मुंसिफ कैराना की नियुक्ति
दिनाँक 15.07.1992 को अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद को पत्र लिखा और उन्हें मुंसिफ कैराना की कोर्ट के खाली होने के विषय में अवगत कराया. साथ ही, उन्हें बताया कि 25,000/- रुपये के मूल्यांकन तथा लघु वाद उक्त न्यायालय में योजित होते हैं किन्तु पीठासीन अधिकारी के न होने से आवश्यक आदेश पारित नहीं हो पा रहे हैं.
On 15.07.1992 President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji wrote a letter to Hon'ble Chief Justice of High Court Allahabad and informed him about the vacancy of Munsif Kairana's court. Simultaneously, he was told that valuations of Rs 25,000/- and minor suits are organized in the said court, but due to the absence of the presiding judicial officer, necessary orders are not being passed.
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