मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी .
सन्दर्भ :-17 साल पुराने जदयू-भाजपा गठजोड़ में अलगाव तय
| मोदी और नीतीशकितने दूर कितने पास
तोहमतें लगनी हों तो लगती रहें ,तुनक मिज़ाजी दिखाएंगें हम भी . 
है जुदाई अगर उनकी किस्मत में ,बखुशी दूर जायेंगे हम भी . 
हम न करते हैं बात मज़हब की ,अपने ख्वाबों में महज़ कुर्सी है . 
अपना हीरा क़ुबूल उनको नहीं ,उनके सौदे से दूर हैं हम भी . 
बात बिगड़ी थी अभी थोड़ी सी ,धीरे धीरे संभल ही जाएगी . 
बात मानी अगर यूँ गैरों की ,क्या पता दूर जा गिरें हम भी . 
बगावत नहीं हैं कर सकते ,हमारी भी है मजबूरी . 
नहीं मुहं खोलेंगे अपना ,कसम अब खाते हैं हम भी . 
सियासत करनी है हमको ,नहीं थियेटर चलाना है . 
बिताने को जहाँ दो पल ,देख कुछ लेते थे हम भी . 
आज जिसकी रेटिंग ज्यादा ,सभी उसके पीछे भागें . 
लगाकर पूरे दम ख़म को ,भागते फिर रहे हम भी . 
''शालिनी''की नहीं केवल ,ये पूरे भारत की मंशा . 
मगरमच्छ कितने पानी में ,संग सबके देखें हम भी . | 
 
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