आस्था पर हमला

   १ मई २०११ को हिंदुस्तान दैनिक में प्रकाशित समाचार ''कांधला के ऐतिहासिक मंदिर में चोरी''और ४ मई २०११ को प्रकाशित समाचार ''चोरी हुई मूर्ति खंडित अवस्था में मिली''से कांधला में पुलिस व्यवस्था की खामियों का सहजता से पता चलता है क्योंकि ये चोरी वहां सुबह और शाम की पूजा के बीच में हुई और दिनदहाड़े हुई इस वारदात को खोलने में पुलिस अभी तक नाकाम है.जबकि चोरी हुई कुछ मूर्तियों में से लक्ष्मी ,कुबेर, हनुमान की मिश्रित धातु की प्रतिमाएं तथा राधा कृष्ण की चोरी की प्रतिमा चोर खंडित अवस्था में मंदिर में पोलीथिन में वापस सफलता पूर्वक पहुंचा चुके हैं.
                    अन्दोसर नाम के इस शिवालय की पृष्ठभूमि यह है किवर्तमान में स्थित शिवालय के उत्तर में एक बाग़ था  बाग़ के उत्तर में एक सरोवर था जिसमे कमलगट्टे आदि का उत्पादन किया जाता था इस सरोवर का नाम आनंद सरोवर था .इस प्रकार यह वर्तमान शिवालय ''आनंद सरोवर शिवालय ''के नाम से विख्यात था इसका अपभ्रंश ही अब ''अन्दोसर शिवालय'' है.
                   वर्तमान  में  अन्दोसर शिवालय के नाम से विख्यात यह मंदिर कांधला का सबसे विशाल क्षेत्र में फैला मंदिर है जिसकी काफी भूमि कृषि कार्य में प्रयुक्त की जाती है .मंदिर के इतिहास के बारे में यहाँ के स्थानीय संवाददाता अधूरी व् असत्य जानकारियां समाचार पत्रों में अपने नाम से प्रकाशित करते रहे हैं जबकि अधिकांशतया समाचारपत्रों में इस सम्बन्ध में भ्रामक जानकारी ही दी गयी है. 
      सिद्ध पीठ पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर नई बस्ती कांधला के बारे में जो सत्य तथ्य हैं वे इस प्रकार हैं - 
       राजस्व अभिलेखों में यह शिवालय ''शिवाला हकीम शिवनाथ''के नाम से भी दर्ज था. क्योंकि १८०० इसवी के प्रारंभ में इस शिवालय के स्थापना हकीम शिवनाथ निवासी कांधला ने की थी जो पुरसीवाडा [पंजाब] से आकर क़स्बा कांधला के निवासी हो गए थे.अंग्रेजी शासनकाल में शामली में मुंसिफ शामली का न्यायालय स्थित था .इस शिवालय की भूमि के दक्षिण भाग के मालिक हकीम शिवनाथ थे तथा इस शिवालय में उत्तर कीभूमि की मालिक मोहल्ला सरावज्ञान क़स्बा कांधला निवासी एक महिला थी कागजात में ये दर्ज है कि हकीम शिवनाथ ने उक्त महिला वाले भाग में भगवान शिव के लिंग[पिंडी]की स्थापना करा दी थी जिस पर उक्त महिला व् मोहल्ला सरावज्ञान के जैन बिरादरी के दो व्यक्तियों ने मुंसिफ शामली के यहाँ एक दीवानी वाद प्रतिनिधि के रूप में दायर किया था जिसमे मुंसिफ शामली ने तहसीलदार बुढ़ाना को आयुक्त नियुक्त करके  ये आदेश दिया था कि वे मौका मुआयना करके न्यायालय को ये रिपोर्ट दें कि क्या शिवलिंग की स्थापना जैन महिला के भाग में हुई है ?तहसीलदार बुढ़ाना ने विवादित  स्थल का निरीक्षण करने के बाद न्यायालय को ये रिपोर्ट दी थी कि शिवलिंग की स्थापना जैन महिला की भूमि में हुई है परन्तु शिवलिंग को वहां से हटाया जाना उचित नहीं है क्योंकि इससे क़स्बा कांधला के हिन्दू समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी इसलिए जैन महिला को एक आना मुआवजा दिलाया जाये.न्यायालय ने तहसीलदार बुढ़ाना की रिपोर्ट स्वीकार कीथी और जैन महिला को एक आना मुआवजा दिला दिया गया था .तभी से उक्त शिवालय स्थापित चला आ रहा है .
ये तथ्य श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट जी द्वारा मुझे पता चले हैं श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट जी हकीम शिवनाथ जी के वंशज हैं और उन्होंने ये बताया कि उन्हें ये तथ्य अपने ही पूर्वज पंडित श्री ताराचंद जी से पता चले और ये भी कहा कि उनके पास मुंसिफ शामली के आदेश की डिक्री भी है जो उर्दू में लिखी गयी है.
  शालिनी कौशिक
 [एडवोकेट]


