................................................सुंदर और सच्ची बात !
नारीत्व के सात्विक गुण ही जीवन को जीने योग्य बनाते हैं -आपका कथ्य सही है !
kshama ने कहा…
Waqayi ye sach hai ki ,kayee baar naaree kee shanti/chuppee uskee kamzori samajhi jati na ki uski shaktee!
विभूति" ने कहा…
बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....

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