शौक से रहिये लिव-इन-रिलेशनशिप में

 


एक महत्वपूर्ण आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट (सिंगल जज) ने  17 दिसंबर 2025 को कहा कि हालांकि लिव-इन रिलेशनशिप का कॉन्सेप्ट सभी को स्वीकार्य नहीं हो सकता है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसा रिश्ता 'गैर-कानूनी' है या शादी की पवित्रता के बिना साथ रहना कोई अपराध है। 



कोर्ट लिव इन रिलेशन को लेकर ऐसे निर्णय आये दिन दे रही हैँ, परिणाम आज ही क्या पुराने समय से लड़कियां भुगत रही हैं 



1️⃣ लड़का लड़की बालिग़ होते ही लिव इन रिलेशनशिप में रहना शुरू करते हैँ, कुछ समय तक यह आधुनिकता का नशा, मॉडर्न कहलाने का खुमार लड़का लड़की पर चढ़ा रहता है.



2️⃣ इधर लड़की प्रेग्नेंट होती है, लडके पर से उस लड़की का खुमार उतरता है.



3️⃣ लड़का अपने परिवार के कहने पर रीति रिवाज़ से शादी करता है.



4️⃣ और लड़की अपने बच्चे के साथ कोर्ट के चक्कर काटती है.

     ये है आज का आधुनिक समाज और उसकी खौफनाक सच्चाई, सहमत हों तो वीडियो को लाइक और शेयर करना न भूलें. धन्यवाद 🙏🙏

द्वारा 

शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली )

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पत्र और पत्रोत्तर

''ऐसी पढ़ी लिखी से तो लड़कियां अनपढ़ ही अच्छी .''