मेरी किस्मत ही ऐसी है .
न होगा मुझको कुछ हासिल ,मेरी किस्मत ही ऐसी है ,
न फतह के होंगी काबिल ,मेरी किस्मत ही ऐसी है .
मयस्सर थी मुझे खुशियाँ ,अगर कुछ करके दिखलाती ,
नहीं कर पाई मैं कुछ भी , मेरी किस्मत ही ऐसी है .
खड़े हैं साथ में अपने ,न मानूं हूँ किसी की मैं ,
समझती खुद को बादशाह ,मेरी किस्मत ही ऐसी है .
नहीं चाहा था जो मैंने ,बिना मांगे ही मिल गया ,
जो चाहा न मिला मुझको ,मेरी किस्मत ही ऐसी है .
न पड़ना फेर में इसके ,यही कहती है ''शालिनी''
कहलवा देगी तुमको ये ,मेरी किस्मत ही ऐसी है .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
टिप्पणियाँ
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (19-05-2013) के मंजिल को हँसी-खेल समझना न परिन्दों : चर्चा मंच- 1249 मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
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सुन्दर !!
ॐ शान्ति .
कर्म से निर्धारण होता है किस्मत का चाहे इस जन्म के हों या पूर्व जन्म के .
नन्ने मुन्ने बच्चे तेरी मुठ्ठी में क्या है ,
मुठ्ठी में है तकदीर हमारी ,हमने किस्मत को बस में किया है ....
ॐ शान्ति .
ॐ शान्ति .
कर्म से निर्धारण होता है किस्मत का चाहे इस जन्म के हों या पूर्व जन्म के .
नन्ने मुन्ने बच्चे तेरी मुठ्ठी में क्या है ,
मुठ्ठी में है तकदीर हमारी ,हमने किस्मत को बस में किया है ....
ॐ शान्ति .
बहुत सुंदर
Vishva
नहीं चाहा था जो मैंने ,बिना मांगे ही मिल गया ,
जो चाहा न मिला मुझको ,मेरी किस्मत ही ऐसी है .
Lagta hai mano mere bareme aapne likha hai!