संदेश

सितंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कृतज्ञ दुनिया इस दिन की .-2 october

चित्र
एक की लाठी सत्य अहिंसा एक मूर्ति सादगी की, दोनों ने ही अलख जगाई देश की खातिर मरने की . .......................................................................... जेल में जाते बापू बढ़कर सहते मार अहिंसा में , आखिर में आवाज़ बुलंद की कुछ करने या मरने की . ............................................................................. लाल बहादुर सेनानी थे गाँधी जी से थे प्रेरित , देश प्रेम में छोड़ के शिक्षा थामी डोर आज़ादी की . ................................................................................... सत्य अहिंसा की लाठी ले फिरंगियों को भगा दिया , बापू ने अपनी लाठी से नीव जमाई भारत की . ........................................................................... आज़ादी के लिए लड़े वे देश का नव निर्माण किया , सर्व सम्मति से ही संभाली कुर्सी प्रधानमंत्री की . ................................................................... मिटे गुलामी देश की अपने बढ़ें सभी मि

मुस्लिम महिलाओं को भी मिले तीन तलाक का अधिकार

मुस्लिम विधि में तलाक का एक तरीका है - "तलाक - उल - बिददत". वर्तमान में यह तरीका ही विवाद का विषय बना हुआ है और आंध्र व तेलंगाना के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष आबिद रसूल खान का इसी तलाक के दुष्परिणाम के लिए कहना है "कि आज मुस्लिम समुदाय के सामने यह बड़ी सामाजिक समस्या है क्योंकि सही मायने में लाखों की संख्या में महिलाएं तलाक से पीड़ित हैं. उनके पतियों ने तीन बार तलाक शब्द का इस्तेमाल कर उन्हें अलग कर दिया. मैंने पर्सनल लॉ बोर्ड व जमियत - उलेमा - ए-हिंद को लिखा है कि 3 साल के मेरे कार्यकाल में मैने पाया है कि तमाम मुस्लिम महिलाएं उत्पीड़न, परित्याग, गुजारा भत्ता न मिलने जैसी समस्याओं से जूझ रही हैं. "उन्होंने कहा कि बोर्ड तीन तलाक पर जोर देता है तो वह हमारी लाखों बहनों के साथ अन्याय कर रहा है.                                                                                         अब यदि हम आगे इस विषय में कुछ कहना चाहते हैं तो पहले जरूरी है कि इस तलाक के रूप को भली भांति समझ लें - " तलाक - उल - बिददत को तलाक - उल - बैन के नाम से भी जाना जाता है. यह तलाक का निंद

कैराना : राजनीति पलायन की

कैराना उत्तर प्रदेश की यूं तो मात्र एक तहसील है किन्तु वर्तमान विधान सभा चुनाव के मद्देनजर वोटों की राजधानी बना हुआ है. इसमे पलायन का मुद्दा उठाया गया है और निरन्तर उछाल दे देकर इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देकर वोट बैंक में तब्दील किया जा रहा है जबकि अगर हम मुद्दे की गहराई में जाते हैं तो पलायन की जो मुख्य वजह है "अपराध" वह कोई एक दो दिन में पनपा हुआ नहीं है वह कैराना क्षेत्र की जड़ों में बरसो - बरस से फैला हुआ है. रंगदारी की मांग यहाँ अपराध का एक नवीन तरीका मात्र है. आम जनता में अगर हम जाकर अपराध की स्थिति की बात करें तो आम आदमी का ही कहना है कि कैराना में कभी दंगे नहीं हो सकते क्योंकि अगर यहां दंगे होते हैं तो सेना यहां आकर घर घर पर दबिश देगी और उससे यहां पर घर घर पर अस्तित्व में रहने वाले बम, कट्टे, तमंचे, नशीली दवाओं आदि के अवैध कारोबार का पटाक्षेप हो जायेगा और यही एक कारण है जिस वजह से आज कैराना " मिनी पाकिस्तान" की उपाधि पा चुका है. मिनी पाकिस्तान यूं क्योंकि जो मुख्यतः पाकिस्तान है वह आतंक के अपराध के अड्डे के रूप में वर्तमान में विश्व में   खूब नाम कमा रहा