Works for high court bench

 Advocates have been agitating for the High Court Bench in western Uttar Pradesh since 1979 and Bar Association Kairana has actively participated in this movement under the leadership of Babu Kaushal Prasad Advocate ji, who was the President of Bar Association Kairana continuously from 1978 to 1999.

On the call of the Western Uttar Pradesh High Court Bench Sangharsh Samiti, the advocates of West UP have been on strike on Saturday for almost four decades and senior advocates of Bar Association Kairana Chaudhary Riyasat Ali Advocate Ji and Syed Mukhtar Hasan Advocate Ji say that Once Saturday's strike was about to break, then due to the passionate speech of Babu Kaushal Prasad Advocate ji in Nanak Chand Auditorium, this strike is going on even today.

 पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्ष 1979 से हाई कोर्ट बेंच के लिए अधिवक्ता आंदोलन रत हैं और वर्ष 1978 से वर्ष 1999 तक लगातार अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना रहे बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व में बार एसोसिएशन कैराना ने इस आंदोलन में बढ चढ़कर हिस्सा लिया है। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट खंडपीठ संघर्ष समिति के आह्वान पर वेस्ट यू पी के अधिवक्ता करीब चार दशकों से शनिवार को हड़ताल पर करते आ रहे हैं और बार एसोसिएशन कैराना के वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी रियासत अली एडवोकेट जी और सैयद मुख्तार हसन एडवोकेट जी का कहना है कि एक बार शनिवार की हड़ताल  टूटने ही वाली थी तब नानक चंद सभागार में बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के जोशीले भाषण के कारण ये हड़ताल आज भी चल रही है। 

  Bar Association Kairana, under the leadership of President Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji, what attitude had shown regarding the demand of the High Court Bench can be known from the news published in the Muzaffarnagar Bulletin of 29 April 1989 -

On 28 April 1989, lawyers locked the courts in Kairana in support of setting up of a Bench of Allahabad High Court in western Uttar Pradesh. Earlier, an emergency meeting of Bar Sangh Kairana was presided over by the President of Bar Association Kairana, Mr Kaushal Prasad Advocate. In which it was unanimously decided to boycott the courts from 27.04.1989 to 29.04.1989. After the resolution was passed, lockout in other courts including Munsif Kairana, SD M. Kairana, Tehsildar Kairana and Consolidation was done."

बार एसोसिएशन कैराना ने अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व में हाई कोर्ट खंडपीठ की मांग को लेकर  क्या तेवर दिखाए थे 29 अप्रैल 1989 के मुजफ्फरनगर बुलेटिन में प्रकाशित समाचार से जाना जा सकता है -

" पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ स्थापित करने के समर्थन में 28 अप्रैल 1989 को वकीलों ने कैराना स्थित न्यायालयों में ताले लगा दिए. इससे पूर्व बार संघ कैराना की एक आपातकालीन बैठक बार संघ कैराना के अध्यक्ष श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें सर्व सम्मति से दिनाँक 27.04.1989 से 29.04.1989 तक न्यायालयों के बहिष्कार का निर्णय लिया गया. प्रस्ताव पारित होने के बाद मुंसिफ कैराना, एस. डी. एम. कैराना, तहसीलदार कैराना तथा चकबंदी सहित अन्य न्यायालयों में तालाबंदी की गई.


 In 1989, Bar Association Kairana under the leadership of President  Babu Kaushal Prasad Advocate ji, in view of public meeting of Mr Ghulam Nabi Azad (General Secretary Congress) Mr Narayan Dutt Tiwari (Chief Minister of Uttar Pradesh) Shri Balram Jakhar, (Hon'ble Speaker of Lok Sabha) in Kairana on 08.08.1989; had made a plan about their siege, a steering committee was formed, the time for the advocates to come to the court was fixed,

 In the meeting of the Bar Association on 07.08.1989, a resolution was passed for the siege of the Congress leaders coming to the public meeting. In the meeting of the Bar Association held on 08.08.1989, a resolution was passed to boycott and lock down the courts at Kairana from 09.08.1989 to 11.08.1989. Along with this, the cooperation of the Clerical Association Kairana was also sought for the said siege plan , a letter was written to the President of Bar Association, Muzaffarnagar requesting him to come to Kairana for the said siege program and support the Bar Association Kairana

