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अगस्त, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इसलिये है गुड़िया बच्ची का सहारा

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सुनो छोटी सी गुड़िया की नन्ही कहानी...सच में एक ऐसी मासूम कहानी जो आज पूरे देश में सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो गई। अमर उजाला ने शुक्रवार के अंक में एक मासूम बच्ची की खबर फोटो के साथ प्रकाशित की थी। जिसमें उस मासूम बच्ची की जिद थी कि उसकी गुड़िया के पैरों पर प्लास्टर चढ़ाया जाए फिर उसके बेड पर ही उसको लिटाया जाए।  डॉक्टरों ने उनकी जिद को पूरा किया तब उसका ऑपरेशन हुआ। इस केस में चाइल्ड सायकोलॉजी को अब इंटरनेशनल जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक जर्नल्स समेत इंटरनेशनल जर्नल ऑफ पीडियाट्रिक्स में भी बतौर केस स्टडी रखा जाएगा। ताकि देश विदेश में बच्चों के इलाज को इस तरह से भी आसान बनाया जा सके।           बहुत चर्चा है इस समाचार का इस वक़्त सोशल मीडिया पर और हो भी क्यूँ ना ये वक़्त केवल और केवल सोशल मीडिया का ही होकर रह गया है. देश विदेश के डाक्टर आज बच्ची के इलाज के लिए उसकी गतिविधियों पर नज़र डाल रहे हैं और सोच रहे हैं कि इस तरह वे दुनिया भर के बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज कर पाएंगे लेकिन जो वास्तविकता है उस तरफ किसी की नज़र नहीं जा रही है.               पैसा और सोशल मीडिया आज हर

झूठ के सिवा आता ही क्या है तुम्हें

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जम्मू-कश्मीर / महाराजा हरि सिंह के भारत में विलय के प्रस्ताव को ठुकराकर नेहरू ने विश्वासघात किया: संघ नेता               ये हैं आज के स्वामी विवेकानंद जी के अनुयायी, जो आज की अपनी भाषण बाजियों द्वारा उनके आदर्शों का इतना उच्च स्थान सृजित कर रहे हैं कि आँखे शर्म से झुकी जाती हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता अरुण कुमार ने नरेंद्र मोदी की परंपरा को आगे बढ़ाया है और उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए इतिहास को अपने रंग में रंगने का प्रयास किया है. जबकि वास्तविकता व सच्चाई से न कभी उनके आदर्श का कोई नाता रहा है और न ही उनके विचार सच्चाई की धरती पर पैर रखने लायक हैं.    इतिहास भारत में कश्मीर का विलय पूरा क्यों नहीं हो सका था? भारत ने कश्मीर के साथ जिस ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर दस्तखत किए थे वह अक्षरश: वैसा ही था जैसा मैसूर, टिहरी गढ़वाल या बाकी रियासतों के लिए बनाया गया था.      केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370, जिसे आम भाषा में धारा 370 भी कहा जाता है, खत्म कर दिया है. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को एक विशेष दर्जा देता था. इसके साथ ही केंद्र ने

गांधारी का सच - मोदी के बोल

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           सच के मायने ही बदल गए हैं आज व्यक्ति विशेष जो कह देते हैं वही सच की श्रेणी में आ जाता है. यहाँ बात हो रही है हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की, आज का समय मोदी जी का है और मोदी जी आज कल पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू जी, इंदिरा जी व राजीव गांधी जी के बारे में जो कुछ भी कह रहे हैं वह आज की गांधारी जनता के दिल में घर करता जा रहा है, स्वतंत्रता के बाद ये देश जिन हाथों में गया उन्होंने इनके अनुसार देश को रसातल में पहुंचा दिया, ये तो मोदी जी का समय है जब देश मंगल ग्रह पर पहुंच रहा है, विश्व के विभिन्न देशों में देश के प्रधानमंत्री का सम्मान मोदी जी के द्वारा दी गई भारत की पहचान का असर है क्योंकि इनके आने से पहले विश्व के किसी भी देश में भारतीय प्रधान मंत्री को बुलाया तक नहीं जाता था.        आज स्थिति यह है कि भावनाओं का अगाध सागर मोदी जी के दिल में ही बह रहा है और इस सागर का ही असर है कि मोदी जी बहरीन में भी भावनाओं का समंदर बहा देते हैं और कहते वक़्त ऐसा सत्य उद्घाटित करते हैं कि यकीन न करने का तो सवाल ही नहीं उठता. मोदी 22 अगस्त को तीन देशों फ्रांस, यूएई और बहर

