1-Civil judge court at Kairana
22. 11.1986 को बाबूजी ने वरिष्ठ अधिवक्ता और सदस्य विधान परिषद उत्तर प्रदेश श्री ज्ञान चंद्र द्विवेदी जी को उनके पत्र 07.11.1986 के पत्रोत्तर में लिखा जो माननीय श्री ज्ञान चंद्र द्विवेदी जी ने माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद श्री के जे शेट्टी जी को लिखा था और जिसमें उन्होंने बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के स्वयं से सिविल जज कोर्ट के लिए मिलने की बात बताई गई थी, साथ ही उन्होंने बताया था कि उन्होंने सदन में कैराना में कोर्ट स्थापना को लेकर प्रश्न भी पूछे थे, जिसके उत्तर में बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने बताया था कि कैराना में मुंसिफी 6 वर्ष नहीं 100 वर्षों से ज्यादा से स्थापित है और उन्हें न्याय मंत्री से पूछने के लिए कुछ और प्रश्न भी लिखे.
Establishment of Civil Judge in Kairana was not a one day task, a long struggle was fought under the leadership of Babu Kaushal Prasad Advocate ji (President) Bar Association Kairana . The information we have received from Babuji's collection is this -
On 7th November 1986, Hon'ble Shri Gyan Chand Dwivedi ji (Senior Advocate and Member of Legislative Council) wrote a letter to the then Chief Justice (High Court, Allahabad) Shri KJ Shetty ji. In this letter, Dwivedi ji had mentioned about the meeting with Shri Kaushal Prasad regarding the establishment of Civil Judge Court in Kairana and raising questions regarding this issue in the House.
In the context of this letter, Shri Kaushal Prasad Advocate ji wrote in reply on November 22, 1986 that - Munsifi in Kairana has been established for more than 100 years, not 6 years and also wrote some more questions to ask the Minister of Justice.
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