बेवफा है जिंदगी न करना मौहब्बत
      दरिया-ए-जिंदगी की मंजिल मौत है ,  आगाज़-ए-जिंदगी की तकमील मौत है .  ...............................................................  बाजीगरी इन्सां करे या कर ले बंदगी ,  मुक़र्रर वक़्त पर मौजूद मौत है .  .................................................................  बेवफा है जिंदगी न करना मौहब्बत ,  रफ्ता-रफ्ता ज़हर का अंजाम मौत है .  ...............................................................  महबूबा बावफ़ा है दिल के सदा करीब ,  बढ़कर गले लगाती मुमताज़ मौत है .  .................................................................  महफूज़ नहीं इन्सां पहलू में जिंदगी के ,  मजरूह करे जिंदगी मरहम मौत है .  .................................................................  करती नहीं है मसखरी न करती तअस्सुब,  मनमौजी जिंदगी का तकब्बुर मौत है .  ................................................................  ताज्जुब है फिर भी इन्सां भागे है इसी से ,  तकलीफ जिंदगी है आराम मौत है .  .................................................................  तक़रीर नहीं सुनती न करती तकाज...