उज्ज्वल राणा अमर रहे
आज निर्मम, असभ्य, अहंकारी प्रदीप कुमार के कारण मासूम उज्ज्वल राणा की तेरहवीं हो रही है, क्या कर रहा था बेचारा, परीक्षा देना चाहता था, फीस जमा करने के लिए समय मांग रहा था.बेचारे को मालूम नहीं था कि हर ओर ऐसे ही दुष्ट बैठे हुए हैँ किस किस के कारण बलि दी जाएगी, दुष्ट का मुकाबला कीजिये किन्तु जीना जरूरी है अपनों के लिए, अपनों की जिंदगी में खुशियों के लिए, इसलिए भी कि ऐसे दुष्ट अन्य मासूमों की बलि न चढ़ा सकें.आप अगर आज इन दुष्टों के कारण मौत को गले लगाते हो, तो आप अंतिम नहीं हो, ये दुष्ट कल को अपना नया शिकार कोई दूसरा मासूम ढूंढ़ लेंगे, इसलिए लड़ो मगर पलायन मत करो जिंदगी से.
उज्ज्वल राणा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि,उज्ज्वल राणा अमर रहें 💐🙏💐
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )


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