मीडिया भैंस
कभी केजरीवाल को सिर चढ़ाती तो कभी औंधे मुंह गिराती है मीडिया ,कभी उनकी ताजपोशी के लिए पलकें बिछाती है मीडिया तो कभी उनकी पानी व् बिजली की योजना पर ऊँगली उठती है मीडिया ,कभी मोदी को भारत माँ का सच्चा सपूत बताती मीडिया तो कभी कोबरा पोस्ट के जरिये उन्हें निम्न आचरण की दहलीज पर पहुंचाती हमारी मीडिया ,चलिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं क्योंकि ये मीडिया के ही उभारे हुए हैं इसलिए इनकी कमान को मीडिया अपने हाथ में जब जैसे चाहे ले सकता है ताज्जुब तो तब होता है जब मीडिया राहुल गांधी को भी इन्ही के ढर्रे पर धकेलने की चेष्टा करता है जबकि राहुल गांधी आज जो कुछ भी हैं उसके पीछे उनके पारिवारिक प्रतिष्ठा ,त्याग ,उनकी देश हित में अपना सर्वस्व समर्पण करने की हिम्मत और उनसे देशवासियों का प्यार ,पहले दोनों जो गुण हैं उनके लिए वे आलोचना ही झेलते हैं कितु ये जो आखिरी गुण है वह ऐसा गुण है जिसने उनके तमाम विरोधियों को अपना धैर्य खोने को मजबूर कर रखा है और उन्हें अनाप-शनाप कुछ भी बकने को .
जनता का प्यार सभी जानते हैं कि कोई मुफ्त में नहीं मिलता उसके लिए बहुत त्याग करने पड़ते हैं भगवान राम को तक इसी जनता के प्यार और विश्वास की खातिर माता सीता, जिनकी पवित्रता में उन्हें पूर्ण विश्वास था ,जो स्वयं उनकी मन की आँखों से कभी दूर नहीं हुई थी ,को त्यागने हेतु विवश होना पड़ा था ,सभी जानते हैं कि राहुल गांधी जनता के दिल से जुड़े हैं और जनता के लिए उन्हें कब क्या करना है कब क्या नहीं करना है किसी और से जानने की आवश्यकता नहीं है .
राहुल गांधी अमेठी से सांसद हैं और वे अपने कार्यकाल में जब तब अपने व्यस्त समय में से निश्चित समय वहाँ की जनता को देते रहे हैं और उनकी समस्याओं के समाधान करते रहे हैं और अपने इसी प्रक्रम में वे एक बार फिर अमेठी जा रहे हैं किन्तु इस बार एक नयी बात हमारी इस भैंस मीडिया को नज़र आ गयी है वह भी एक नए नए सिर उठाने वाले ,अनर्गल प्रलाप कर और व्यर्थ गाल बजाकर जनता का ध्यान अपनी ओर खींचने की जुगत में लगे और सस्ता व् आसान प्रचार पाने के लिए राहुल गांधी को अन्य विपक्षियों की तरह घेरने की कवायद में जूट कुमार विश्वास में,जिनकी वाचाल भाषण शैली आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ ज्यादा ही तरंगित हो रही है उन्हीं कुमार विश्वास में जिन्हें अपनी भाषण शैली के कारण ,मुहर्रम और शोक मनाने वालो पर तंज कसने के कारण मुजफ्फरनगर के अधिवक्ताओं ने घेरने की कवायद शुरू की है उन्ही के रंग में रंगकर आज हमारी मीडिया कहती है -
कुमार विश्वास से डरे राहुल, पहले पहुंचेंगे अमेठी
अब हमारी मीडिया ऐसे हाल में है कि इसे समझाने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है इसके लिए मात्र ये कहा जा सकता है -''भैंस के आगे बीन बजावे ,वह बैठी पगुराय.''
अर्थात मूर्ख के आगे कलापूर्ण व्यवहार करना अथवा ज्ञान की बाते कहना व्यर्थ है .''
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
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