ग्रहण और तुलसी



 विशेष सूचना

सभी सनातन धर्मावलंबी ध्यान दें कि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है इसलिए दीपावली का पर्व 24 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा. 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण भोजन पानी की समस्त सामग्री में तुलसी के पत्ते डालकर उन्हें ग्रहण में सूर्य की नकारात्मक किरणों के विकिरण से दूषित होने से बचाने की सनातन धर्म में प्राचीन परंपरा है और इसके लिए आपको निम्न सावधानी बरतनी हैं -

1 - 24 अक्टूबर को अमावस्या सांय 5 बजकर 27 मिनट पर आरंभ हो रही है, ऐसे में तुलसी के पत्ते इससे पूर्व ही तोड़कर रख लें.

2- तुलसी को हमारे सनातन धर्म में पूजनीय की संज्ञा दी गई है, ऐसे में तुलसी के पत्ते तोड़ने से पूर्व तुलसी के आगे हाथ जोड़कर श्रद्धा पूर्वक तुलसी से पत्ते तोड़ने की अनुमति मांगनी चाहिए. 

3- तुलसी के पत्ते वैसे तोड़ने नहीं चाहिए किन्तु यदि बहुत जरूरत में तोड़ने पड़ जाएं तो तुलसी के पत्ते तोड़ने में नाखून का प्रयोग न करें.

        सूचनार्थ प्रस्तुत

शालिनी कौशिक एडवोकेट 

अध्यक्ष 

मंदिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड)

टिप्पणियाँ

Anita ने कहा…
उत्तम जानकारी
Shalini kaushik ने कहा…
आभार अनीता जी 🙏🙏
Abhilasha ने कहा…
उत्तम जानकारी
आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
Shalini kaushik ने कहा…
आभार अभिलाषा जी, आपको और आपके परिवार को भी दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🌹
अनीता सैनी ने कहा…
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार(२४-१० -२०२२ ) को 'दीपावली-पंच पर्वों की शुभकामनाएँ'(चर्चा अंक-४५९०) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
Onkar ने कहा…
उत्तम जानकारी
मन की वीणा ने कहा…
अच्छी जानकारी।
उपयोगी पोस्ट।

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