ये तन्हाई ......संजीदगी सिखाती है.
ये जिंदगी तन्हाई को साथ लाती है,
हमें कुछ करने के काबिल बनाती है.
सच है मिलना जुलना बहुत ज़रूरी है,
पर ये तन्हाई ही हमें जीना सिखाती है.
यूँ तो तन्हाई भरे शबो-रोज़,
वीरान कर देते हैं जिंदगी.
उमरे-रफ्ता में ये तन्हाई ही ,
अपने गिरेबाँ में झांकना सिखाती है.
मौतबर शख्स हमें मिलता नहीं,
ये यकीं हर किसी पर होता नहीं.
ये तन्हाई की ही सलाहियत है,
जो सीरत को संजीदगी सिखाती है.
शालिनी कौशिक
टिप्पणियाँ
जो सीरत को संजीदगी सिखाती है.
सही कहा है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
सत्य—तन्हाई आयना है खुद का.
दूसरों की पहचान से पहले अपनी पहचान
जरूरी है.
सत्य—तन्हाई आयना है खुद का.
दूसरों की पहचान से पहले अपनी पहचान
जरूरी है.
सत्य—तन्हाई आयना है खुद का.
दूसरों की पहचान से पहले अपनी पहचान
जरूरी है.
हमें कुछ करने के काबिल बनाती है.
सच है मिलना जुलना बहुत ज़रूरी है,
पर ये तन्हाई ही हमें जीना सिखाती है
सुन्दर अभिव्यक्ति
यह क्यों भूलें कि सिखाने के लिए तन्हाई का का अपना अलग अंदाज होता है