संदेश

पुस्तक के सफल प्रकाशन हेतु मेरी अशेष मंगल कामनायें -शिव किशोर गौड़

चित्र
Shiv Kishor Gour Co-Chaiman Mobile : 0917229999 Bar Council of Uttar Pradesh मुझे यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है कि दो दशक से अधिक समय तक बार एशोसिएशन कैराना के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले अधिवक्ता हित में जीवन समर्पित करने वाले बाबू कौशल प्रत्साद एडवोकेट की स्मृति में उनके जीवन व कार्यों पर आधारित ग्रन्थ "कंटक" पथ पर नंगे पांव-" Kaushal Prasad Synonymous with Truth" का प्रकाशन किया जा रहा है। मुझे आशा व पूर्ण विश्वास है कि इस पुस्तक में ऐसी पाठ्य सामग्री का समावेश किया जायेगा जिससे पाठकों को बाबू कौशल प्रसाद जी के व्यक्तित्व व विशेष रूप से अधिवक्ता समाज के लिए किये संघर्ष के विषय में प्रमाणित व प्रेरक सामग्री प्राप्त हो सकेगी। पुस्तक के सफल प्रकाशन हेतु मेरी अशेष मंगल कामनायें ।

अधिवक्ता परिवार सर्वोपरि रहा है आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के लिए-विशाल गोयल एडवोकेट

चित्र
अपने लिए जिये तो क्या जिये। जिये तो हम जमाने के लिए।। उक्त लाईने सटीक बैठती है हमारे आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद जी एडवोकेट के लिए। सम्पूर्ण जीवन मुफलिसी में बिताते हुए जो भी कार्य किये वह जन भावना में किये, अधिवक्ताओ के हित में किये। अपने परिवार को परिवार न मानते हुए अधिवक्ता परिवार उनके लिए सर्वोपरि रहा है। मैं स्वंय उनके साथ बार एसोसिएशन की कार्यवाही में रहा, उनका कार्य बार एसोसिएशन कैराना के प्रति सम्मानजनक रहा है। मैं जो भी बातें आज इस पत्र में लिख रहा हूँ, वह बाबूजी के आर्शीवाद स्वरूप मेरी लेखनी द्वारा स्वंय लिखी जा रही हैं। मुझे बहुत खुशी होती है, जब-जब उनकी याद में कुछ नये कार्य होते हैं। आज बाबूजी के जीवन पर लिखी जा रही किताब "कंटक पथ पर नंगे पांव" के लिए मेरे द्वारा दो शब्द लिखे गये हैं। मैं बहुत प्रसन्न महसूस कर रहा हूँ। भवदीय  विशाल कुमार गोयल  एडवोकेट  कैराना (शामली )

स्वयं के लिये कभी कुछ सोचा नहीं बड़े भाई बाबू कौशल प्रसाद जी ने -नरेंद्र गोयल एडवोकेट

चित्र
       मेरे आदरणीय पिता तुल्य बड़े भाई बाबू कौशल प्रसाद जी के बारे में मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं। जब भी उनका ध्यान मन में आता है. नेत्रों से अश्रु बहने लगते हैं। बार एसोसिएशन कैराना के प्रत्येक सदस्य को अपना छोटा भाई मानते हुए अधिवक्ता हित में कार्य करना उनका प्राथमिक कार्य रहा है। अधिवक्ताओं के हित में लड़ाई लड़ना हमेशा उनके मन में समाया हुआ था। स्वयं के लिये कभी कुछ सोचा नहीं परन्तु बार के प्रत्येक सदस्य के बारे में हमेशा कुछ नया सोचते थे। बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के जीवन पर लिखी जा रही पुस्तक "कंटक पथ पर नंगे पांव के लिये लिखे जाने वाले शब्दों को लिखकर मैं प्रसन्न महसूस कर रहा हूँ। नरेंद्र गोयल  एडवोकेट  कैराना

पापा की सांसें शायद कैराना में ही अटकी रहती थी-पुत्री शालिनी कौशिक एडवोकेट

चित्र
पिता एक ऐसा सम्बन्ध, जिस पर एक बेटी की जिंदगी और सम्मान दोनों निर्भर करता है। मेरे पिता स्व. बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी इन दोनों ही कसौटियों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं। हमें उच्च शिक्षा दिलाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत किन्तु हमारी रुचि अभिरुचि में कभी कोई दखल नहीं रखने वाले थे मेरे पापा। हमारी शिक्षा का पूरा दायित्व हमारी माता जी संभालती थी। स्कूल व महाविद्यालय के शिक्षक व क्लर्क ऑफिस से पापा का परिचय रहता था। हमारी शिक्षिकाओं को भी यदि कभी कानूनी सहायता की आवश्यकता हुई तो वे पापा से मिली और पापा ने उनका कार्य कराने के लिए उन्हें कभी कैराना कचहरी के चक्कर नहीं काटने दिए किन्तु कभी पठन-पाठन या अंक बढ़ोतरी के संबंध में इस परिचय का उन्होनें अवैध लाभ लेने का प्रयास नहीं किया। पापा के स्वभाव की सहृदयता की न केवल हमारी शिक्षिकाएं बल्कि क्षेत्र के नागरिक मुक्त कंठ से प्रशंसा करते रहे हैं. ये पापा की सहृदयता का ही असर था कि हमारे राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में एक 'सैनी बहनजी' (विद्यालय में शिक्षिकाओं को दीदी और बहनजी कहने का ही नियम था) जो अपने पारिवारिक विषाद के कारण मानसिक संतुलन ...

