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इंदिरा गांधी जी को सादर नमन

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अदा रखती थी मुख्तलिफ ,इरादे नेक रखती थी , वतन की खातिर मिटने को सदा तैयार रहती थी . .............................................................................. मोम की गुड़िया की जैसी ,वे नेता वानर दल की थी ,, मुल्क पर कुर्बां होने का वो जज़बा दिल में रखती थी . ........................................................................................ पाक की खातिर नामर्दी झेली जो हिन्द ने अपने , वे उसका बदला लेने को मर्द बन जाया करती थी . ....................................................................................... मदद से सेना की जिसने कराये पाक के टुकड़े , शेरनी ऐसी वे नारी यहाँ कहलाया करती थी . ....................................................................................... बना है पञ्च-अग्नि आज छुपी है पीछे जो ताकत , उसी से चीन की रूहें तभी से कांपा करती थी . .............................................................................. जहाँ दोयम दर्जा नारी निकल न सकती घूंघट से , वहीँ पर ये आगे बढ़कर हुकुम मनवाया करती थी . .......................

गले लगाकर आज अयोध्या भारत देश बनाएंगे.

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वसुंधरा के हर कोने को जगमग आज बनायेंगे , जाति-धर्म का भेद-भूलकर मिलकर दीप जलाएंगे . ....................................................................... पूजन मात्र आराधन से मात विराजें कभी नहीं , होत कृपा जब गृहलक्ष्मी को हम सम्मान दिलायेंगें . ............................................................................. आतिशबाजी छोड़-छोड़कर बुरी शक्तियां नहीं मरें , करें प्रण अब बुरे भाव को दिल से दूर भगायेंगे . .............................................................................. चौदह बरस के बिछड़े भाई आज के दिन ही गले मिले , गले लगाकर आज अयोध्या भारत देश बनायेंगे . ................................................................................... सफल दीवाली तभी हमारी शिक्षित हो हर एक बच्चा , छाप अंगूठे का दिलद्दर घर घर से दूर हटायेंगे . ............................................................................... भ्रष्टाचार ने मारा धक्का मुहं खोले महंगाई खड़ी , स्वार्थ को तजकर मितव्ययिता से इसको धूल चटाएंगे . .......................................................