सब पाखंड घोर पाखंड मात्र पाखंड
सब पाखंड
घोर पाखंड
मात्र पाखंड
भाईसाहब नमस्कार
कह रही थी मैडम ,
हाथ जोड़कर
और भाईसाहब
सिर घमंड से उठाकर
स्वीकार कर रहे थे .
पंडित जी ! प्रणाम
कह रहा था भक्त ,
और पंडित जी
गर्दन हिलाकर
हाथ उठाकर
भगवान बन रहे थे .
मम्मी जी पाय लागूं ,
कह बहु झुकी
सास के पैर छूने ,
पर घुटनों को ही
हाथ लगाकर
अपने कमरे में
चली गयी .
दोनों हाथ मिलाकर
सिर झुकाकर
खद्दरधारी नेता
मुख पर मुस्कान
बिखेर एक दूसरे का
अभिवादन कर रहे थे .
और झलक रहा था
सभी तरफ से
वो पाखंड
जो छिपाए नहीं छिपता .
भाईसाहब जिन्हें
नमस्कार किया
जा रहा था बढ़-चढ़कर
घर आने पर
चाय बनाने से इंकार कर .
पंडित जी को प्रणाम
पर दान के समय
सस्ते से सस्ते खरीदकर
और पंडित जी का
पैसे वाले को बड़ा
आशीर्वाद देकर .
बहू का सास
के खाने से
मिष्ठान को हटाकर
नेताओं का
पीठ पीछे
छुरा घोंपकर
सभी से
एक ही सत्य
था उजागर
सब पाखंड
घोर पाखंड
मात्र पाखंड .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
[कौशल ]
टिप्पणियाँ
ये समाचार चैनल वालों की नमस्कार मुद्रा भी बिचित्र प्रकार की होती है.....
Virendra Sharma @Veerubhai1947 24m
ram ram bhai मुखपृष्ठ शनिवार, 15 जून 2013 मुरली
http://veerubhai1947.blogspot.com/
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43309 ,silvarvud Dr ,
Canton ,MI,USA