राहुल गांधी - कलियुग के श्री राम


7 सितंबर 2022 से भारत जोड़ो यात्रा का आरंभ और तब से निरंतर देशवासियों के समक्ष राहुल गांधी जी के देशभक्त, कर्तव्यनिष्ठ, लोकप्रिय चेहरे का सामने आना राहुल गांधी जी के व्यक्तित्व में एक विराट स्वरूप का परिचय कराने के लिए पर्याप्त है. रह रहकर राहुल गांधी जी को लेकर भारतीय मीडिया और बीजेपी आईटी सेल ने जो कटाक्ष राहुल गांधी जी पर किए हैं उन्हें देखते हुए और उनके निर्णयों की दृढ़ता को देखते हुए मन में एकबारगी राहुल गांधी जी का विचार आने पर श्री राम की छवि उभरकर सामने आती है और आज लेखनी राहुल गांधी में श्री राम की छवि का ही तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर रही है - 

श्री राम के जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय तब आरंभ होता है, जब श्री राम के राजतिलक की महाराजा दशरथ तैयारी आरंभ करते हैं और तभी महारानी कैकयी श्री राम के लिए 14 वर्ष का वनवास मांग लेती हैं और प्रभु श्री राम यह पता लगते ही महाराजा दशरथ की आज्ञा के बिना ही सत्ता को त्याग कर वनवास स्वीकार कर लेते हैं. भाजपा यदि तब अयोध्या में होती तो निश्चित रूप से श्री राम के लिए भी "पप्पू" शब्द का ही इस्तेमाल करती क्योंकि यह  बिल्कुल वह घड़ी है कलियुग में जब कॉंग्रेस पार्टी 2009 में दोबारा सत्ता में आती है और राहुल गांधी जी से यह आशा की जाती है कि वे यू पी ए के प्रमुख घटक दल कॉंग्रेस पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद स्वीकार कर लेंगे किन्तु राहुल गांधी श्री राम की तरह अपने सिद्धांतों को ऊपर रखते हैं और मिली जुली सरकार का प्रतिनिधित्व करने से इंकार कर देते हैं और ऐसा सुनहरा अवसर गंवाने पर भाजपा के द्वारा "पप्पू" की संज्ञा से विभूषित कर दिए जाते हैं. 
अब आता है श्री राम के वनवास का दौर, जिसे श्री राम अपने पुण्य उदित होने के रूप में स्वीकार करते हैं और वनवास के नियमों का पालन करते हुए सभी राज सुखों का परित्याग कर पैदल वनों में चलते हैं, वनों में रहकर राक्षसों का अंत करते हुए साधू - संतों की समस्या का समाधान करते हैं. 7 सितंबर 2022 को राहुल गांधी जी भी श्री राम की राह का अनुसरण करते हुए "भारत जोड़ो यात्रा" आरंभ करते हैं और कन्याकुमारी से कश्मीर तक के अपने इस अभियान में पैदल चलते हुए आम जनता से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान या तो तुरंत ही कर देते हैं जैसे कि एक बच्चे के पास लैपटॉप उपलब्ध कराते हैं या फिर उनके द्वारा लिखित में लेकर भविष्य में पूरा करने का आश्वासन देते हैं और आम जनता में उनके आश्वासन को लेकर जो विश्वास है वह आम जनता की लाखों की संख्या में उपस्थिति से अनुभव किया जा सकता है. 


