रंगदारी का धंधा :पुलिस की लापरवाही
मुज़फ्फरनगर उत्तर प्रदेश का सबसे ज्यादा आपराधिक इतिहास वाला जिला रहा है और इस तथ्य को बी.बी.सी.ने भी एक समय स्वीकार किया था .आज भी यह जिला और किसी क्षेत्र में नाम कमाए न कमाए किन्तु इस क्षेत्र में अपना नाम गंवाने की गलती पर नहीं है .गुजरात में रहकर कपडे का कारोबार करने वाले मुज़फ्फरनगर के एक व्यापारी से दो करोड़ की रंगदारी मांगी गयी है और इसलिए गुजरात पुलिस ने पिछले दिनों यहाँ दबिश दी और ऐसा तब हो रहा है जबकि लगभग ३-४ महीने से इधर का इलाका रंगदारी के कई मामले और उनमे यहाँ के व्यापारियों की हत्या जैसी कुत्सित वारदात भी झेल चूका है .एक समय मुज़फ्फरनगर जिले में ही रहे कैराना में अभी हाल ही में दो व्यापारी भाइयों की हत्या रंगदारी प्रकरण में ही कर दी गयी थीऔर इसी के चलते इधर का व्यापारी ख़ौफ़ज़दा है और जैसे भी करके इस इलाके से पलायन को विवश हो तैयार हो रहा है और ऐसा होना स्वाभाविक भी है .व्यापार के लिए सबसे जरूरी जान-माल की सुरक्षा होती है और वही इधर की तरफ नहीं है .रंगदारी की चिट्ठी मिलने पर सतर्कतावश और सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस व्यापारी के प्रतिष्ठान व् घर पर बैठा दी जाती है किन्तु वह उसके दिल पर छाये खौफ को नहीं मिटा पाती क्योंकि यह सुरक्षा उसे वह भरोसा नहीं दिला पाती कि वह अब किसी अपराधिक वारदात का शिकार नहीं बनेगा क्योंकि पुलिस ही यहाँ अपना भरोसा खो चुकी है और यह साफ है कि अगर पुलिस अपने कर्तव्य पर मुस्तैदी से जुटी होती तो रंगदारी पर अब तक तो रोक लग चुकी होती और रंगदारी की मांग करने वाले पुलिस की गिरफ्त में आ चुके होते और सभी जानते हैं कि ऐसा अब तक कुछ नहीं हुआ है अपराधी अब भी खुले घूम रहे हैं और रंगदारी का धंधा पुलिस की अपने कर्तव्य निभाने की लापरवाही तले तेजी से फल-फूल रहा है .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
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