माइक्रो वेडिंग प्लान - वक्त की जरूरत
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विवाह एक पारंपरिक सार्वजनिक समारोहों के रूप में प्राचीन समय से भारत में मनाया जाता रहा है. अपनी खुशी में अपने सभी प्रियजनों को शामिल किया जाना इसके पीछे की खास वजहों में से एक है किन्तु सबसे मुख्य कारण जो इसके पीछे है वह है समाज के एक बड़े वर्ग को यह जानकारी होना कि एक लड़का और एक लड़की इस तरह से विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं और इन्हें आज से समाज पति पत्नि के रूप में मान्यता प्रदान करे. ये परंपरा यूँ ही चलती आ रही थी किन्तु 2020 में पूरे विश्व में कोरोना के प्रसार को देखते हुए लोगों के आपस में मिलने पर प्रतिबन्ध लगाया गया. कोरोना कर्फ्यू घोषित किया गया, तब विवाह को केवल पारिवारिक संस्था तक ही सीमित कर दिया गया. फिर धीरे धीरे देश कोरोना के कहर से बाहर आया किन्तु कोरोना के समय में लगी बहुत सी आदतों को नहीं छोड़ पाया, जैसे कि चेहरे पर मास्क लगा कर घर से बाहर निकलना, बाहर से घर में आकर साबुन से हाथ पांव धोना आदि और इन्हीं आदतों में एक आदत आज भारतीय समाज में व्याप्त होती जा रही है विवाह समारोह का बेहद संक्षेप में आयोजन, जिसे नाम दिया गया है - "माइक्रो वेडिंग" ...