आश्चर्यजनक है वकीलों की चुप्पी

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        आईएनएक्स मीडिया केस में अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के करीब 30 घंटे बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को बुधवार रात 10.25बजे सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले याचिका खारिज होनेके बाद चिदंबरम पहले कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंचिदंबरम ने कहा कि आईएनएक्स मामले में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है, सीबीआई और ईडी ने उनके खिलाफ कोई चार्जशीट भी दाखिल नहीं की। इसके बाद चिदंबरम कांग्रेस मुख्यालय से रवाना हो गए। सीबीआई, ईडी और दिल्ली पुलिस की टीमजोरबाग स्थित घर पर पहुंची। सीबीआई की टीम दीवार फांदकर घर में दाखिल हुई और चिदंबरम को हिरासत में लिया। यह हाई वोल्टेज ड्रामा करीब 95 मिनट तक चला और उन चिदंबरम  की गिरफ्तारी के लिए जो कि एक प्रतिष्ठित  वकील हैं,. जाँच में  तरह  सहयोग कर रहे हैं,  जिनका ऍफ़ आई आर में नाम  नहीं है ईडी ने चार्जशीट तक जमा कर दी है मतलब  जांच पूरी हो चुकी है.          एक सम्मानित अधिवक्ता  के साथ कानूनी कार्रवाई के आधार पर जुल्म किया जा रहा है और ऐसा नहीं है कि ऐसा पहली बार हो रहा है अभी हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जय सिंह व उनके पति आनंद ग्

राजीव गांधी - सदैव हरदिल अजीज रहेंगे.

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एक  नमन  राजीव  जी  को  आज उनकी जयंती और वह भी 75 वीं जयंती  के  अवसर पर.राजीव जी बचपन से हमारे प्रिय नेता रहे आज भी याद है कि इंदिरा जी के निधन के समय हम सभी कैसे चाह रहे थे कि राजीव जी आयें और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाएँ क्योंकि ये बच्चों की समझ थी कि जो जल्दी से आकर कुर्सी पर बैठ जायेगा वही प्रधानमंत्री हो जायेगा.तब हमारे दिमाग की क्या कहें वह तो उनके व्यक्तित्व पर ही मोहित था जो एक शायर के शब्दों में यूँ था- लताफत राजीव गाँधी,नफासत राजीव गाँधी , थे सिर से कदम तक एक शराफत राजीव गांधी नज़र आते थे कितने खूबसूरत राजीव गांधी .'' राजीव जी का  जन्म २० अगस्त १९४४ को हुआ था और राजनीति से कोसों दूर रहने वाले राजीव जी अपनी माता श्रीमती इंदिरा जी के  कारण राजनीति में  आये और देश को पंचायत राज और युवा मताधिकार जैसे उपहार उन्होंने दिए .आज  उनकी जयंती  के अवसर पर मैं उन्हें याद करने से स्वयं को नही रोक पाई किन्तु जानती हूँ कि राजीव जी भी राजनीति में आने के कारण बोफोर्स जैसे मुद्दे  अपने माथे पर लगाये २१ मई १९९१  को एक आत्मघाती हमले का शिकार होकर हम सभी को छोड़ गए आज भी य

डॉ शंकर दयाल शर्मा - सदैव श्रद्धेय व्यक्तित्व

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विकिपीडिया से साभार   आज जन्मदिन है देश के  नौवें राष्ट्रपति  डाक्टर शंकर दयाल शर्मा जी का और वे सदैव मेरे लिए श्रद्धा के पात्र रहेंगे क्योंकि उनके बारे में जो सबसे महत्वपूर्ण है वह ये कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि देश के प्रथम नागरिक के पद से जब उनकी सेवानिवृति का अवसर आया तो उनके चेहरे पर तनिक भी विषाद  नहीं था बल्कि थी हमेशा की तरह मुस्कान। आज उनके जन्मदिन के शुभ अवसर पर मैं आपके और अपने लिए विकिपीडिया से कुछ जानकारी जुटा  लायी हूँ और चाहती हूँ कि आप भी मेरी तरह इन महान शख्सियत को ऐसे समय में याद करें और नमन करें जब स्वयं को देश पर थोपने वाले नेताओं की केंद्र में भीड़ बढती जा रही है। तो लीजिये आप भी जानिए हमारे देश को गौरवान्वित  और स्वयं किसी भी घमंड से दूर रहने वाले सीधे सरल इन्सान शंकर दयाल शर्मा जी के बारे में - शंकरदयाल शर्मा http://hi.wikipedia.org/s/17j मुक्त ज्ञानकोष विकिपीडिया से शंकरदयाल शर्मा भारत के नवें राष्ट्रपति कार्य काल २५ जुलाई   १९९२  –  २५ जुलाई   १९९7 उप राष्ट्रपति   कोच्चेरी रामण नारायणन पूर्ववर्ती रामस्वामी वेंकटरमण उत्तरावर्ती क

