सोनिया-मुलायम :राजनीति के आदर्श
       ''जो भरा नहीं है भावों से ,        बहती जिसमे रसधार नहीं .  वह ह्रदय नहीं है पत्थर है ,       जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं .''     बचपन से राष्ट्रप्रेम की ये पंक्तियाँ पढ़ते हुए ह्रदय में राष्ट्र भावना सर्वोपरि रही किन्तु आज के दो समाचार इस भावना में थोड़ा सा हेर-फेर कर गए और वह हेर-फेर स्वदेश के स्थान पर इन पंक्तियों को कुछ यूँ ह्रदय में टंकित कर गया -    '' वह ह्रदय नहीं है पत्थर है ,          जिसमे बच्चे का प्यार नहीं .''  और किसी अन्य हेर-फेर के स्थान पर सभी ये समझ सकते हैं कि ये किसी गैर के बच्चे के लिए नहीं बल्कि अपने खुद के बच्चों के लिए प्यार की बात हो रही है .           आज के दो समाचार एक तो सीधी तरह से माँ का बेटे के प्रति अनुराग दर्शित कर रहा है तो दूसरा समाचार घुमा-फिराकर बाप का बेटे के हिट को सर्वोपरि महत्व देता हुआ दिखा रहा है .       अध्यक्ष बनाये  बगैर सोनिया ने खुद ही पार्टी से दूरी बना कर राहुल के हाथों में पार्टी की कमान सौंप दी और यह तब जबकि राहुल अब तक के राजन...