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जाट समुदाय कमजोर साबित हुआ

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 देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुँचने वाले स्व चौधरी चरण सिंह जी जैसे नेता का समुदाय "जाट बिरादरी " उनके पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही आज कितनी कमजोर पड़ गई, जाट समुदाय के होनहार बेटे "उज्ज्वल राणा "को डी ए वी (पी जी )कॉलेज बुढ़ाना के प्रिंसिपल प्रदीप कुमार और प्रबंधक अरविंद गर्ग ने मौत को गले लगाने के लिए मजबूर कर दिया और जाट समुदाय 48 घंटे के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी के आश्वासन पर धरने से उठ गया, क्या इस तरह न्याय दिलवा पायेगा जाट समुदाय निर्दोष "उज्ज्वल राणा "को?         प्रदीप कुमार और अरविंद गर्ग की गिरफ्तारी होने तक धरना स्थल खाली नहीं होना चाहिए था, अपने बेटे उज्ज्वल के अंतिम शब्दों को ही दिल में रख लेते " मैं गलत नहीं था. " द्वारा   शालिनी कौशिक  एडवोकेट  कैराना (शामली )

सीता चौक, कांधला परेशानी में

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  आज देश में बढ़ते जा रहे वाहनों की संख्या ने आम आदमी की जिंदगी में अनगिनत समस्याओं में इज़ाफ़ा कर दिया है. स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. आज लोगों के पास वाहन खरीदने के लिए बहुत पैसा आ चुका है और उस पैसे से धड़ल्ले से वाहनों की विशेष रूप से कारों की खरीदारी की जा रही है किन्तु समस्या यह नहीं है कि लोग कारें खरीद रहे हैँ, समस्या यह है कि उनके पास कारों के ख़डी करने के लिए गैराज नहीं है, व्यक्तिगत उपयोग के बाद ये वाहन स्वामी अपनी गाड़ियां दूसरों के घरों के आगे कई कई दिनों तक ख़डी करके चले जाते हैँ जिसके कारण गृह स्वामी के लिए अपने घर के आगे की खुली सडक पर आना जाना या सब्जी आदि सामान का खरीदना भी दूभर होता जा रहा है.        सीता चौक कांधला पर स्थित आवास श्री कौशल प्रसाद एडवोकेट के आगे 24 घंटे वाहनों की बढ़ती जा रही संख्या ने मुख्य द्वार का खोलना, खिड़की का खोलना सब मुश्किल कर दिया है. सीता चौक के आगे का रास्ता मेन बाजार की ओर जाता है और बाजार में दुकान करने वाले व्यापारी, बाजार से सामान खरीदने वाले यहाँ अपनी गाड़ियां ख़डी कर कई कई घंटो तक लापता हो जाते हैँ जिनके कारण या त...

प्रदीप कुमार को गिरफ्तार करो.

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एक तरफ  8 और 9 नवम्बर को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा लीगल सर्विसेज डे मनाया जाता है. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करते हैँ और कहते हैँ कि  ' तकनीक बदल सकती है व्यवस्था, अगर उसका फोकस जनता पर हो' चीफ़ जस्टिस बी.आर. गवई महात्मा गांधी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहते हैं कि — “जब भी कोई निर्णय लेने में संदेह हो, तो सबसे गरीब और कमजोर व्यक्ति का चेहरा याद करें और सोचें कि आपका निर्णय उसके किसी काम आ पाएगा या नहीं।” उन्होंने कहा कि यही विचार कानूनी सहायता आंदोलन का सच्चा सार है।"     और दूसरी तरफ शिक्षा के संस्थान "डी ए वी (PG) कॉलेज, बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर) में एक छात्र उज्ज्वल राणा कॉलेज में अपनी क्लास में ही पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा रहा है, किस लिए, मात्र 7 हजार रूपये फीस के जमा न कर पाने के कारण, छात्र कह रहा था कि गन्ना भुगतान के लिए 1 हफ्ते का समय देते हुए कॉलेज प्रशासन उसका फॉर्म जमा कर ले ताकि उसकी परीक्षा न छूटे, लेकिन कॉलेज प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं होता, ऊपर से पूरे क्षेत्र में अभद्र व्यवहार के लिए प्रसिद्ध प्राचार्य ...

