आभास और संकेत

कल्पना
ख्वाब
गफलत
आभास एक नारी मन का !
हकीकत
चेतन
यथार्थ
संकेत एक पुरुष सोच का !
कल्पना कर नारी सजाये सुन्दर घर
ख्वाब देख रखे खुशियों की तमन्ना
गफलत में माने सब अपना .
हकीकत दिखाए जीवन की पुरुष सबको
चेतन अवस्था में ले आये शिथिल मन को
यथार्थ ला उजाड़े ख्वाबों के उपवन को .

शालिनी कौशिक

[woman about man]

टिप्पणियाँ

Anita ने कहा…
कल्पना तो यहाँ हर मन करता है वह पुरुष का हो या स्त्री का, यथार्थ वह सत्य है जो हर मन की गहराई में छिपा है

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