भारत में मताधिकार ही समाप्त करा दो राउत जी



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हमारा संविधान हमारे देश का सर्वोच्च कानून है और सभी इसका ह्रदय से सम्मान करते हैं अब करते हैं या नहीं ,पूरे विश्वास से नहीं कह सकते किन्तु इतना अवश्य कह सकते हैं कि सम्मान का दिखावा अवश्य करते हैं और विशेषकर वे जिनके हाथों में हमारे इस लोकतंत्र की बागडोर है .लोकतंत्र जिसके लिए बड़े जोर-शोर से कहा जाता है कि ''ये मूर्खों का ,मूर्खों के लिए और मूर्खों के द्वारा किया गया शासन है '' ऐसा केवल कथन रूप में ही नहीं वास्तविकता में भी साबित होता है क्योंकि ये यहाँ की जनता की मूर्खता ही कही जाएगी जो बार बार अपने ऊपर मूर्खों को राज करने का मौका देती है और अपने ही पैरों में ठीक वैसे ही कुल्हाड़ी मार लेती है जैसी कुल्हाड़ी कालिदास पेड़ की उस डाल पर मार रहे थे जिस पर वे खुद बैठे हुए थे और जनता के पैरों में कुल्हाड़ी अबकी बार मारी है राजग की सहयोगी पार्टी शिवसेना के राज्यसभा संसद राउत ने जिन्होंने ओवेसी बंधुओं पर हमला बोलते हुए देश के सर्वोच्च कानून संविधान की इस संकल्पना, जिसके द्वारा संविधान सामाजिक ,आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय की स्थापना करता है ,पर ही गहरा आघात कर दिया ,उन्होंने कहा कि मुस्लिमों से मताधिकार छीन लेना चाहिए क्योंकि मताधिकार ख़त्म होते ही ख़त्म हो जाएगी मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति, क्या भारत में केवल मुस्लिम वोट बैंक की ही राजनीति चल रही है यहाँ तो विभिन्न जातियों की भी वोट बैंक की राजनीति की जाती है जिसमे कोई दलित वोट बैंक की राजनीति करता है ,तो कोई जाट वोट बैंक की ,कोई यादव वोट बैंक की राजनीति करता है तो कोई ब्राह्मण वोट बैंक की ,ऐसे में अगर इस देश में वोट बैंक की राजनीति ऐसे ही ख़त्म करनी है तो इन सबकी वोट भी खत्म की जानी चाहियें और ऐसे में तो भारत में मताधिकार ही समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि न मताधिकार होगा और न वोट बैंक की राजनीति .

शालिनी कौशिक
    [कौशल ]

टिप्पणियाँ

कविता रावत ने कहा…
'ये मूर्खों का ,मूर्खों के लिए और मूर्खों के द्वारा किया गया शासन है
कविता रावत ने कहा…
'ये मूर्खों का ,मूर्खों के लिए और मूर्खों के द्वारा किया गया शासन है

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