गुरुनानक का सन्देश

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 महान संत गुरुनानक देव जी ने जीवन का महत्वपूर्ण सन्देश दिया है कि- "He who has no faith in himself can never have faith in God."        इसलिए अगर हम कहते हैँ कि हम भगवान में विश्वास रखते हैं तो पहले हमें खुद पर विश्वास रखना होगा क्योंकि जब तक हम अपनी समस्या का समाधान खुद नहीं कर सकते, भगवान हमारी समस्या दूर करने नहीं आएंगे क्योंकि ये भी कहा गया है कि - "God help those who helps themselves." द्वारा  शालिनी कौशिक एडवोकेट  कैराना (शामली )

क्या केवल प्रशासनिक पद पर बैठी बेटी ही मजबूत है -मिशन शक्ति अभियान पर सुलगता सवाल शालिनी कौशिक एडवोकेट का

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      उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में ''महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सशक्तिकरण व सम्मान'' के उदद्देश्यों के साथ ''मिशन शक्ति'' के रूप में वृहद अभियान की शुरुआत की गई. मिशन शक्ति अभियान के पहले चरण की शुरूवात 17 अक्टूबर 2020 को की गई थी. मिशन शक्ति अभियान के 4 चरणों में सफल संचालन के पश्चात् मिशन शक्ति फेज-5, उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया, जिसकी शुरुआत 20 सितंबर 2025 को हुई थी। यह अभियान महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ाने पर केंद्रित है, जिसमें स्वास्थ्य हेल्पलाइन का शुभारंभ, 'बीसी सखी' जैसी योजनाओं से जोड़ना और पुलिस द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाना शामिल है।        अभी तक के मिशन शक्ति अभियान के यदि हम पांचो चरणों की बात करें तो हम पाते हैं कि इस अभियान में महिला शक्ति को प्रशासनिक क्षेत्र में ही आगे बढ़ाने का आदर्श स्थापित किया गया है - ✒️ अमरोहा : मिशन शक्ति के तहत, एमएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छा...

नारी अधिक मजबूत

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कोरियर सर्विस को सदैव मात देती भारतीय डाक सेवा

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        भारतीय डाक सेवा की स्थापना एक अप्रैल 1854 को हुई थी लेकिन सही मायनों में इसकी स्थापना एक अक्तूबर 1854 को मानी जाती है। तब तत्कालीन भारतीय वायसराय लॉर्ड डलहौजी ने इस सेवा का केंद्रीकरण किया था। उस वक्त ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत आने वाले 701 डाकघरों को मिलाकर भारतीय डाक विभाग की स्थापना हुई थी। हालांकि इससे पहले लॉर्ड क्लाइव ने अपने स्तर पर 1766 में भारत में डाक व्यवस्था शुरू की थी। इसके बाद बंगाल के गवर्नर वॉरेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता में एक प्रधान डाकघर बनाया था। अंग्रेजों ने इस सेवा की शुरुआत अपने सामरिक और व्यापारिक हितों के लिए की थी। मगर यह देश की आजादी के बाद भारतीयों के लिए सुख-दुख की साथी बन गई। भारत में पोस्ट ऑफिस को प्रथम बार 1 अक्टूबर 1854 को राष्ट्रीय महत्व के पृथक रूप से डायरेक्टर जनरल के संयुक्त नियंत्रण के अर्न्तगत मान्यता मिली। 1 अक्टूबर 2004 तक के सफ़र को 150 वर्ष के रूप में मनाया गया। डाक विभाग की स्थापना इसी समय से मानी जाती है। इंडिया पोस्ट भारत में सरकार द्वारा संचालित डाक प्रणाली है, जो संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग का हिस्सा...