जनता की पहली पसंद -कौंग्रेस
आज सुबह का दैनिक जागरण देखा .अन्य समाचार जहाँ देश में जगह जगह हुई भयावह घटनाओं के बारे में बता रहे थे वहीँ एक खबर दिल को सुकून दे रही थी कि पूरी तरह पतंनोंमुख भारतीय राजनीती में अभी भी आशा की किरण हैं इस देश के लिए ''कौंग्रेस के बूते ''
कलीम देहलवी ने कहा है -
''हमारा फ़र्ज़ है रोशन करें चरागे वफ़ा ,
हमारे अपने मवाफिक हवा मिले न मिले .''
और इसी भावना को साबित करती है आज के समाचार पत्र में प्रकशित माननीय प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी की यह टिप्पणी -
एक ओर जहाँ भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के लिए जूझती नज़र आ रही है और उसके वरिष्ठ से वरिष्ठ नेता अपने आचरण से हिंदूवादी पार्टी व् इसके समर्थकों का सर झुकाते नज़र आ रहे हैं वहीँ कौंग्रेस ,जो इस वक़्त एक लम्बे समय से सत्ता में जमी होने के कारण आलोचनाओं का शिकार है ,अपने गरिमामय आचरण से देश का व् अपने समर्थकों का गौरव बढ़ा रही है .
कलीम देहलवी ने कहा है -
''हमारा फ़र्ज़ है रोशन करें चरागे वफ़ा ,
हमारे अपने मवाफिक हवा मिले न मिले .''
और इसी भावना को साबित करती है आज के समाचार पत्र में प्रकशित माननीय प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह जी की यह टिप्पणी -
राहुल गांधी मेरी जगह लेते हैं, तो मुझे बेहद खुशी होगी' |
भाजपा के लाल कृष्ण अडवाणी ने अभी फ़िलहाल तो मोदी को चुनावी कमान सौंपे जाने को लेकर सत्ता के गलियारों में जो नौटंकी की उसने भाजपाइयों के चेहरों पर हवाइयां उड़ा दी
उनका ये आचरण तो निंदनीय था ही किन्तु मोदी जिन्हें इस वक़्त सबसे लोकप्रिय नेता ,चमत्कारी नेता ,सबसे सफल मुख्यमंत्री जैसे विशेषणों से नवाज़ा जा रहा है का आचरण क्या कहा जायेगा ?मुझे पता है सब यही कहेंगे -
और यही नहीं राहुल गाँधी भी इस पद की ओर बढ़ते अपने क़दमों को बखुशी रोक लेते हैं मात्र उन लालची नेताओं के कारण जिन्हें सत्ता अपने प्राणों से भी ज्यादा प्रिय है और जिनके लिए सत्ता मात्र उनके घर की गुलामी के लिए ही बनी है .करूणानिधि जी जिन्हें गठबंधन में अपने तीन तीन बीवियों के बच्चों के लिए पद की लालसा यहाँ ले आती ई और राहुल इन जैसे नेताओं के देश को तहस नहस करने के मंसूबों को ख़त्म करने के लिए और यहाँ स्थिरता बनाये रखने के लिए इन्ही को ये पद लेने देते हैं और तमाम बुद्धिजीवियों को अपने को 'अमूल बच्चा ''कहने देते हैं जबकि ये उनकी अपने देश को प्यार करने की और इस उम्र में उन अनुभवों को धारण करने की शक्ति है जो हमारे यहाँ के बड़े से बड़े बुजुर्ग व् ढाढ़ी रखने वाले नेताओं के पास भी नहीं है .
The race for prime minister |
''हम कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है ''
मोदी का यह आचरण बहुत कटु निंदा का भागी होना चाहिए कि अपने कारण वे बबाल होते देखते रहे किन्तु अपने लिए यह नहीं कहा गया कि
यह मेरा दल ही नहीं मेरा घर है और मैं इसकी निस्वार्थ बिना किसी पद के सेवा करूंगा .''
यही नहीं उनका घमंड १७ साल का गठबंधन लेके डूब गया और उनके माथे पर शिकन तक नहीं आई .ये है भाजपा जहाँ हर कोई प्रधानमंत्री पद के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार है भले ही आँगन में दीवार खड़ी हो जाये या बरसों का साँझा चूल्हा चौका अलग हो जाये .
