सोनिया गांधी जी जन्मदिन मुबारक हो
तुम फूल को चुटकी से मसल सकते हो ,पर फूल की खुशबू समेट नहीं सकते .''
सोनिया गांधी जी भारतीय राजनीति के लिए फूल के समान हैं जिसकी खुशबू को उनके विरोधी भरसक प्रयत्नों के बावजूद भी खत्म नहीं कर सकते .इसीलिए वे इन्हें कभी विदेशी कह हमले करते हैं तो कभी इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर इन्हें देश के दुश्मनों की श्रेणी में लाने की कोशिश करते हैं जबकि सोनिया जी का व्यक्तित्व इन सभी आरोपों को ठीक वैसे ही ठेंगा दिखा देता है जैसे कि सूरज के चमकते ही अँधेरे को सूर्य का प्रकाश ठेंगा दिखाता है .
सोनिया जी का पूर्व जीवन क्या रहा है इसके बारे में आप सभी उनकी विकिपीडिया पर मौजूद जानकारी से इस बारे में जान सकते हैं -
Early life
Sonia Gandhi's birthplace, 31, Contrada Maini (Maini street),Lusiana, Italy (the house on the right)
She was born to Stefano and Paola Maino in Contrada Màini ("Maini quarter/district"), at Lusiana,[13][14] a little village 30 km from Vicenza in Veneto,[15] Italy, where families with the family name "Màino" have been living for many generations.[16][17][18] She spent her adolescence in Orbassano,[19] a town near Turin, being raised in a traditional Roman Catholic family and attending aCatholic school. Her father, Stefano Maino, was a building mason, who owned a small construction business in Orbassano.[20] Stefano fought against theSoviet military alongside Hitler's Wehrmacht on theeastern front in World War II, he called himself a loyal supporter of Benito Mussolini and Italy's National Fascist Party.[20] He died in 1983.[21] Her mother and two sisters still live around Orbassano.[22]
In 1964, she went to study English at the Bell Educational Trust's language school in the city of Cambridge.[23] In 1965 at a Greek restaurant (the Varsity Restaurant in Cambridge) she met Rajiv Gandhi, who was enrolled in Trinity College at the University of Cambridge.[24] Sonia and Rajiv Gandhi married in 1968, in a Hindu ceremony[25] following which she moved into the house of her mother-in-law and then Prime Minister, Indira Gandhi.[26]
सोनिया जी को कोई सत्ता का लालची कहता है तो कोई पब की डांसर किन्तु ये नहीं देखता कि ऐसा कहने से उनकी गरिमा में कोई कमी नहीं आती अपितु हमारी गन्दी सोच का ही पता लगता है जो सच्चाई को स्वीकार नहीं सकते और एक महिमामय व्यक्तित्व को गिराने की व्यर्थ चेष्टा करते हैं .सोनिया जी क्या हैं यह उन्होंने राजीव जी की मृत्यु के पश्चात राजनीति से दूर रहकर और २००४ में प्रधानमंत्री पद ठुकराकर स्वयं ही दिखा दिया था जबकि वे इन दोनों ही स्थिति में भारत का प्रधानमंत्री पद बहुत ही आसानी से हासिल कर सकती थी क्योंकि कोई भी संवैधानिक बाध्यता इस कुर्सी और उनके बीच में नहीं थी
आज सोनिया जी की पार्टी सत्ता में नहीं है किन्तु वे निश्चित रूप में आज भी वैसे ही जीवन यापन करती हैं जैसे कि वे सत्ता में रहकर करती हैं .वे पहले भी अपने पुत्र राहुल से सत्ता को जहर कह चुकी हैं और वे ऐसा मान सकती हैं क्योंकि ये सत्ता ही है जिसके कारण उन्हें अपनी सास श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनके ही अंगरक्षकों द्वारा गोली कहते हुए देखना पड़ा और अपने पति श्री राजीव गांधी जी को भी असमय खोना पड़ा .
सोनिया जी ने पिछली लोकसभा के सत्र के दौरान बहुत सा समय अस्वस्थ रहकर गुज़ारा है ऐसे में यह उनके लिए बेहतर ही है कि वे सत्ता के ज़हर से कुछ समय दूर रहें ताकि जो उनपर बेकार के लांछन लगाते फिरते हैं उन्हें अपनी कुछ योग्यता दिखने का अवसर तो मिले.
आज सोनिया जी के 72वें जन्मदिन पर मैं उनके सभी ऐसे प्रशंसकों व् समर्थकों की तरफ से ,जो सच्चाई व् ईमानदारी की कदर करते हैं और मलाईदार व् लच्छेदार बातों की अपेक्षा स्वच्छ व्यक्तित्व को तरजीह देते हैं उन्हें इन शब्दों में हार्दिक शुभकामनायें प्रेषित करती हूँ -
''ज़िंदगी की बहार देखो आप
,
ऐश-ए-लैलो नहार देखो आप ,
एक ही साल की दुआ कैसी
साल बेहतर हज़ार देखो आप .''
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
टिप्पणियाँ
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'