ख्वाहिश "शालिनी" की ये..... (स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं)

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तिरंगा शान है अपनी ,फ़लक पर आज फहराए , फतह की ये है निशानी ,फ़लक पर आज फहराए . ... रहे महफूज़ अपना देश ,साये में सदा इसके , मुस्तकिल पाए बुलंदी फ़लक पर आज फहराए . .... मिली जो आज़ादी हमको ,शरीक़ उसमे है ये भी, शाकिर हम सभी इसके फ़लक पर आज फहराए . ... क़सम खाई तले इसके ,भगा देंगे फिरंगी को , इरादों को दी मज़बूती फ़लक पर आज फहराए . ....... शाहिद ये गुलामी का ,शाहिद ये फ़राखी का , हमसफ़र फिल हकीक़त में ,फ़लक पर आज फहराए . .... वज़ूद मुल्क का अपने ,हशमत है ये हम सबका , पायतख्त की ये लताफत फ़लक पर आज फहराए . ...... दुनिया सिर झुकाती है रसूख देख कर इसका , ख्वाहिश ''शालिनी''की ये फ़लक पर आज फहराए . .....          शालिनी कौशिक [कौशल]

इंडिया वर्सेस एडवेंचर्स मोदी

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नई दिल्ली: डिस्कवरी चैनल के एडवेंचर शो 'मैन वर्सेज वाइल्ड (Man VS Wild)' के स्पेशल एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), बेयर ग्रिल्स (Bear Grylls) के साथ जंगल में खतरों से खेलते नजर आएंगे. पीएम नरेंद्र मोदी और बेयर ग्रिल्स (Bear Grylls) का ये स्पेशल एपिसोड उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में शूट हुआ है. इस शो के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन का कुछ अलग ही अंदाज देखने को मिलेगा. डिस्कवरी चैनल पर नरेंद्र मोदी का ये स्पेशल एपिसोड 12 अगस्त यानी आज टेलीकॉस्ट होगा. कहा ये जा रहा है कि एपिसोड को लेकर पाकिस्तान के लोगों का दर्द भी छलक रहा है जबकि अगर हम देश के ताज़ा हालात पर गौर फरमाएं तो हमें भी प्रधानमंत्री जैसे प्रमुख पद पर बैठे हुए नरेंद्र मोदी जी का यह सब करना गैर ज़रूरी और देश की आवाम के साथ धोखा नज़र आ रहा है.          आज के हालात कहें या तब के हालात जब प्रधानमंत्री जी ने मैन वर्सेस वाइल्ड की शूटिंग की, दोनों ही समय में जब इन्हें सेना के, आम जनता के साथ खड़े होना चाहिए था, ये शूटिंग कर रहे थे. मैन वर्सेस वाइल्ड की जब शूटिं

वैमनस्य पर लगाम लगाएं जैन धर्म अनुयायी

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कल को देश भर में बकरीद का त्योहार मुसलमान धर्मावलम्बियों द्वारा पूरी अकीदत व श्रद्धा से मनाया जाएगा, आजकल देश भर में इस त्यौहार को मनाने वाले बहुत खुशी से इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं, ऐसे में एक समाचार इनकी खुशियों पर विराम लगाने आ जाता है कि मेरठ के 28 जैन मंदिरों में लाखों की संख्या में काटे जाने वाले पशुओं की आत्मा की शांति के लिए णमोकार मंत्र गूंजेगे।              हर धर्म की अपनी मान्यताएं हैं अपने विधान हैं और अनुयायी संबंधित धर्म की मान्यताओं पर ही चलते हैं और अपने अनुसार उन सभी परंपराओं को पूरा करने की कोशिश करते हैं जो उनके अनुसार धर्म के पालन के लिए ज़रूरी हैं और इस्लाम धर्म में भी बकरीद को लेकर बहुत सी मान्यताएँ हैं -    मीठी ईद के ठीक दो महीने बाद बकरा ईद यानी कि बकरीद आती है. इसमें बकरे की कुर्बानी दी जाती है. लेकिन कम लोगों को ही यह मालूम होगा कि बकरीद पर बकरे के अलावा ऊंट की कुर्बानी देने का भी रिवाज है. लेकिन यह रिवाज देश और दुनिया के सिर्फ कुछ ही इलाकों में निभाया जाता है.        दरअसल, बकरे की कुर्बानी देने के पीछे एक कहानी है. यह कहानी है अलैय सलाम नाम के एक

क्या लड़कियां सम्पत्ति होती हैं?

