धूप में रखी कोल्ड ड्रिंक जहर नहीं...... पर जहर से कम भी नही
जून का महीना चल रहा है और चल रहा है ऐसी भीषण गर्मी का मौसम, जिसमें गला सूख जाता है और मन एकदम भागता है कोल्ड ड्रिंक की दुकान की ओर, जहाँ प्लास्टिक की बोतल मे कोल्ड ड्रिंक/शीतल पेय की चुनिंदा बोतल ही होती हैं जो फ्रिज मे रखी हुई होती हैं बहुतायत मे कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक की बोतल धूप मे ही रखी हुई मिलती हैं, यही नहीं, बहुत सी बार जो गांव के लोग आते हैं वे भी कोल्ड ड्रिंक की प्लास्टिक की बोतलों को तेज धूप में मोटर बाइक के पीछे बांधकर या फिर लोहे की तेज धूप में तपती ट्रेक्टर ट्रॉली पर रखकर गांव में ले जाते हैं जो कि लगभग 7 से 12 किलोमीटर तक यूँ ही तपती हुई गांव में पहुँचती हैं और गर्मी से सूखते ग्रामीणों के गलों को ठंडक के साथ साथ क्या क्या बीमारियां मुफ्त में दे रही हैं, इसका उन्हें पता भी नहीं होता.
➡️ प्लास्टिक की बोतल कैसे बनती हैं-
ऐसे में सबसे पहले जरुरी ये है कि प्लास्टिक की बोतल की निर्माण प्रक्रिया जानी जाये ताकि हमें पता लग सके कि हम प्लास्टिक की बोतल में रखा पानी या कोल्ड ड्रिंक जो पी रहे हैं वह वास्तव में कितना खतरनाक है प्लास्टिक की बोतलें PET (पॉलीएथिलीन टेरेफ्थेलेट) से बनती हैं, जो देखने में हल्की, पारदर्शी और टिकाऊ होती हैं। लेकिन यह प्लास्टिक तब तक ही सुरक्षित मानी जाती है जब तक इसे सामान्य तापमान पर रखा जाए। जैसे ही यह गर्मी या धूप के संपर्क में आती है, इसके अणु टूटने लगते हैं और हानिकारक केमिकल्स जैसे BPA (बिसफिनोल ए) और फ्थेलेट्स पानी में मिल सकते हैं। ये केमिकल्स शरीर के हार्मोन सिस्टम को बिगाड़ सकते हैं और लंबे समय तक सेवन से गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। यही वजह है कि प्लास्टिक की बोतलों का सही तापमान में उपयोग बेहद जरूरी है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए।
➡️ प्लास्टिक की बोतल से BPA का खतरा-
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्लास्टिक की बोतल में रखे पानी से इंसान के इम्यून सिस्टम पर भी काफी बुरा असर पड़ता है.जिससे पैदा होने वाले कैमिकल शरीर पर गहरा असर डालते हैं. इतना ही नहीं, बल्कि प्लास्टिक में मौजूद फैथलेट्स जैसे केमिकल लिवर कैंसर का खतरा पैदा कर सकते हैं. प्लास्टिक की बोतलों में ज्यादा समय तक पानी रखने से बीपीए पैदा होता है. बीपीए,एक ऐसा केमिकल,जो शरीर में मोटापा, डायबिटीज आदि बीमारियों का कारण बनता है. इसे Biphenyl A कहा जाता है. इसके साथ साथ जब बोतल में रखा पानी सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से या किसी अन्य वजह से गर्म होता है तब इसमें टोक्सिन बनने लगते हैं और यही कैंसर का कारण भी बन सकता है.
➡️ धूप में रखी कोल्ड ड्रिंक जहर नहीं...... पर जहर से कम भी नही-
धूप में रखी प्लास्टिक की बोतल में रखा कोल्ड ड्रिंक जहर में बदलने की संभावना तो नहीं होती है लेकिन, उच्च तापमान के कारण प्लास्टिक की बोतल से हानिकारक रसायन निकल सकते हैं जो कोल्ड ड्रिंक में मिल जाते हैं और सेहत के लिए निम्न कारणों से हानिकारक हो सकते हैं-
➡️ प्लास्टिक की बोतल का हानिकारक रसायन:
गर्मी के कारण, प्लास्टिक की बोतल से बीपीए (BPA) और थैलेट्स (phthalates) जैसे रसायन निकल सकते हैं जो पानी में मिल जाते हैं.
➡️ प्लास्टिक की बोतल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक:-
बीपीए और थैलेट्स हार्मोन असंतुलन, कैंसर, और प्रजनन समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
➡️ प्लास्टिक की बोतल मे गर्म पानी रख़ना गलत-
प्लास्टिक की बोतलों में गर्म पानी रखने से बचना चाहिए क्योंकि यह रसायन पानी में और भी अधिक मात्रा में निकल सकते हैं.
➡️ प्लास्टिक यहाँ सुरक्षित विकल्प:-
ठंडे या कमरे के तापमान वाले पानी के लिए प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग सुरक्षित है.
➡️ प्लास्टिक में उच्च तापमान पर प्रतिक्रिया:-
प्लास्टिक की बोतलें उच्च तापमान पर आसानी से विकृत हो सकती हैं और रासायनिक पदार्थ अवक्षेपित हो सकते हैं, जिससे वे मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं.
🌑 डॉ पीयूष मिश्रा, जनरल फिजिशियन एंड इम्यूनाइजेशन ऑफिसर ,नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट, नई दिल्ली, के मुताबिक प्लास्टिक की बोतलें आमतौर पर PET यानी पॉलीएथिलीन टेरेफ्थेलेट से बनी होती हैं। जब ये बोतलें तेज गर्मी के संपर्क में आती हैं, तो इनमें से BPA और फ्थेलेट्स जैसे केमिकल्स निकल सकते हैं। ये रसायन हार्मोनल बदलाव, कैंसर और प्रजनन समस्याओं से जुड़े माने जाते हैं। खासकर अगर बोतल पुरानी या कई बार रीफिल की गई हो, तो खतरा और बढ़ जाता है।
ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की निरंतर चेतावनी को ध्यान में रखते हुए धूप में रखी प्लास्टिक बोतलों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए जारी चेतावनी को ध्यान में रखते हुए किया जाये क्योंकि इनका प्रतिबंधित इस्तेमाल धीरे-धीरे शरीर में ज़हर भर सकता है। इसलिए इस बेहद खतरनाक आदत को छोड़ना और इसके संबंध में जागरूकता फैलाना आज के इस विषैले वातावरण में बहुत जरुरी है जहाँ युवा असमय मौत के शिकार हो रहे हैं, सभी अस्पतालों पर मरीजों की भीड़ लगी है और डॉक्टर तक पहुँचने के बाद भी मरीज बच नही पा रहे हैं, ऐसे में हमें सचेत होना होगा और प्लास्टिक me रखे पानी और कोल्ड ड्रिंक का सेवन स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा बताई जा रही सावधानी बरतते हुए ही करना होगा.
द्वारा
शालिनी कौशिक
एडवोकेट
कैराना (शामली )
टिप्पणियाँ