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दुर्गा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 👑

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दुर्गा अष्टमी की सभी को हार्दिक शुभकामनायें  शीश नवायेंगें मैया को  ; दर   पर चलकर जायेंगे  , मैया तेरे आशीषों से खुशियाँ खुलकर पायेंगें  . [मेरा भजन मेरे स्वर में ] हर  बेटी में रूप है माँ का इसीलिए पूजे मिलकर ; सफल सभ्यता तभी हमारी बेटी रहेगी जब खिलकर ; हम बेटी को जीवन देकर माँ का क़र्ज़ चुकायेंगे . मैया तेरे आशीषों से खुशियाँ खुलकर पायेंगें .                                                      जय माता दी !                                               शालिनी कौशिक                                            [कौशल ]

गंदी पुरुष सोच पर भारी नारी पवित्रता

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   राजनीति का सुनहरा आकाश हो या बिजनेस का चमकीला गगन ,अंतरिक्ष का वैज्ञानिक सफर हो या खेत -खलिहान का हरा-भरा आँगन ,हर जगह आज की नारी अपनी चमक बिखेर रही है ,अपनी सफलता का परचम लहरा रही है .आज घर की दहलीज को पार कर बाहर निकल अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाली महिलाओं की संख्या में दिन-दूनी रात चौगुनी वृद्धि हो रही है .पुरुषों के वर्चस्व को तोड़ती हुई महिलाएं आज हर क्षेत्र में घुसपैठ कर चुकी हैं और यह घुसपैठ मात्र पाला छूने भर की घुसपैठ नहीं है वरन कब्ज़ा ज़माने की मजबूत दावेदारी है और इसीलिए पुरुषों की तिलमिलाहट स्वाभाविक है .सदियों से जिस स्थान पर पुरुष जमे हुए थे और नारी को अपने पैरों तले रखने की कालजयी महत्वाकांक्षा पाले हुए थे आज वहां की धरती खिसक चुकी है .  भारत एक धर्म-प्रधान देश है और यहाँ हिन्दू-धर्मावलम्बी बहुतायत में हैं .धर्म यहाँ लोगों की जीवन शैली पर सर्वप्रमुख रूप में राज करता है और धर्म के ठेकेदारों ने यहाँ पुरुष वर्चस्व को कायम रखते हुए धर्म के संरक्षक ,पालनकर्ता आदि  प्रमुख पदों पर पुरुषों को ही रखा और पुरुषों की सोच को ही महत्व दिया .यहाँ नारी को अपवित्र की संज्ञा

होली है 👍

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  ·              कल  जब मैं बाज़ार से घर लौट रही थी तो देखा   कि स्कूलों से बच्चे रंगे हुए   लौट रहे हैं और वे खुश भी थे जबकि मैं उनकी   यूनीफ़ॉर्म के रंग जाने के   कारण   ये सोच रही थी कि जब ये घर पहुंचेंगे तो इनकी मम्मी ज़रूर इन पर गुस्सा   होंगी .बड़े होने पर हमारे मन में ऐसे ही भाव आ जाते हैं जबकि किसी भी   त्यौहार का पूरा   आनंद     बच्चे ही लेते हैं क्योंकि वे बिलकुल निश्छल भाव से   भरे होते हैं और हमारे मन चिंताओं से ग्रसित हो जाते हैं किन्तु ये बड़ों   का ही   काम है कि वे बच्चों में ऐसी भावनाएं भरें जिससे बच्चे अच्छे ढंग से   होली मनाएं.हमें चाहिए कि हम उनसे कहें कि होली आत्मीयता का त्यौहार है   इसमें हम सभी को मिलजुल कर आपस में ही त्यौहार मानना चाहिए और कोशिश करनी   चाहिए की हमारे काम से किसी के दिल को चोट न पहुंचे.ये कह कर   कि "बुरा न   मानो    होली है "कहने से गलत काम को सही नहीं किया जा सकता इसलिए कोशिश करो   कि हम सबको ख़ुशी पहुंचाएं .किसी उदास चेहरे पर   मुस्कुराहट    लाना हमारा   त्यौहार   मनाने का प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए.फिर इस त्यौहार पर हम आज कुछ   गल