 1989 में बार एसोसिएशन कैराना ने अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व में दिनाँक 08.08.1989 को कैराना में गुलाम नबी आजाद महामंत्री कॉंग्रेस आई, श्री नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, श्री बलराम जाखड अध्यक्ष लोक सभा की जनसभा का कार्यक्रम की जानकारी होने पर उनके घेराव की योजना बनाई, जिसके लिए एक संचालन समिति का गठन किया गया, कचहरी में आने का अधिवक्ताओं का समय निश्चित किया गया, दिनाँक 07.08.1989 की बार एसोसिएशन की मीटिंग में कॉंग्रेस जनसभा में आने वाले नेताओं के घेराव का और दिनाँक 08.08.1989 बार एसोसिएशन की मीटिंग में 09.08.1989 से दिनाँक 11.08.1989 तक कैराना स्थित न्यायालयों का बहिष्कार करने और तालाबंदी का प्रस्ताव पारित किया गया. साथ ही, उक्त घेराव के लिए लिपिक संघ कैराना का सहयोग भी माँगा गया, अध्यक्ष, बार संघ, मुजफ्फरनगर को पत्र लिखकर उक्त घेराव कार्यक्रम के लिए कैराना आने और बार एसोसिएशन कैराना का समर्थन करने के लिए अनुरोध किया गया। 


 

 Under the leadership of President Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate Ji, Bar Association Kairana was recognized all over the country. The attack on the advocates of Kairana shook the advocates' organizations across the country. From the collection of Babuji, we have received many letters in support of the advocates of Kairana.

 In which Tehsil Advocates Association, Kannauj, Bar Council of Punjab and Haryana, Bar Association, Hasanpur, Lawyers Association, Kanpur, Bar Association Mohammadi, Kheri, Communist Party of India District Council, Haridwar, Advocates Council (Registered) Haridwar, Civil Bar Association, Baghpat , Munsif Magistrate Establishment Sangharsh Samiti, Sardhana, Bar Association, Roorkee, District Bar Association, Bijnor, Bar Association, Deoband, Saharanpur, Income Tax Association, Shamli's letters are prominent

 In which the Income Tax Association, Shamli, Bar Association Deoband, Saharanpur proposed complete closure of all courts, registry offices, consolidation courts from 10 August 1989 to 12 August 1989 and sending two representatives to the emergency meeting of the Sangharsh Committee on 12.08.1989. The decision of the Bar Association was taken in support of the advocates of Kairana.

अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व में बार एसोसिएशन कैराना को पूरे देश में मान्यता प्राप्त थी. कैराना के अधिवक्ताओं पर हुए हमले ने पूरे देश के अधिवक्ताओं के संगठनों को हिलाकर रख दिया था. बाबूजी के संग्रह से हमें कैराना के अधिवक्ताओं के समर्थन में मिले बहुत से पत्र प्राप्त हुए, जिनमें तहसील अधिवक्ता संघ, कन्नौज, बार काउंसिल ऑफ पंजाब और हरियाणा, बार एसोसिएशन, हसनपुर, लायर्स एसोसिएशन, कानपुर, बार एसोसिएशन मोहम्मदी, खीरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला काउंसिल, हरिद्वार, अधिवक्ता परिषद (रजिस्टर्ड) हरिद्वार, सिविल बार एसोसिएशन, बागपत, मुंसिफ मजिस्ट्रेट स्थापना संघर्ष समिति, सरधना, बार एसोसिएशन, रूड़की, डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, बिजनौर, बार एसोसिएशन, देवबंद, सहारनपुर, इंकम टैक्स एसोसिएशन, शामली के पत्र प्रमुख हैं जिनमें इन्कम टैक्स एसोसिएशन, शामली, बार एसोसिएशन देवबंद, सहारनपुर द्वारा 10 अगस्त 1989 से 12 अगस्त 1989 तक सभी न्यायालयों, रजिस्ट्री कार्यालयों, चकबंदी न्यायालयों के पूर्ण बंद किए जाने का प्रस्ताव और 12.08.1989 की संघर्ष समिति की आकस्मिक मीटिंग में दो प्रतिनिधि भेजने का निर्णय बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं के समर्थन में किया गया। 




 On August 8, 1989, the advocates of the Bar Association Kairana, led by the President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji, had surrounded the leaders in Kairana for the High Court Bench agitation in western Uttar. Advocates of Bar Association Kairana , including the advocates of the other Bar Associations also faced barbaric attack from the supporters of the leaders.
For which many bar associations of the country and the state had stood up in support of the advocates of Kairana in protest against the injustice done to the advocates of Bar Association Kairana and it was the efficient leadership of Babuji that the Delhi Bar Association had passed a resolution to organize a one day symbolic strike on 14 August 1989 in support of the Advocates of Kairana Tehsil Compound to express complete solidarity with the advocate brothers.