सीता - जनक नन्दिनी - राम प्रिया - रघुकुल की महारानी जिनके लिए श्री राम ने अखिल जगत में नारी का सम्मान स्थापित करने के लिए लंकेश रावण का उनके समूचे कुल सहित संहार किया, आज राहुल गांधी जी भी माँ सीता के माध्यम से देश में महिलाओं का सम्मान स्थापित कराए जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और भगवान श्रीराम का नाम ले सत्ता की सीढियां चढ़ने वाली आरएसएस - बीजेपी के "जय श्री राम" उद्घोष पर कड़ा प्रहार करते हुए कहते हैं - "कि राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया... आरएसएस के लोग सियाराम का उद्घोष कर ही नहीं सकते क्योंकि उनके संगठन में सीता तो है ही नहीं, सीता को तो उन्होंने बाहर कर दिया, "सीता और राम" एक ही हैं. इसलिए मेरे आरएसएस के मित्रों "जय सियाराम" का उद्घोष कीजिए और सीता जी का अपमान मत कीजिए."
         यही नहीं, आज राहुल गांधी ने बहुत से ऐसे कार्य किए हैं, विचार प्रस्तुत किये हैं कि उनकी छवि को कलियुग में श्री राम के समक्ष लाया जा सकता है. श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया, राहुल गांधी जी ने भारत जोड़ो यात्रा में उपस्थित महिलाओं से जिस तरह पुत्रवत व्यवहार किया है, भाई के रूप में जिस तरह उन्हें स्नेह दिया है सुरक्षा का एहसास दिया है उनमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की छवि के दर्शन होते हैं. 
श्री राम को धीर-वीर-गंभीर कहा गया है और जिस तरह से बीजेपी द्वारा राहुल गांधी की छवि को खराब करने के लिए, उन्हें पप्पू साबित करने के लिए अरबों रुपये खर्च किए गए हैं और उन्हें देखते ही जनता के दिलों दिमाग में जिस तरह से पप्पू शब्द का उच्चारण स्थापित कर दिया गया है उसे ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी जी का धैर्यपूर्वक सब सहन करना और जनता के बीच में आकर अपनी योग्यता उजागर कर बीजेपी द्वारा फैलाई गई अफवाहों पर विराम लगाना उनके धीर-वीर-गम्भीर स्वरुप को सामने लाता है. 
श्री राम को सखा स्नेही भी कहा गया, निषादराज से उनकी मित्रता इसका प्रमाण है वहीं अमेठी के पंडित दिनेश शर्मा जी से राहुल गांधी जी की मित्रता का यह प्रमाण उन्हें सखा स्नेही की श्रेणी में भी खड़ा कर देता है कि पंडित दिनेश शर्मा द्वारा राहुल गांधी जी को प्रधान मंत्री बनाए जाने के लिए पिछले 12 साल से पैदल नंगे पैर चलने का व्रत धारण किया गया है. 
श्री राम ने कभी किसी को नीचा रहने ही नहीं दिया और राहुल गांधी जी ने अपने मन में कभी किसी भेदभाव-छूआछूत को जगह नहीं दी और इसके गवाह आज के भारत जोड़ो यात्रा के यात्री हैं जो 2000 किलोमीटर से भी लम्बी दूरी तक राहुल गांधी जी के साथ चल रहे हैं. 
श्री राम को गरीबनिवाज भी कहा जाता है उनके समय में गरीबों के लिए, ब्राह्मणों के लिए खजाने के द्वार खुले रहते थे. श्री राम ने राजा का पैसा गरीब जनता में पहुंचाने का कार्य किया और राहुल गांधी जी द्वारा आदिवासियों की जमीन का मुद्दा उठाना, भट्टा-पारसौल मुद्दे पर किसानों के पास पहुंचना, किसान-मजदूर-नाई-छोटे दुकानदारों को तपस्वी की संज्ञा देना उनके हृदय की उदारता को परिलक्षित करता है और उनके हृदय में श्री राम के प्रति सम्मान को वास्तव में स्वीकार आदर्श के रूप में स्थापित करता है जो श्री राम के नाम को राजनीति के लिए इस्तेमाल किए जाने वालों के हृदय में कहीं भी दिखाई नहीं देता है. 
राहुल गांधी जी को लेकर जो भी अफवाहें उड़ाई गई थी वे सभी भारत जोड़ो यात्रा का आगाज कर निर्मूल कर दी गई हैं और अब स्थिति यह आ गई है कि बीजेपी की आईटी सेल राहुल गांधी जी को निशाना बनाने के लिए भगवान भोलेनाथ, श्री कृष्ण, श्री राम, किसानों, नाई, मजदूर, छोटे दुकानदारों को राहुल गांधी द्वारा तपस्वी कहे जाने की हँसी उड़ा रहे हैं. आज राहुल गांधी जी ने ऐसी विषम परिस्थितियों में जिस उदात्त चरित्र का, संतुलित व्यवहार का प्रदर्शन किया है वह उन्हें कलियुग के श्री राम के रूप में अवतरित कर रहा है. 
🚩🪴🌹जय सियाराम 🌹🪴🚩
द्वारा 
शालिनी कौशिक 
एडवोकेट 
कैराना (शामली) 



 

टिप्पणियाँ

वास्तव में प्रशंसनीय.
Shalini kaushik ने कहा…
आभार डॉ शिखा कौशिक नूतन जी 🙏🙏

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी माँ - मेरा सर्वस्व

बेटी का जीवन बचाने में सरकार और कानून दोनों असफल

बदनसीब है बार एसोसिएशन कैराना