स्वतन्त्र और निष्पक्ष विचारधारा के व्यक्तित्व थे कौशल प्रसाद जी -अरुण गर्ग

चित्र
कुमारी शालिनी कौशिक। मुझे यह जानकर बढी प्रसन्नता हुई कि आपके द्वारा अपने पिता श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट पर एक पुस्तक छापी जा रही है। श्री कौशल प्रसाद जी को मैंने बहुत नजदीक से देखा और समझा है। वह एक स्वतन्त्र और निष्पक्ष विचारधारा के व्यक्तित्व थे। अपनी इसी खूबी के कारण वह एक लम्बे समय तक कैराना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। उनके साथ कई वर्षों तक कई-कई घंटे साथ बैठने का मौका मिलता रहा। उन्होंने मेरे द्वारा सम्पादित साप्ताहिक 'कांधला गजट समाचार पत्र के माध्यम से कस्बे की जन समस्याओं, चाहे वो नगर पालिका एवं पुलिस से सम्बन्धित रही, महिला महाविद्यालय की स्थापना एवं भूमि अधिग्रहण से ताल्लुक रखने वाली रही या किसी अन्य सरकारी विभाग को लेकर रही, उनको पूरी जोरदारी के साथ उठाया और 'कांधला गजट' को अपना निःस्वार्थ सहयोग देकर 'कांधला गजट' की जलती हुई व रास्ता दिखाने वाली, शमा को आलोचनाओं व व्यवधानों के तूफानों से बुझने नहीं दिया। "'कुछ खार कम तो कर गये गुजरे जिधर से वो " उनकी हमेशा यह सोच रही कि- "कलम का काम तो है बेजुबानों को जुबां देना  कलम से जुल्म के तलुए तो...

कैराना कचहरी के हर आदमी के दिल मे बसे हैं बाबू कौशल प्रसाद जी -बाबू बृज पाल जी

चित्र
  अभी पिछले दिनों बाबू बृज पाल जी से बात हुई, थोड़ी बातचीत के बाद पता चला कि वे छोटे भाई दीपक सैनी एडवोकेट जी के पिताजी हैं, पापा के बारे में बहुत जानकारी थी उनके पास, पर बहुत थोड़ी ही मैं सहेज पाई, उनके अनुसार कभी माननीय अब्दुल्ला खान जी कैराना कचहरी में जज रहे हैं, एक बार बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी उनकी कोर्ट में गए और उनसे किसी मुकदमे के बारे में मालूमात की जिसका उन्होंने कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया तब बाबूजी ने उनसे कहा कवि हृदय तो पापा थे ही तो कुछ काव्यात्मकता के साथ कहा - " तुझको रखे राम तुझको अल्लाह रखे, दे दाता के नाम तुझको अल्लाह रखे" और यह कहकर कोर्ट से बाहर आकर हड़ताल की घोषणा कर दी और कह दिया कि खटौला यहीं बिछैगा।       हाई कोर्ट बेंच आंदोलन में जांच के मामले में बाबू बृज पाल जी के बयान होने थे, तब इलाहाबाद हाई कोर्ट से आए जस्टिस जैदी साहब के कंधे को थपथपाते हुए बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने कहा था कि न्याय कीजिए और यह कहने के बाद बृज पाल जी से बयान देने के लिए कहा और तब उन्होंने खुलकर बयान दिए थे.    बाबू बृज पाल जी के पास पापा से जुड़ी बह...

बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी कैराना की शान - सुशील कुमार एडवोकेट

चित्र
बाबू श्री कौशल जी कैराना की शान थे. उनके क़दमों पर कोई नहीं चल पाया है. वे जीवन भर बार एसोसिएशन कैराना के अधिवक्ताओं के लिए संघर्ष करते रहे और उन्होंने अधिवक्ताओं को कोर्ट में सम्मानित स्थान दिलाया था. आदरणीय बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी की मूर्ति कोर्ट परिसर में लगनी चाहिए ताकि आने वाले नए अधिवक्ताओं को उनसे सत्य और ईमानदारी के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले, बाबूजी को मेरा सादर नमन      सुशील कुमार            एडवोकेट  जिला कोर्ट शामली     स्थित कैराना