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  मोदी और शाह की जोड़ी द्वारा जब से कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 A हटाया गया है सारे देश में एक चर्चा गर्म है - "कश्मीरी लड़कियों से शादी करने की" और न केवल आम जनता बल्कि सत्तारुढ़ पार्टी के जिम्मेदार नेता भी इस हवन में अपनी आहुति दे रहे हैं. भाजपा के उत्तर प्रदेश के खतौली क्षेत्र के विधायक विक्रम सिंह सैनी कहते हैं कि  "अब हर कोई गोरी कश्मीरी लड़कियों से शादी कर सकता है, " और हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर कहते हैं कि "अपने यहां कम पड़ेगी तो कश्मीर से मंगा लेंगे,".           सवाल ये उठता है कि क्या वाकई लड़कियाँ कोई चीज़ या कोई सम्पत्ति हैं कि उनका जिसने जैसे चाहा इस्तेमाल कर लिया और ऐसा नहीं है कि यहां बात केवल भोली नादान लड़कियों की है बल्कि यहां हम बात ऐसी लड़कियों की भी कर रहे हैं जो आज के युग में सशक्तता की मिसाल बन चुकी थी.      अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश बार कौंसिल अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित हुई कुमारी दरवेश यादव एडवोकेट की उनके साथी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केवल इसलिये हत्या कर दी कि दरवेश उनकी इच्छा के

ये श्री राम का देश है मलाला युसुफजई

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‘कश्मीरी लोग बरसों से मुश्किलें झेल रहे हैं। उनके हालात तब भी बुरे थे जब मैं छोटी थी, तब भी जब मेरे माता पिता छोटे थे और वे लोग तब भी मुश्किलों में जी रहे थे जब मेरे दादा जी जवान थे। उन्हें और कष्ट झेलने की जरूरत नहीं है।’ -मलाला का ट्वीट          मलाला युसूफजई का यह ट्वीट कश्मीर की जनता का दुख दर्द बयां करता है उस कश्मीर की जनता का जो शुरू से लेकर आज तक भारत में सरदार पटेल व श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बदौलत विशेष दर्जा प्राप्त कर रह रही थी, जिसे भारतीय जनता के मुकाबले बहुत सस्ता अन्न व जीवन के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होती थी, जिनकी ज़मीन भारत के किसी और हिस्से का नागरिक खरीद नहीं सकता था, जिनकी सुरक्षा पाकिस्तान जैसे नापाक पड़ौसी से करने में देश के दूर दराज के क्षेत्रों के युवा फौजी शहादत को प्राप्त हो गए, जिन्हें अपना यह विशेष दर्जा इतना पसंद था कि मुल्क़ की आवाम द्वारा बार बार आवाज़ उठाए जाने के बावज़ूद सरकार द्वारा इस ओर कदम नहीं बढ़ाया गया और जब मोदी सरकार द्वारा इस ओर कदम बढ़ाने की सोची भी गई तो पहले कश्मीरी जनता के द्वारा फैसले की खिलाफ़त को सोचते हुए वहां सात लाख के कर

संविधान को रौंदती तानाशाही

विकिपीडिया पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार  स्थिति  ये  है - Amendment of Article 370[ edit ] Under Article 370(3), consent of state legislature and the constituent assembly of the state are also required to amend Article 370. Now the question arises, how can we amend Article 370 when the Constituent Assembly of the state no longer exists? Or whether it can be amended at all? Some jurists say it can be amended by an amendment Act under Article 368 of the Constitution and the amendment extended under Article 370(1). But it is still a mooted question .        अर्थात 370(3) में संशोधन के लिए राज्य विधान सभा और संविधान सभा की सहमति आवश्यक होगी और इसी वजह से आज तक यह अनुच्छेद संशोधित नहीं हो पाया था क्योंकि संविधान सभा का कोई सदस्य जीवित नहीं था और इस संबंध में कोई संशोधन भी नहीं किया गया था.            और जहाँ तक वहां की संविधान सभा की रुचिबात है तो १ मई १९५१ को जम्मू कश्मीर के लिए पृथक संविधान सभा बनाने की उद्घोषणा युवराज कर्ण सिंह ने की जो ३१ अक्टूबर १९५१ को अस्तित्व में आई और 21 अगस