सिर्फ यही नहीं अन्य भी महानुभाव हैं इस लाइन में -
*मायावती-प्रधानमंत्री बनने को तैयार .
*मुलायम सिंह -यू.पी.के मुख्यमंत्री पद को भी एक ओर कर इस लाइन में जुड़े हैं .
*आज़म खान -मैं हूँ वजीरे आज़म .
शायद ऐसे ही नेताओं को दृष्टि में रखते हुए कहा है -
''भ्रष्ट राजनीति हुई ,चौपट हुआ समाज .
हर वानर को चाहिए ,किष्किन्धा का राज .''
ऐसे में कौंग्रेस प्रशंसा की हक़दार है .प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही नहीं उनकी पार्टी में कई ऐसे नेता हैं जो यह आदर्श प्रस्तुत करते रहते हैं इनमे सबसे ऊँचा स्थान है यू.पी.ए.अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी जी का जिन्होंने पर्याप्त बहुमत ,जनसमर्थन होते हुए मात्र कुछ दंगों पे उतारू नेताओ को जनता का अहित करने को रोकने के लिए देश के सबसे महत्वपूर्ण पद को माथे से लगाकर ठुकरा दिया .Wrong to ask me about prime ministership: Rahul Gandhi |
और यही नहीं कौंग्रेस के अन्य नेता भी इसी राह पर चलते हैं और किसी भी पद को सहज भाव से ठुकरा कर संगठन से जुड़े रहते हैं .अजय माकन इस लिस्ट में सबसे नया नाम हैं .
और यही वजह है कि भावनाओं की कद्र करने वाली जनता कौंग्रेस को ही सबसे ज्यादा प्यार करती है और अपने खुराफाती दिमागों से जनता की बुद्धि फेरने में लगे उन सभी नेताओं को हाशिये पर डाल देती है जिनका मकसद केवल सत्ता हासिल करना ही है भले ही उसके लिए उन्हें जनता को दंगों की आग में झौंकना पड़े ,जहरीले शीतल पेयों को हरी झंडी दिखानी पड़े ,जनता की लाश पर जन्मदिन मनाना पड़े या फिर रामपुर तिराहा जैसे कांड करने पड़ें .
हंस की भांति नीर-क्षीर-विवेक रखने वाली भारतीय जनता अपने हितेषियों को पहचानती है और उससे प्रेम करती है .यही प्रेम है जिसके दम पर कौंग्रेस सरकार बनती है और आगे भी सत्ता में सेंध लगाने में जुटे विरोधी दलों पर डी.डी . टी.छिड़ककर प्रधानमंत्री जी के मुहं से कहलवाती है -
''तीसरी बार भी संप्रंग की सरकार बनेगी .''
और इस सबके पीछे वजह है कौंग्रेस के पास ऐसे ईमानदार ,अनुभवी जनता के हितेषी नेताओं का होना जिनके लिए जनता अपने परिवार का दर्जा रखती है न कि मात्र वोट का और इसलिए जनता का प्यार इन्हें मिलता है और मिलता रहेगा क्योंकि कुंवर बैचैन ने भी कहा है -
''तुम्हारे दिल की चुभन भी ज़रूर कम होगी ,
किसी के पाँव से कांटा निकल कर देखो .
शालिनी कौशिक
[कौशल]
''तीसरी बार भी संप्रंग की सरकार बनेगी .''
और इस सबके पीछे वजह है कौंग्रेस के पास ऐसे ईमानदार ,अनुभवी जनता के हितेषी नेताओं का होना जिनके लिए जनता अपने परिवार का दर्जा रखती है न कि मात्र वोट का और इसलिए जनता का प्यार इन्हें मिलता है और मिलता रहेगा क्योंकि कुंवर बैचैन ने भी कहा है -
''तुम्हारे दिल की चुभन भी ज़रूर कम होगी ,
किसी के पाँव से कांटा निकल कर देखो .
शालिनी कौशिक
[कौशल]
टिप्पणियाँ
RECENT POST : तड़प,
आपकी यह रचना कल बुधवार (19-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधार कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य रखें |
सादर
सरिता भाटिया
कांग्रेस अब तिहाड़ तीर्थ की यात्रा कर चुके लोगों के लिए जाना जाता है .
४ ३ ,३ ० ९ ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन (मिशगन )४ ८ ८ १८ ८ -१ ७ ८ १