 दिनाँक 8 अगस्त 1989 को बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं द्वारा अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट खंडपीठ आंदोलन में कैराना में नेताओं का घेराव किया गया, जिसमें बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं सहित बाहर से आए अधिवक्ताओं को भी नेताओं के समर्थकों के बर्बर हमले का सामना करना पड़ा। जिसके लिए देश - प्रदेश के कई बार एसोसिएशन बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं के साथ हुए अन्याय के विरोध में कैराना के अधिवक्ताओं के समर्थन में खड़ी हो गई थी और यह बाबूजी का ही कुशल नेतृत्व था कि दिल्ली बार एसोसिएशन द्वारा भी बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं के समर्थन में 14 अगस्त 1989 को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल का प्रस्ताव कैराना तहसील कम्पाउंड के अधिवक्ता भाइयों के साथ सम्पूर्ण एकजुटता के विचार के साथ पारित किया गया। 

President Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji presented a memorandum to the Honorable Governor of Uttar Pradesh Government Lucknow on 25 August 1989 in the name of Tehsildar Kairana regarding the establishment of High Court Bench in Western Uttar Pradesh in which he said -

 "That it is well known that the Jaswant Singh Commission has recommended the establishment of a Bench of the Allahabad High Court in Western Uttar Pradesh and has considered the establishment of the Bench appropriate for the purpose of decentralization of justice. Unnecessary political confusion is being created regarding the location. Due to which great harm is being done to the litigants. 

The Bar Association Kairana considers Meerut as the most appropriate place for the establishment of the Allahabad High Court Bench in Western Uttar Pradesh.

 अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी द्वारा 25 अगस्त 1989 को माननीय राज्यपाल उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट खंडपीठ की स्थापना के सम्बन्ध में तहसीलदार कैराना के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कहा गया -

" कि यह सर्वविदित है कि जसवंत सिंह आयोग ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना की सिफारिश की है तथा खंडपीठ की स्थापना को न्याय के विकेंद्रीकरण के उद्देश्य से उचित माना है. केंद्रीय सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार खंडपीठ की स्थापना के स्थान के सम्बन्ध में अनावश्यक राजनीतिक उलझन पैदा कर रही हैं. जिससे वादकारियों का बहुत बड़ा अहित हो रहा है. बार संघ कैराना खंडपीठ की स्थापना के लिए मेरठ को सबसे उचित स्थान मानता है। "

 


President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate was completely devoted to the High Court Bench in  Western Uttar Pradesh . On receiving the letter of Mr Brajesh Tyagi, Secretary of the Muzaffarnagar District Bar Association, Babuji sent a list of the following advocates to participate in the successive fast before the Hon'ble District Magistrate of Muzaffarnagar on 14.09.1989 - 


1-Shri Kaushal Prasad Kaushik, President , Bar Association Kairana

 

2- Mr. Pahal Singh Advocate, Vice-President , Bar Union Kairana

 

3- Mr. Satya Pal Singh Advocate, Secretary, Bar Union Kairana


4- Shri Arvind Kumar Sharma Advocate, Convenor Sangharsh Samiti, Kairana 


5- Mr. Tahir Ali Advocate, Member, Bar Association Kairana 


6- Mr. Athar Ali Advocate, Member, Bar Association Kairana 


7- Mr. Kharak Singh Chouhan Advocate, Member, Bar Association Kairana


 8- Shri Ajmer Singh Pundir Advocate, Member, Bar Association, Kairana 


9-Shri Surendra Pal Singh Advocate, Member, Bar Association Kairana


 10- Mr. Intezar Ahmed Advocate, Member, Bar Association Kairana 


11-Shri Shailendra Singh Chaudhary Advocate, Member, Bar Association Kairana


 12-Shri Mahipal Singh Advocate, Member, Bar Association Kairana

 पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट खंडपीठ के लिए अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी पूरी तरह से समर्पित थे. मुजफ्फरनगर जिला बार संघ के सचिव श्री ब्रजेश त्यागी का पत्र प्राप्त होने पर बाबूजी द्वारा दिनाँक 14.09.1989 को जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर के समक्ष निम्न अधिवक्ता गण द्वारा क्रमिक अनशन में उपस्थित होकर भाग लेने के लिए सूची भेजी गई-

1-श्री कौशल प्रसाद कौशिक, अध्यक्ष बार संघ कैराना 

2- श्री पहल सिंह एडवोकेट, उपाध्यक्ष बार संघ कैराना

3- श्री सत्य पाल सिंह एडवोकेट, सचिव बार संघ कैराना

4- श्री अरविंद कुमार शर्मा एडवोकेट, संयोजक संघर्ष समिति कैराना

5- श्री ताहिर अली एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना

6- मौ. अतहर अली एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना

7- श्री खड़क सिंह चौहान एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना

8- श्री अजमेर सिंह पुंडीर एडवोकेट, सदस्य बार संघ, कैराना

9-श्री सुरेंद्र पाल सिंह एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना

10- श्री इंतजार अहमद एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना

11-श्री शैलेन्द्र सिंह चौधरी एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना

12-श्री महीपाल सिंह एडवोकेट, सदस्य बार संघ कैराना




  In the movement of the Western Uttar Pradesh High Court Bench, President Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji was associated with the Sangharsh Samiti along with the entire organization. In Babuji's time every call of the Sangharsh Samiti was followed, every movement was taken and every instruction was followed literally.

