महात्मा गांधी को दबाने में जुटी संघी फौज

 


     भारतीय लोकतंत्र आज जिस बुरे दौर से गुजर रहा है उसकी कल्पना करना भी एक आम भारतीय के लिए कठिन है. ऊपर से लेकर नीचे तक देश आज वह कार्य कर रहा है जिसके लिए इस देश को अंग्रेजों से आजाद कराकर लाने वाले स्वतंत्रता सेनानी कभी भी इजाज़त नहीं देते. पूरा विश्व जानता है कि 150 वर्षों तक चले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनेकों वीर भारतीयों ने अपनी शहादत दी और अफ्रीका में रंगभेद नीति के खिलाफ सफल आंदोलन से विश्व प्रसिद्ध हुए महात्मा गांधी ने सत्य अहिंसा के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश किया और स्वामी श्रद्धानंद जी द्वारा महात्मा गांधी और महान सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा राष्ट्रपिता की उपाधि से सम्मानित किये गये. देश के लिए अपना उज्जवल भविष्य अपने पूरे परिवार सहित पूरा जीवन लगाने वाले महात्मा गांधी को अंग्रेजों की भारत को बांटने की साजिश देखनी पड़ी, उनका हृदय भारत पाक बँटवारे के कारण छलनी छलनी हो गया. देश के बँटवारे के लिए उनके शब्द थे - भारत का बँटवारा मेरी लाश पर होगा. देश के स्वतंत्र होने के बाद संघीय सोच के नाथूराम गोडसे की गोली और सावरकर की साजिश का शिकार हुए. 

      अपनी कुर्बानी के 76 वर्षों बाद भी गरीब आम जनता के हृदय के स्वामी पूरे विश्व में पूजनीय महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को सत्ताधारी पार्टी की सांसद श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं, महात्मा गांधी के चित्र को गोली मारने का नाटक कर प्रसन्न होती हैं और अखबारों की सुर्खियां बनती हैं. नाथूराम गोडसे - एक बदनाम शहीद जैसे साहित्य भारतीय समाज में आते हैं. सबूतों के अभाव में महात्मा गांधी की हत्या की साजिश से बरी किए गए अंग्रेजों से उनकी नीतियों का प्रचार करने के नाम पर, अपनी देश सेवा के कार्य करने के लिए माफी माँगकर सेल्युलर जेल से आजाद हुए सावरकर जैसे वीर कहे जाने लगते हैं, देश की सुरक्षा के लिए अपने दोनों पुत्रों का बलिदान करने वाले गुरु गोविंद सिंह की संघीय शाखा पर सावरकर की जयंती जैसे कार्य सम्पन्न होने लगते हैं, संघीयों के द्वारा भारत रत्न के योग्य भारतीयों की पंक्ति में खड़े किए जाते हैं और ऐसा हो भी क्यूँ ना जब जिनके हाथ में इस समय संघ की प्रतिष्ठा और भाजपा की सरकार है वे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ही कहते हैं कि  - ""गांधीजी को कोई नहीं जानता था,गांधी फिल्म के बाद लोग उन्हें जानने लगे. गाँधी फिल्म बनने के बाद विश्व के लोगों में गांधी जी के बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा हुई. "

    नरेंद्र मोदी जी के ये शब्द उन महात्मा गांधी के बारे में हैं जिनके लिए महान वैज्ञानिक अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन ने जो कहा उससे ज्‍यादा और बेहतर गांधी के बारे में कुछ नहीं कहा, लिखा या सोचा जा सकता है. वे कहते हैं, ‘भविष्‍य की पीढि़यों को इस बात पर विश्‍वास करने में मुश्किल होगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्‍यक्ति भी कभी धरती पर आया था.’

    ऐसे में, आज के भारत के बारे में केवल यही कहा जा सकता है कि राजनीतिक स्वार्थ ने आज भारतीय सभ्यता, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की सब कुर्बानियों को नेपथ्य में पहुंचा दिया है, कंगूरे की ईंट चमक गई है नींव की ईंट दब गई है.



शालिनी कौशिक 

एडवोकेट 

कैराना (शामली) 

टिप्पणियाँ

स्वघोषित ईश्वर अवतार को हक़ है गांधी को गलियाने का |
Shalini kaushik ने कहा…
निस्संदेह सर, टिप्पणी हेतु आभार सर 🙏🙏
Anita ने कहा…
बापू को विश्व के हर कोने में सम्मान प्राप्त है, उनके जीवन ने कई देशों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणा दी है
Shalini kaushik ने कहा…
सही, टिप्पणी हेतु आभार अनीता जी 🙏🙏

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