न कोशिश ये कभी करना .
न कोशिश ये कभी करना .
दुखाऊँ दिल किसी का मैं -न कोशिश ये कभी करना ,
दुखाऊँ दिल किसी का मैं -न कोशिश ये कभी करना ,
बहाऊँ आंसूं उसके मैं -न कोशिश ये कभी करना.
नहीं ला सकते हो जब तुम किसी के जीवन में सुख चैन ,
करूँ महरूम फ़रहत से-न कोशिश ये कभी करना .
चाहत जब किसी की तुम नहीं पूरी हो कर सकते ,
करो सब जो कहूं तुमसे-न कोशिश ये कभी करना .
किसी के ख्वाबों को परवान नहीं हो तुम चढ़ा सकते ,
हक़ीकत इसको दिखलाऊँ-न कोशिश ये कभी करना .
ज़िस्म में मुर्दे की जब तुम सांसे ला नहीं सकते ,
बनाऊं लाश जिंदा को-न कोशिश ये कभी करना .
समझ लो ''शालिनी ''तुम ये कहे ये जिंदगी पैहम ,
तजुर्बें मेरे अपनाएं-न कोशिश ये कभी करना .
शालिनी कौशिक
[कौशल]
टिप्पणियाँ
बहाऊँ आंसूं उसके मैं -न कोशिश ये कभी करना.
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने शालिनी जी.
हर दिल में ईश्वर का वास है.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा
और 'फालोअर्स और ब्लोगिंग पर अपने
विचार प्रकट कीजियेगा.
बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
हक़ीकत इसको दिखलाऊँ-न कोशिश ये कभी करना .
सच है किसी का दिल दुखाना अच्छा नहीं होता ...
अलग अंदाज़ लिए गज़ल ...
बनाऊं लाश जिंदा को-न कोशिश ये कभी करना
अगर आप किसी का अच्छा नहीं कर सकते तो कम से कम बुरा मत कीजिये ...
बेहतरीन अभिव्यक्ति !
बहाऊँ आंसूं उसके मैं -न कोशिश ये कभी करना.
Behad sundar panktiyan....pooree rachana aprateem!