In August 1995, in connection with the High Court Bench, the advocates of Meerut Bar Association went to Lucknow to meet the Chief Minister of Uttar Pradesh, Mayawati ji , but returned disappointed, after that they called a meeting of the Sangharsh Committee on 2 September 1995 under the aegis of the Sangharsh Samiti, in which the decision was taken to boycott of courts of western Uttar Pradesh, Meerut bandh was decided on 8 September 1995 on the arrival of Mayawati ji for the establishment of the Bench

President Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji also joined the delegation of Bar Association Kairana, expressing his views in the meeting and said that - "Give intensity to the struggle. People of Kendriya Sangharsh Samiti should go to different districts and show strength on 8th September."


पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट खंडपीठ के आंदोलन में अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी पूरे संगठन के साथ संघर्ष समिति से जुड़े हुए थे। बाबूजी के समय में संघर्ष समिति के हर आह्वान का पालन किया जाता था, हर आंदोलन में शामिल हुआ जाता था और हर निर्देश का अक्षरशः अनुसरण किया जाता था। अगस्त 1995 में हाई कोर्ट बेंच के सिलसिले में मेरठ बार एसोसिएशन के अधिवक्ता उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती जी से मिलने लखनऊ गए किन्तु निराश होकर लौटे, उसके बाद उन्होंने संघर्ष समिति के तत्वावधान में 2 सितंबर 1995 को संघर्ष समिति की बैठक बुलाई, जिसमें खंडपीठ स्थापना के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अदालतों के बहिष्कार, मायावती जी के आगमन पर 8 सितंबर 1995 को मेरठ बंद का निर्णय लिया गया। अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी भी बार एसोसिएशन कैराना के शिष्ट मंडल के साथ शामिल हुए,उन्होंने बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा -

" कि संघर्ष को तीव्रता प्रदान करें. केंद्रीय संघर्ष समिति के लोग विभिन्न जिलों में जाएं तथा 8 सितंबर को शक्ति प्रदर्शन करें."


  There was hardly any time when President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji's heart and mind not  think about the interest of advocates, Courts in Kairana, interest of Bar Association and for establishment of Western Uttar Pradesh High Court Bench .

On 6th April 1998, Babuji congratulated the former Governor of Himachal and Punjab, Hon'ble Shri Virendra Verma ji on his election as Member of Parliament from Kairana Lok Sabha constituency, but at the same time said -

"You have given your full cooperation in the past for the establishment of a bench of Allahabad High Court in western Uttar Pradesh and have also presented this demand in a strong way in the Parliament, but till now the Central Government has not established the High Court Bench. There is No decision has been taken for this.

 Bar Association Kairana requests you to vigorously present the above matter before the Central Government, so that the litigants of Western Uttar Pradesh can get cheap, easy and speedy justice.

Also said that

 "The Bar Association is making efforts to establish the Court of Kairana Additional District and Sessions Judge. The said court has been established at many tehsil levels in Uttar Pradesh. The Bar Association requests you to cooperate in the said matter."

शायद ही कोई समय ऐसा हो जब अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के दिल - दिमाग पर अधिवक्ताओं का हित, कैराना में कोर्ट, बार एसोसिएशन का हित और पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाई कोर्ट खंडपीठ की स्थापना के लिए कोई न कोई विचार मन में नहीं रहता हो। 

    हिमाचल और पंजाब के भूत पूर्व राज्यपाल माननीय श्री वीरेन्द्र वर्मा जी के कैराना लोकसभा क्षेत्र से संसद सदस्य चुने जाने पर बाबूजी ने 6 अप्रैल 1998 को उन्हें बधाईयाँ दी किन्तु साथ ही कहा -

" आपने पूर्व में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की एक बेंच की स्थापना के लिए अपना भरपूर सहयोग दिया है तथा संसद में भी इस मांग को सशक्त रूप में प्रस्तुत किया है, परंतु अभी तक केंद्रीय सरकार ने हाई कोर्ट बेंच की स्थापना के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है. बार संघ कैराना आपसे अनुरोध करता है कि आप उक्त मामले को पुनः केंद्रीय सरकार के समक्ष प्रबल रूप से प्रस्तुत करें, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वादकारियों को सस्ता, सुलभ व शीघ्र न्याय प्राप्त हो सके ।"

    साथ ही यह भी कहा कि - 

"बार संघ कैराना अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय की स्थापना के लिए प्रयास कर रहा है. उत्तर प्रदेश में अनेक तहसील स्तरों पर उक्त न्यायालय स्थापित हो चुका है. बार संघ का आपसे अनुरोध है कि उक्त मामले में आप सहयोग प्रदान करें। "











 









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