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मुंसिफ कैराना - 2

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 दिनाँक 15.10.1992 को अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुजफ्फरनगर को लिखे पत्र से ज्ञात होता है कि 07.10.1992 को कैराना में श्री महेन्द्र सिंह जी ने मुंसिफ मजिस्ट्रेट का कार्यभार ग्रहण कर लिया था, इसके बाद बाबूजी ने उनसे झिंझाना थाने को मुंसिफ मजिस्ट्रेट की कोर्ट से संबद्ध किए जाने के लिए आग्रह किया था. From the letter of (dated 15.10.1992 to the Chief Judicial Magistrate, Muzaffarnagar) President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate Ji, it is known that on 07.10.1992 Shri Mahendra Singh Ji had taken over the charge of Munsif Magistrate in Kairana, after that Babuji had requested him to attach the Jhinjhana police station with the Munsif magistrate's court.

मुंसिफ कैराना की नियुक्ति

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 दिनाँक 15.07.1992 को अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद को पत्र लिखा और उन्हें मुंसिफ कैराना की कोर्ट के खाली होने के विषय में अवगत कराया. साथ ही, उन्हें बताया कि 25,000/- रुपये के मूल्यांकन तथा लघु वाद उक्त न्यायालय में योजित होते हैं किन्तु पीठासीन अधिकारी के न होने से आवश्यक आदेश पारित नहीं हो पा रहे हैं. On 15.07.1992 President of Bar Association Kairana Babu Kaushal Prasad Advocate ji wrote a letter to Hon'ble Chief Justice of High Court Allahabad and informed him about the vacancy of Munsif Kairana's court. Simultaneously, he was told that valuations of Rs 25,000/- and minor suits are organized in the said court, but due to the absence of the presiding judicial officer, necessary orders are not being passed.

1-Civil judge court at Kairana

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 कैराना में सिविल जजी की स्थापना कोई एक दिन का कार्य नहीं था, अध्यक्ष बार एसोसिएशन कैराना बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के नेतृत्व में एक लम्बा संघर्ष किया गया. बाबूजी के संग्रह से हमें जितनी जानकारी प्राप्त होती है, वह यह है - 22. 11.1986 को बाबूजी ने वरिष्ठ अधिवक्ता और सदस्य विधान परिषद उत्तर प्रदेश श्री ज्ञान चंद्र द्विवेदी जी को उनके पत्र 07.11.1986 के पत्रोत्तर में लिखा जो माननीय श्री ज्ञान चंद्र द्विवेदी जी ने माननीय मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद श्री के जे शेट्टी जी को लिखा था और जिसमें उन्होंने बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के स्वयं से सिविल जज कोर्ट के लिए मिलने की बात बताई गई थी, साथ ही उन्होंने बताया था कि उन्होंने सदन में कैराना में कोर्ट स्थापना को लेकर प्रश्न भी पूछे थे, जिसके उत्तर में बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी ने बताया था कि कैराना में मुंसिफी 6 वर्ष नहीं 100 वर्षों से ज्यादा से स्थापित है और उन्हें न्याय मंत्री से पूछने के लिए कुछ और प्रश्न भी लिखे.   Establishment of Civil Judge in Kairana was not a one day task, a long struggle was fought under t...