तायफा बन गयी है देखो नेतागर्दी अब यहाँ .
तानेज़नी पुरजोर है सियासत की गलियों में यहाँ , ताना -रीरी कर रहे हैं सियासतदां बैठे यहाँ .
इख़्तियार मिला इन्हें राज़ करें मुल्क पर , ये सदन में बैठकर कर रहे सियाहत ही यहाँ .
तल्खियाँ इनके दिलों की तलफ्फुज में शामिल हो रही , तायफा बन गयी है देखो नेतागर्दी अब यहाँ .
बना रसूम ये शबाहत रब की करने चल दिए , इज़्तिराब फैला रहे ये बदजुबानी से यहाँ .
शाईस्तगी को भूल ये सत्ता मद में चूर हैं , रफ्ता-रफ्ता नीलाम हशमत मुल्क की करते यहाँ .
जिम्मेवारी ताक पर रख फिरकेबंदी में खेलते , इनकी फितरती ख़लिश से ज़ाया फ़राखी यहाँ .
देखकर ये रहनुमाई ताज्जुब करे ''शालिनी'' शास्त्री-गाँधी जी जैसे नेता थे कभी यहाँ .
शब्दार्थ :-तानेजनी -व्यंग्य ,ताना रीरी -साधारण गाना ,नौसीखिए का गाना तलफ्फुज -उच्चारण ,सियाहत -पर्यटन ,तायफा -नाचने गाने आदि का व्यवसाय करने वाले लोगों का संघटित दल ,रसूम -कानून ,शबाहत -अनुरूपता ,इज़्तिराब-बैचनी ,व्याकुलता ,शाईस्तगी-शिष्ट तथा सभ्य होना ,हशमत -गौरव ,ज़ाया -नष्ट ,फ़राखी -खुशहाली
शालिनी कौशिक [कौशल ]
इख़्तियार मिला इन्हें राज़ करें मुल्क पर , ये सदन में बैठकर कर रहे सियाहत ही यहाँ .
तल्खियाँ इनके दिलों की तलफ्फुज में शामिल हो रही , तायफा बन गयी है देखो नेतागर्दी अब यहाँ .
बना रसूम ये शबाहत रब की करने चल दिए , इज़्तिराब फैला रहे ये बदजुबानी से यहाँ .
शाईस्तगी को भूल ये सत्ता मद में चूर हैं , रफ्ता-रफ्ता नीलाम हशमत मुल्क की करते यहाँ .
जिम्मेवारी ताक पर रख फिरकेबंदी में खेलते , इनकी फितरती ख़लिश से ज़ाया फ़राखी यहाँ .
देखकर ये रहनुमाई ताज्जुब करे ''शालिनी'' शास्त्री-गाँधी जी जैसे नेता थे कभी यहाँ .
शब्दार्थ :-तानेजनी -व्यंग्य ,ताना रीरी -साधारण गाना ,नौसीखिए का गाना तलफ्फुज -उच्चारण ,सियाहत -पर्यटन ,तायफा -नाचने गाने आदि का व्यवसाय करने वाले लोगों का संघटित दल ,रसूम -कानून ,शबाहत -अनुरूपता ,इज़्तिराब-बैचनी ,व्याकुलता ,शाईस्तगी-शिष्ट तथा सभ्य होना ,हशमत -गौरव ,ज़ाया -नष्ट ,फ़राखी -खुशहाली
शालिनी कौशिक [कौशल ]