ये भाजपाई बौराये हुए क्यों हैं ?

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[मनोहर प‌र्रिकर ने गुरुवार को रक्षा मामलों से जुड़ी एक पत्रिका के विमोचन समारोह में कहा कि कुछ प्रधानमंत्रियों ने देश की सुरक्षा से संबंधी संवेदनशील मसलों पर समझौता किया। उन्होंने कहा, 'सुरक्षा के ‌लिहाज से 'डीप एसेट्स' (खुफिया सूत्र) जरूरी होते हैं। उन्हें बनाने में कम से कम 20 से 30 साल का वक्त लगता है। लेकिन कुछ प्रधानमंत्रियों ने 'डीप एसेट्स' को लेकर समझौते किए।' ]

भाजपा और भाजपा के विभिन्न मंत्री जब भी सत्ता का स्वाद चखते हैं बौरा जाते हैं जैसे यह कोई धतूरा हो .वैसे देखा जाये तो यह धतूरे से भी खतरनाक होता है किन्तु जितना असर यह भाजपाइयों पर करता है इतना किसी और पर नहीं .ख़ुफ़िया सूत्रों को लेकर हमारे रक्षा मंत्री जी ने हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्रियों को अपना निशाना बनाया है और क्योंकि उन्होंने इसके बनाने में २० से ३० साल के वक्त के लगने की बात कही है तो सीधे सीधे इसमें ७० से आगे रहने वाले प्रधानमंत्री निशाने पर हैं जो कि यदि हम क्रमानुसार देखें तो इंदिरा गांधी ,राजीव गांधी ,विश्वनाथ प्रताप सिंह ,नरसिम्हा राव ,एच.डी .देवगौड़ा ,अटल बिहारी वाजपेयी जी आदि को अपने घेरे में ले रहे हैं और इनमे से यदि मुख्य रूप से उनकी बात देखी जाये तो कॉंग्रेसी प्रधानमंत्रियों को ही घेरने की है क्योंकि आज तक इस देश पर जिस पार्टी ने सर्वाधिक शासन किया है वह कॉंग्रेस ही है इसलिए जिस किसी को देखो वह कॉंग्रेस की तरफ ऊँगली उठाये चला आता है जबकि यह सभी जानते हैं कि इस देश के लिए अपना खून बहाने वाली भी कॉंग्रेस ही है .कॉंग्रेस की ही श्रीमती इंदिरा गांधी ने स्वर्ण मंदिर में हथियारों को इकठ्ठा किये जाने को रोकने के लिए सैन्य कार्यवाही करायी थी और वहां हथियारों को एकत्र किया जाना रुकवाया था और परिणाम स्वरुप अपनी जान से हाथ धोये थे .ऐसे ही कॉंग्रेसी प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने श्रीलंका में लिट्टे से सुरक्षा के लिए वहां शांति सेना भिजवायी थी और फलस्वरूप आतंकवादी कार्यवाही में बम विस्फोट का शिकार बने थे .आज तक कॉंग्रेस ने देश हित में और देश की सुरक्षा में अपने बड़े से बड़े हित को दरकिनार किया है और इसी का परिणाम है कि यह पार्टी यहाँ जनता के दिलों पर राज करती है और बीच बीच में जनता द्वारा ग़लतफ़हमी का शिकार होने के कारण सत्ता से अलग कर दिए जाने पर भी फिर जनता का विश्वास हासिल कर सत्ता में आ जाती है क्योंकि यह पार्टी सत्ता में रहने पर काम में विश्वास करती है न कि पुरानी सरकारों पर कीचड उछालने में क्योंकि इससे जनता द्वारा दिए गए समय व् पैसे दोनों की बर्बादी होती है और भाजपा यही करती है और यही इस बार कर रही है वह काम न करके जनता को यही दिखाने की कोशिश कर रही है कि पुरानी सरकार ने उनका केवल पागल बनाया है और अब हम आ गए हैं अब आपके साथ कुछ भी गलत नहीं होने देंगे जबकि ये तो जनता भी जानती है कि गलत सही तो तब होगा जब तुम कुछ करोगे .सत्ता मिले हुए ६ महीने से ऊपर हो गए अब तक तो सिवाय अपने महिमा मंडन के कुछ किया नहीं गया .आज तक यह देश प्रगति के पायदान जो चढ़ता जा रहा है इसके पीछे कौन है यह समझाने के लिए जनता को बार बार पुरानी सरकार की याद दिलाने की गलती भाजपा स्वयं ही कर जाती है .बार बार यह दिखाया जाता है कि कॉंग्रेस देश बेचने में लगी है .आज यह देश अपने ६६वे गणतंत्र की तैयारी कर रहा है इसमें ६० साल तो कॉंग्रेस के ही रहे हैं ये भी तो भाजपा ने ही चिल्ला-चिल्लाकर अभी चुनावों में बताया था फिर आज तक यह देश बिका क्यों नहीं है ? भाजपा के इसी कीचड उछालने के अभियान का ही परिणाम यह होता है कि जनता उसके हाथों से सत्ता को फिरसे वापस लेकर उसे कॉंग्रेस को सौंप देती है और अपना चैन की वंशी बजाती है क्योंकि बुद्धू ज्यादा देर थोड़े ही बना जाता है और ऐसे में कॉंग्रेस फिरसे अपनी कार्यप्रणाली द्वारा जनता का दिल जीत लेती है क्योंकि वह तो यही कहती है -
''तू हर तरह से ज़ालिम मेरा सब्र आज़माले ,
तेरे हर सितम से मुझको नए हौसले मिले हैं .''

शालिनी कौशिक 
    [कौशल ] 

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