टिप्पणियाँ

मनोज कुमार ने कहा…
दुखद स्थिति।
Shikha Kaushik ने कहा…
vastav me police v prabandhan ko is aur dhyan dekar uchit karyavahi karni chahiye.
दुर्भाग्यपूर्ण भी ...शर्मनाक भी
सदा ने कहा…
बहुत ही गलत है यह तो ... ।
Bhola-Krishna ने कहा…
हम दोनों 2008 में अंतिम बार भारत गये ! तभी, नवम्बर में नॉएडा से , ऋषिकेश के बाबा कालीकमली वाले के बानप्रस्थ आश्रम जाते समय थोडा डिटूर करके "शामली" में ,सहयात्री मित्र गुप्ता जी के समधियाने में दोपहर का खाना खाया ,विश्राम किया ! हमारी रूचि देख कर मेज़बान समधीजी ने केवल शामली के देवालयों की ही बात की ! वापसी में आने पर दर्शन का वादा तो किया पर ऋषिकेश में श्रीमान भोला जी इतने बीमार हुए की सीधे नॉएडा के मेट्रो हॉस्पिटल के I C U में भर्ती होना पड़ा ! शामली का मन्दिर न देख सके !आपने चित्रों से ही सही ,दर्शन तो कराया ! सचमुच धन्यवाद के पात्र हैं आप !आपके इष्ट एवं गुरुजन की कृपा आप पर सदा बनी रहे ! शुभाकांक्षी - श्रीमती कृष्णा + VNS "भोला"
Gopal Mishra ने कहा…
it is really a bad situation!!!
आन्दोसर शिवालय की ऐतिहासिक जानकारी अच्छी लगी।
क्या ब्लॉगर मेरी थोड़ी मदद कर सकते हैं अगर मुझे थोडा-सा साथ(धर्म और जाति से ऊपर उठकर"इंसानियत" के फर्ज के चलते ब्लॉगर भाइयों का ही)और तकनीकी जानकारी मिल जाए तो मैं इन भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करने के साथ ही अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हूँ. आज सभी हिंदी ब्लॉगर भाई यह शपथ लें
ये स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है ...
Suman ने कहा…
हमेशा अच्छी जानकारी देती है आप
और नियमित मेरे ब्लॉग को पढ़कर प्यारी
टिप्पणी देने का बहुत बहुत धन्यवाद !
Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…
ये घटना शर्मनाक है
Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…
बहुत दिन बाद आया आपके ब्लॉग पर क्या करे इम्तेहान चल रहे है
Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…
मदर्स डे शुभकामनायें.
virendra sharma ने कहा…
पी डिपारचअच्छी जानकारी ,रही बात पुलिस की चोरी का सुराग न ले पाने की ,पुलिस को नाकारा बनाने वाला वी आई पी तंत्र ही है ,जिनकी बेहूदा सुरक्षा में पुलिस को बे तरह मशगूल रहना पड़ता है .वी आई पी एराइवल से लेकर वी आई र तक .
Amrita Tanmay ने कहा…
दुखद..दुर्भाग्यपूर्ण..
वाकई दुर्भाग्यपूर्ण....

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