लोकनिर्माण विभाग -एक सिरदर्द


आजकल सभी और अफरातफरी का माहौल है आप सभी को पता भी होगा  और कितने ही होंगे जो इस विपदा को झेल भी रहे होंगे .चलिए पहले कुछ चित्र ही देख कर समझ लें- 
अमर उजाला व् हिंदुस्तान दैनिक से साभार 
देखा आपने यही हाल है बरसात के इस मौसम में 

जानते हैं  मैं  क्या कहना चाह रही हूँ यही  कि उत्तर प्रदेश का लोक निर्माण विभाग सड़कों का निर्माण कुछ इस प्रकार कर रहा है कि जो घर सड़क से काफी ऊँचे बनाये गए थे वे धीरे धीरे सड़क पर ही आते जा रहे हैं.कहने का मतलब ये है कि जब वे घर बनाये गए थे तो सड़क से इतने ऊँचे बनाये गए थे कि बारिश का पानी उन में नहीं घुस सकता था किन्तु अब स्थिति ये है कि जरा सी बारिश होते ही बारिश का पानी घरों में घुस जाता है और स्थिति यही होती है जो ऊपर के चित्रों में दिखाई दे रही है.सड़कें जब भी बनाई जा रही हैं तब ही हर बार वे ऊँची उठ जाती हैं.हाल ये है कि एक समय जो चबूतरे दीखते थे आज वे सड़क का भाग ही दिखाई दे रहे हैं.
  इसके साथ ही सड़कों पर पहले जो नालियां बनती थी वे ऐसी बनती थी कि उन पर कोई चैनल न लगा होने पर भी वे सही रहती थी और बरसात में उनमे इतनी जल्दी भराव की स्थिति नहीं आती थी और आज ये कहा जा रहा है कि नई तकनीक आ गयी है और ये नई तकनीक ऐसी है जिसके कारण हर  ओर परेशानी का आलम है.बारिश में ही क्या बिन बारिश भी सड़कों पर नाली से बाहर पानी बहता रहता है .आज लोक निर्माण विभाग की नौकरी को बहुत आमदनी वाली नौकरी माना जाता है हो सकता है कि ऐसे बढ़िया कार्यों से उनकी कुछ ज्यादा ही आमदनी हो जाती हो.पर जन साधारण के लिए तो ये लोक निर्माण विभाग एक सिरदर्द ही बनता जा रहा है. 
 शालिनी कौशिक 
    [कौशल ] 

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