बॉलीवुड के एकमात्र खान शहंशाह-[शाहरुख़ खान ]-HAPPY BIRTHDAY TO SHAHRUKH KHAN

 बॉलीवुड एक ऐसा संसार जहाँ सब कुछ मनमोहक नज़र आता है ,जहाँ रोज नए शहंशाह बनते हैं और रोज ख़त्म होते हैं .अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड के शहंशाह की उपाधि प्राप्त है किन्तु वे एकमात्र ही इस सिंहासन पर आसीन नहीं हैं इस सिंहासन को उन्हें एक और अभिनेता के साथ साझा करना पड़ेगा और वह अभिनेता हैं ''शाहरुख़ खान '' जिन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से बॉलीवुड पर राज किया है .न केवल शाहरुख फ़िल्मी जीवन व्यतीत करते हैं बल्कि वे पारिवारिक रूप से भी अमिताभ बच्चन जी की बराबरी करते नज़र आते हैं जैसे अमिताभ जी का पारिवारिक जीवन फ़िल्मी जीवन की तरह सफल है ठीक वैसे ही शाहरुख़ खान का पारिवारिक जीवन भी फ़िल्मी जीवन की तरह सफल है .
      बहुत पहले दूरदर्शन पर एक धारावाहिक आया था ''फौजी '' उसमे जो सबका प्रिय कलाकार था वह अपनी चुलबुली हरकतों के कारण सबकी नज़रों में चढ़ा हुआ था .धारावाहिक में वह जब अपनी प्रेमिका का इंतज़ार करता था और दस तक की गिनती गिनते हुए दस पास  आने पर ''सवा नौ , साढ़े नौ ,पौने नौ '' का उच्चारण करता था तो सबके दिलों की धड़कन उसकी प्रेमिका के आने की दुआएं मांगते थे किसे पता था कि ये हमारा घर का हीरो [ यही कहना होगा क्योंकि दूरदर्शन को घर के सदस्य का दर्जा तब के समय में प्राप्त था ]अब फिल्मों में आ गया है ,एक दिन जब दूरदर्शन पर दीवाना फिल्म का '' ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं '' गाना  देखा और उसमे शाहरुख़ को देखा तो दिल खुश हो गया और चिल्लाया ''अरे ये तो अपना फौजी है बस फिर क्या था अपनी रूचि उसकी फिल्मों में भी बढ़ गयी और वह वास्तव में शहंशाह निकला,एक के बाद एक फिल्म ने सफलता की बुलंदी को छुआ और यहाँ वे अमिताभ जी से भी आगे निकल गए क्योंकि अमिताभ जी को आरम्भ में असफलताओं का काफी सामना करना पड़ा था जबकि शाहरुख़ खान को आजतक भी असफलता अपना चेहरा नहीं दिखा पायी .
  उनके जीवन के बारे में कुछ जानकारी विकिपीडिया हमें देता है जो यूँ है -
शाहरुख़ ख़ान
Shahrukh Khan CE.jpg
शाहरुख़ ख़ान चेन्नई एक्सप्रेस के संगीत उद्घाटन पर
जन्म2 नवम्बर 1965 (आयु 49 वर्ष)
नई दिल्ली, भारत
रहवासमुंबईमहाराष्ट्र, भारत[1]
व्यवसायअभिनेता, निर्माता, टेलिविज़न मेज़बान
सक्रिय वर्ष1988—अबतक
जीवनसंगीगौरी खान (1991—अबतक)
संतान3
शाहरुख़ ख़ान (उच्चारण [‘ʃaːɦrəx ˈxaːn]; जन्म 2 नवम्बर 1965), जिन्हें अक्सर शाहरुख खान के रूप में श्रेय दिया जाता है और अनौपचारिक रूप में एसआरके नाम से सन्दर्भित किया जाता, एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता है। अक्सर मीडिया में इन्हें "बॉलीवुड का बादशाह", "किंग खान", "रोमांस किंग" और किंग ऑफ़ बॉलीवुड नामों से पुकारा जाता है। खान ने रोमैंटिक नाटकों से लेकर ऐक्शन थ्रिलर जैसी शैलियों में 75 हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय किया है।[2][3][4][5] फिल्म उद्योग में उनके योगदान के लिये उन्होंने तीस नामांकनों में से चौदह फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार जीते हैं। वे और दिलीप कुमार ही ऐसे दो अभिनेता हैं जिन्होंने साथ फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार आठ बार जीता है। 2005 में भारत सरकार ने उन्हें भारतीय सिनेमा के प्रति उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया।
अर्थशास्त्र में उपाधी ग्रहण करने के बाद इन्होने अपने करियर की शुरुआत १९८० में रंगमंचों व कई टेलिविज़न धारावाहिकों से की और १९९२ में व्यापारिक दृष्टी से सफल फ़िल्म दीवाना से फ़िल्म क्षेत्र में कदम रखा। इस फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्मफ़ेयर प्रथम अभिनय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके पश्च्यात उन्होंने कई फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं अदा की जिनमे डर(१९९३), बाज़ीगर (१९९३) और अंजाम (१९९४) शामिल है। वे कई प्रकार की भूमिकाओं में दिखे व भिन्न-भिन्न प्रकार की फ़िल्मों में कार्य किया जिनमे रोमांस फ़िल्में, हास्य फ़िल्में, खेल फ़िल्में व ऐतिहासिक ड्रामा शामिल है।
उनके द्वारा अभिनीत ग्यारह फ़िल्मों ने विश्वभर में Indian Rupee symbol.svg १ बिलियन का व्यवसाय किया है। खान की कुछ फ़िल्में जैसे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे (१९९५), कुछ कुछ होता है (१९९८), देवदास(२००२), चक दे! इंडिया (२००७), ओम शांति ओम (२००७), रब ने बना दी जोड़ी (२००८) औररा.वन (२०११) अबतक की सबसे बड़ी हीट फ़िल्मों में रही है और कभी खुशी कभी ग़म (२००१),कल हो ना हो (२००३), वीर ज़ारा (२००६)।
वेल्थ रिसर्च फर्म वैल्थ एक्स के मुताबिक किंग खान पहले सबसे आमिर भारतीय अभिनेता बन गए हैं। फर्म ने अभिनेता की कुल संपत्ति 3660 करोड़ रूपए आंकी है।[6][विकिपीडिया से साभार ]
उनकी फैमिली लाइफ को बर्बाद करने की मीडिया ने बहुत कोशिश की किन्तु सफल नहीं हो पायी ,उनके नाम
 को खत्म करने की आमिर खान ने अपने कुत्ते का नाम शाहरुख़ रख कर एक असफल कोशिश की किन्तु न
 शाहरुख़ के नाम पर कोई बुरा प्रभाव पड़ना था न पड़ा .बॉलीवुड में बहुत से खान आये और चले गए किन्तु
 शाहरुख़ खान ने अपने व्यक्तित्व से वहां वही स्थान बनाया है जो स्थान क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर ने बनाया
 है और इस स्थान को शाहरुख़ खान से कोई नहीं छीन सकता .शाहरुख़ खान के जन्मदिन पर हम सभी की
ओर से शुभकामनायें इन्हीं शब्दों में प्रेषित हैं -
''ज़िंदगी की बहार देखो आप ,
  ऐश-ए-लैलो नहार देखो आप ,
  एक ही साल की दुआ कैसी 
  साल ऐसे हज़ार देखो आप .''
शालिनी कौशिक 
    [कौशल ]    

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी माँ - मेरा सर्वस्व

बेटी का जीवन बचाने में सरकार और कानून दोनों असफल

बदनसीब है बार एसोसिएशन कैराना